Coronavirus: क्या कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से भी हो सकती है डायबिटीज़?
Coronavirus कोरोना वायरस के बाद डायबिटीज़ होना पिछले साल से अभी तक कई शोध में एक अहम विषय बन गया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस तरह ये ख़तरनाक वायरस मानव शरीर पर प्रभाव छोड़ रहा है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus: एक डायबिटीज़ के मरीज़ का कोविड-19 से संक्रमित होना बेहद ख़तरनाक माना जाता है। वहीं, कई जिन्हें पहले डायबिटीज़ नहीं थी, उन्हें कोविड-19 से संक्रमित होने पर डायबिटीज़ हो रही है। पिछले कुछ महीनों में डायबिटीज़ के मामले बढ़े हैं, ख़ासतौर पर ये उन लोगों में आम हो रही है जिन्हें कोविड-19 संक्रमण हो चुका है।
पिछले साल से अभी तक कई शोध में ये विषय अहम हो गया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस तरह ये ख़तरनाक वायरस मानव शरीर पर प्रभाव छोड़ रहा है।
शोध में क्या मालूम चला है?
अब तक जो मामले सामने आए हैं, उनमें देखा जा रहा है कि कोविड के रोगी संक्रमण के बाद डायबिटीज़ से पीड़ित हो रहे हैं या फिर संक्रमण के दौरान उनमें ये बीमारी विकसित हो रही है। अमेरिका में हुए एक शोध में 3700 से ज़्यादा कोविड मरीज़ शामिल थे, जिनमें से 14 प्रतिशत मरीज़ आगे चलकर डायबिटीज़ के मरीज़ बन गए। इसी तरह के नतीजे यूके और चीन में शोध में भी सामने आए। इस शोध में देखा गया कि जिन लोगों को कोविड के बाद डायबिटीज़ हुई, उन्हें इससे पहले कभी भी ये बीमारी नहीं हुई थी। इस दौरान सबसे बड़ा सवाल यही है कि कोविड-19 की वजह से डायबिटीज़ क्यों हो रही है, जिसका जवाब अभी साफ नहीं है।
क्यों हो रहे हैं लोग डायबिटीज़ से पीड़ित?
कोरोना वायरस से उबरना आसान नहीं है। कई लोगों के लिए ज़िंदगी भर के कॉम्प्लीकेशन्स हो जाते हैं, जैसे लॉन्ग कोविड, जिसमें कोविड के लक्षण ठीक होने के बाद भी बरकरार रहते हैं। वैज्ञानिक और डॉक्टर इस बारे में विचार करना शुरू कर रहे हैं कि कोविड-19 वायरस इंसुलिन और ग्लूकोज़ चयापचय में खराबी पैदा करने की क्षमता रखता है, जिसकी वजह से लोगों को डायबिटीज़ हो रही है।
क्या इसके पीछे कोविड-19 का ट्रीटमेंट है?
कोविड-19 संक्रमण में कई तरह की दवाइयों का एक्सपेरीमेंट के तौर पर ही इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉक्टर्स ने पहले ही चेताया है कि कोविड में इस्तेमाल हो रहे स्टेरॉइड ड्रेग की वजह से शरीर में ब्लड शुगर स्तर बढ़ जाता है।
डायबिटीज़ के इन संकेतों पर दें ध्यान
कोविड-19 से उबर चुके मरीज़ों में टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज़ दोनों हो सकती हैं। इसलिए कुछ शुरुआती संकेतों पर ध्यान देना ज़रूरी है ताकि सही वक्त पर इलाज हो सके। लक्षण:
- थकावट
- ज़बरदस्त भूख लगना
- ज़्यादा प्यास लगना
- धुंधला दिखना
- चोट या घाव का धीरे-धीरे ठीक होना
- बार-बार पेशाब आना
- झुनझुनाहट या सुन्न महसूस होना
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।