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Covid-19 & Brain: क्या कोरोना वायरस दिमाग़ को पहुंचा सकता है नुकसान?

Covid-19 Brain कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारियां से ये साफ है कि ये सिर्फ एक सांस से जुड़ा संक्रमण नहीं है। ये वायरस आपके शरीर के अहम अंगों को प्रभावित कर सकता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 10:27 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 10:27 AM (IST)
Covid-19 & Brain: क्या कोरोना वायरस दिमाग़ को पहुंचा सकता है नुकसान?
Covid-19 & Brain: क्या कोरोना वायरस दिमाग़ को पहुंचा सकता है नुकसान?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Covid-19 & Brain: कोरोना वायरस मरीज़ों में कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें एक मरीज़ ने पहले बुखार, सिर दर्द, चक्कर और साथ ही स्पष्ट रूप से सोचने में इस कदर असमर्थ कि ऐसा लगता है जैसे भूलने की बीमारी हो गई हो। ऐसे मरीज़ों में भयानक सिर दर्द के कुछ दिन बाद स्वाद और सूंघने की शक्ति भी चली गई। टेस्ट कराने पर वे कोरोना वायरस पॉज़ीटिव पाए गए। इसके अलावा कई लोगों में इसके लक्षण अजीब दिखते हैं और लंबे समय तक रहते हैं।   

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कोविड सर्वाइवर नाम के एक फेसबुक सपोर्ट ग्रुप में 37 साल की चेल्सी ने कोरोना वायरस से जंग का अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि वह अकसर बात करते करते भूल जाती थीं, और एक ही कहानी बार-बार बताती थीं। साथ ही उनके हाथ और पैर की उंगलियां सुन्न हो गईं, धुंधला दिखाई देने लगा और भयानक कमज़ोरी है। चेल्सी उन चुनिंदा लोगों में से हैं, जो 80 दिनों तक कोरोना वायरस से जूझती रहीं। 

कोरोना वायरस संक्रमण

कोरोना वायरस के बारे में जितनी जानकारियां आ रही हैं, उससे ये साफ है कि ये सिर्फ एक सांस से जुड़ा संक्रमण नहीं है। ये वायरस आपके शरीर के अहम अंगों को प्रभावित कर सकता है, जिसमें दिमाग़ और नर्वस सिस्टम भी शामिल है। चीन के वुहान शहर में कोविड-19 मरीज़ों में नर्वस सिस्टम से जुड़े लक्षण देखे गए, जिसमें दौरे पड़ना और बेहोशी शामिल थे।

इस महीने की शुरुआत में, फ्रांसीसी शोधकर्ताओं ने बताया कि कोविड के 84 प्रतिशत मरीज़, जिन्हें आई.सी.यू में भर्ती कराया गया था, उनमें न्यूरोलॉजिकल समस्याएं देखी गईं। इनमें से 33 प्रतिशत लोगों में डिसचार्ज होने के बाद भी भ्रमित और अव्यवस्थित होना जारी रहा।

संक्रमण का दिमाग़ पर असर

लंबे समय से संक्रमण का असर मरीज़ के दिमाग़ पर भी पड़ता आया है। सिफिलिस और एच.आई.वी की वजह से डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी हो जाती है। ज़ीका वायरस भी दिमाग़ को बढ़ने से रोकता है, वहीं, लाइम बीमारी का अगर समय से इलाज न हो, तो उसकी वजह से तंत्रिकाओं में दर्द, चेहरे का पक्षाघात और रीढ़ की हड्डी में समस्या शुरू हो जाती है। 

हालांकि, न्यूरोलॉजिस्ट का मानना है कि कोरोना वायरस के हर मरीज़ को दिमाग़ से संबंधित दिक्कतें नहीं आएंगी, लेकिन कई लोगों के दिमाग़ पर ये संक्रमण गहरा असर भी छोड़ सकता है। जिसका कारण अभी पूरी तरह से समझ नहीं आया है। 


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