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चीन के पहले Monkey B वायरस से संक्रमित शख्स की मौत, जानें इस वायरस के बारे में सबकुछ

Monkey B Virus चीन में मंकी बी वायरस का पहला मानव संक्रमण मामला सामने आया जिसमें एक पशु चिकित्सक की इस वायरस से मौत हो गई है लेकिन मरीज के करीबी फिलहाल इस वायरस से सुरक्षित हैं। उनमें ये वायरस नहीं पाया गया है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 10:04 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 10:04 AM (IST)
चीन के पहले Monkey B वायरस से संक्रमित शख्स की मौत, जानें इस वायरस के बारे में सबकुछ
चीन के पहले Monkey B वायरस से संक्रमित शख्स की मौत, जानें इस वायरस के बारे में सबकुछ

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Monkey B Virus: बीजिंग के एक पशु चिकित्सक को मतली और उल्टी जैसे लक्षणों का अनुभव हुआ, जिसके एक महीने बाद बुख़ार और न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी दिखने लगे।

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चीन में मंकी बी वायरस का पहला मानव संक्रमण मामला सामने आया, जिसमें एक पशु चिकित्सक की इस वायरस से मौत हो गई है, लेकिन मरीज के करीबी फिलहाल इस वायरस से सुरक्षित हैं। उनमें ये वायरस नहीं पाया गया है।

53 वर्षीय के ये पशु चिकित्सक, गैर-मानव प्राइमेट्स पर शोध करने वाली संस्था के लिए काम करते थे। उन्हें मार्च की शुरुआत में दो मृत बंदरों को विच्छेदित करने के एक महीने बाद मतली और उल्टी के शुरुआती लक्षण दिखे। चीन सीडीसी वीकली इंग्लिश प्लेटफॉर्म ऑफ चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।

ये वायरस बेहद ख़तरनाक है क्योंकि, इससे संक्रमित लोगों में मृत्यु दर 70 से 80 प्रतिशत है। शोधकर्ताओं ने अप्रैल में पशु चिकित्सक के Cerebrospinal Fluid को एकत्र किया और जिसमें उन्हें मंकी वायरस (BV) के लिए पॉजिटिव पाया गया। हालांकि, उसके करीबी लोगों के सैंपल वायरस के लिए निगेटिव पाए गए हैं। इस वायरस की पहचान 1932 में हुई थी। यह वायरस सीधे संपर्क और शारीरिक स्रावों के आदान-प्रदान के माध्यम से फैलता है।

जानें मंकी बी वायरस के बारे में सब कुछ

- मंकी बी वायरस, बंद एक अल्फाहर्पीसवायरस एनज़ूटिक हैं, जो बंदरों की मकाक प्रजाती में साल 1932 में पहली बार पाया गया था।

- चीन सीडीसी वीकली के अनुसार, वायरस आमतौर पर शारीरिक द्रव स्राव के सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है।

- सीडीसी ने कहा है कि जानवरों का उपचार करने वाले डॉक्‍टर, उनकी देखभाल करने वाले लोग और शोधकर्ताओं को जूनोटिक ख़तरा पैदा हो सकता है। 

- रोगजनक ज़ूनोटिक बीवी संक्रमण के लगभग 60 मामले सामने आए हैं, जिसकी घातक दर लगभग 70% -80% है।

- यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बीवी वायरस इंसानों को हो जाए, तो इसमें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करने की प्रवृत्ति होती है।

- शुरुआती लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के लगभग 1-3 सप्ताह बाद विकसित होते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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