Move to Jagran APP

बरसात में तेजी से पैर पसार रहे डेंगू को लेकर हो जाएं सतर्क, जानें इसके लक्षण, निदान व बचाव

भारत में डेंगू के 4 वैरिएंट पाए जाते हैं। पहले तरह के डेंगू में बुखार के साथ प्लेटलेट्स गिरते हैं। दूसरे में रक्तस्राव के साथ बुखार और शॉक लग सकता है। तीसरे में शॉक बिना बुखार और चौथे में शॉक और बगैर शॉक के बुखार हो सकता है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 02:51 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 02:51 PM (IST)
बरसात में तेजी से पैर पसार रहे डेंगू को लेकर हो जाएं सतर्क, जानें इसके लक्षण, निदान व बचाव
हाथ पर बैठकर काटता हुआ एक मच्छर

बारिश का मौसम आते ही कुछ बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसमें डेंगू सबसे मुख्य है। हर साल न जाने कितने ही लोगों की मौत डेंगू की वजह से हो जाती है। हाल-फिलहाल उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। जिससे छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। जो लोगों और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है। तो आज हम यहां डेंगू के बारे में ही जानेंगे।

loksabha election banner

डेंगू

डेंगू एडीज़ प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है। इनके डंक द्वारा व्यक्ति के शरीर में फ्लैवी वायरस प्रवेश कर जाते हैं और वहां पहुंचकर इनकी संख्या तेजी से बढ़ने लगती है।

लक्षण

- मच्छर काटने के बाद चार से सात दिनों के भीतर कुछ लोगों में तेज या हल्का बुखार

- आंखों और सिर में दर्द

- जी मिचलाना

- पेट में दर्द, त्वचा पर लाल रैशेज़ और मांसपेशियों में दर्द

- बहुत सीरियस होने पर ब्लड का प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है, जिसकी वजह से शरीर के किसी भी हिस्से से ब्लीडिंग होने लगती है।

कैसे होती है जांच

सबसे पहले इसके की पहचान कर मरीज का सीबीसी (टोटल ब्लड काउंट) टेस्ट होता है, इससे प्लेटलेट्स काउंट का पता चल जाता है।

इसके बाद एलिसा टेस्ट से शरीर में वायरस की मौजूदगी की जांच की जाती है।

पीसीआर टेस्ट, सीरम आईजीजी और आईजीएम नामक जांच संक्रमण के बाद की स्थिति को जानने के लिए की जाती है। एक बार यह वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो इम्यून सेल्स डेंगू के वायरस से लड़ने के लिए आईजीजी और आईजीएम नामक एंटीबॉडीज का निर्माण शुरू कर देती हैं और इनका स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है।

क्या है उपचार

- डेंगू के लिए कोई खास दवा अवेलेबल नहीं। डॉक्टर बुखार और दर्द को कंट्रोल करने के लिए दवाएं देते हैं। शरीर को हाइड्रेट रखना डेंगू नियंत्रित करने का सबसे कारगर उपाय है।

- पानी और जूस जैसे लिक्विड्स लेते रहने से मरीज जल्दी रिकवर होता है।

- इस मौसम में पानी उबालकर पीना चाहिए।

- बहुत सीरियस होने पर पीड़ित व्यक्ति को इंट्रावेनस फ्लूइड या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दिया जाता है। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और प्लेटलेट ट्रांस्फ्यूजन द्वारा भी उपचार किया जाता है।

Pic credit- pexels 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.