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Stroke During Pregnancy: प्रेग्‍नेंसी में हाइपरटेंशन से क्या बढ़ता है स्ट्रोक का जोखिम?

Stroke During Pregnancy अगर ये समस्या प्रेग्‍नेंसी के समय हो जाए तो मां और बच्चे दोनों के लिए ख़तरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से प्रीक्‍लैंप्‍सिया जेस्‍टेशनल डायबिटीज़ हार्ट अटैक किडनी फेलियर प्रीमैच्‍योर डिलीवरी लो बर्थ वेट स्टिलबर्थ और यहां तक कि स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 01:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 01:21 PM (IST)
Stroke During Pregnancy: प्रेग्‍नेंसी में हाइपरटेंशन से क्या बढ़ता है स्ट्रोक का जोखिम?
प्रेग्‍नेंसी में हाइपरटेंशन से क्या बढ़ता है स्ट्रोक का जोखिम?

नई दिल्ली, रूही परवेज़। Stroke During Pregnancy: हर 100 में से 8 महिलाओं को हाई-बीपी यानी हाइपरटेंशन की परेशानी रहती है। अगर ये समस्या प्रेग्‍नेंसी के समय हो जाए, तो मां और बच्चे दोनों के लिए ख़तरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से प्रीक्‍लैंप्‍सिया, जेस्‍टेशनल डायबिटीज़, हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, प्रीमैच्‍योर डिलीवरी, लो बर्थ वेट, स्टिलबर्थ और यहां तक कि स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ जाता है।

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क्या हाइपरटेंशन से बढ़ता है स्ट्रोक का जोखिम?

मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल के स्ट्रोक एंड न्यूरोक्रिटिकल केयर में न्यूरोलॉजिस्ट और रीजनल डायरेक्टर फॉर न्यूरोलॉजी, डॉ. शिरीष हस्तक का कहना है, “गर्भावस्था में हाइपरटेंशन को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन (140/90 से अधिक बीपी) के रूप में जाना जाता है, यह गर्भावस्था के 20 सप्ताह के बाद होता है। ऐसे अन्य विकार भी हैं, जो गर्भावस्था में हाइपरटेंशन से जुड़े होते हैं। यह स्ट्रोक से संबंधित भी हो सकते हैं, जिन्हें एक्लम्पसिया (eclampsia) और प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) कहा जाता है। प्रीक्लेम्पसिया टर्म का प्रयोग तब किया जाता है जब हाइपरटेंशन रोगी 20 सप्ताह से अधिक की प्रेग्नेंसी में होता है और जब यूरिन में प्रोटीन भी होता है। एक्लम्पसिया का निदान तब किया जाता है जब प्री-एक्लेमप्सिया वाले रोगी को ऐंठन या मरोड़ होती है। आमतौर पर गर्भावस्था में स्ट्रोक बच्चे के जन्म के दौरान या बाद में होता है।

कभी-कभी मां को गर्भाशय से एमनियोटिक द्रव या प्रसव के दौरान गर्भाशय की नसों में हवा चली जाने के कारण स्ट्रोक हो सकता है। बच्चे के जन्म के दौरान, काफी मात्रा में रक्तस्राव होता है, जिससे द्रव या हवा के शिरापरक साइनस और मस्तिष्क में जाने से स्ट्रोक पैदा होने का अधिक ख़तरा होता है। अधिकांश स्ट्रोक के लिए उपचार काफी हद तक वैसा ही होता है, जैसा आम मरीज़ के मामले में होता है। गर्भवती होने के कारण एकमात्र समस्या यह होती है कि कोई भी दवा कितनी सुरक्षित रहेगी।"

प्रेग्‍नेंसी में हाइपरटेंशन की वजह से क्या ख़तरे हो सकते हैं?

मुंबई के मसीना हॉस्पिटल में कंसल्टेंट ऑब्स्टेट्रीशियन & गायनेकोलॉजिस्ट, डॉ. भाविनी शाह बालकृष्णन ने बताया:

1. गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया उच्च रक्तचाप का एक अधिक गंभीर प्रकार है। प्रीक्लेम्पसिया के कारण दृष्टि संबंधी समस्याएं, सिरदर्द, हाथों और चेहरे में सूजन, समय से पहले प्रसव और जन्म के समय कम वज]न वाले बच्चे हो सकते हैं। सबसे गंभीर स्थिति में, प्रीक्लेम्पसिया दौरे (एक्लम्पसिया) का कारण बन सकता है और इससे स्ट्रोक हो सकता है। जिन महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया हुआ हो, उन्हें गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप नहीं होने वाली महिलाओं की तुलना में जीवन में बाद में उच्च रक्तचाप, गुर्दे की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक होने का ख़तरा अधिक होता है।

2. गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के कई संभावित कारण हैं। इसमें शामिल हैं:

a) वज़न ज़्यादा होना

b) पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न होना

c) धूम्रपान

d) शराब का सेवन

e) गर्भावस्था से संबंधित उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास

f) मल्टी-फीटल जेस्टेशन - ट्विन्स या ट्रिप्लेट्स

g) आयु (35 से अधिक)

h) सहायक प्रजनन तकनीक (जैसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, या IVF)

i) डायबिटीज़ या कुछ ऑटोइम्यून रोग होना

3. उच्च रक्तचाप आर्टेरिस की अंदरूनी परत की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। जब आहार से फैट्स रक्तप्रवाह में प्रवेश करती है, तो वे क्षतिग्रस्त आर्टेरिस में जमा हो सकती हैं। आखिरकार, आर्टेरिस की दीवारें कम इलास्टिक हो जाती हैं, जिससे पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह सीमित हो जाता है, विशेष रूप से मस्तिष्क, जिसके कारण इस्केमिक स्ट्रोक होता है।

गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की वजह से कई जोखिम खड़े हो सकते हैं:

  • प्लेसेंटा में रक्त का प्रवाह कम होना। अगर प्लेसेंटा को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता है, तो बच्चे को कम ऑक्सीजन और कम पोषक तत्व प्राप्त हो सकते हैं। इससे धीमी वृद्धि (अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध), जन्म के समय कम वज़न या समय से पहले जन्म हो सकता है। समय से पहले जन्म से बच्चे को सांस लेने में समस्या हो सकती है, संक्रमण का ख़तरा बढ़ सकता है और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।
  • प्लेसेंटा अबरप्शन। प्रीक्लेम्पसिया इस स्थिति के आपके जोखिम को बढ़ाता है, जिसमें प्रसव से पहले प्लेसेंटा आपके गर्भाशय की भीतरी दीवार से अलग हो जाता है। गंभीर अबरप्शन से अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है, जो मां और बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता है।
  • अन्य अंगों में चोट। खराब तरीके से नियंत्रित उच्च रक्तचाप आपके मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े, गुर्दे, यकृत और अन्य प्रमुख अंगों को चोट पहुंचा सकता है। गंभीर मामलों में यह जानलेवा हो सकता है।
  • भविष्य में कार्डिओवैस्क्युलर रोग। प्रीक्लेम्पसिया होने से आपके भविष्य में होने वाले हृदय और रक्त वाहिका (कार्डिओवैस्क्युलर) रोग का खतरा बढ़ सकता है।

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