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Mild COVID-19 Cases: कोरोना के हल्के मामलों के लिए आयुष मंत्रालय ने जारी की नई गाइलाइन्स

Mild COVID Cases जब से देश भर में कोविड-19 ने कहर बरपाना शुरू किया तब से ही आयुष मंत्रालय ने इस महामारी से लड़ने के लिए योग आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां और पूरक आहार जैसे निवारक उपायों के उपयोग की वकालत की है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 01:47 PM (IST)
Mild COVID-19 Cases: कोरोना के हल्के मामलों के लिए आयुष मंत्रालय ने जारी की नई गाइलाइन्स
प्रोटोकॉल रोगी की उम्र, वजन और बीमारी की गंभीरता के आधार पर आयुर्वेदिकजड़ी-बूटियों के सेवन की सलाह देता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mild COVID-19 Cases: महामारी के 10 महीनों बाद भी भारत में कोरोना वायरस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने हल्के और स्पर्शोन्मुख रोगियों में COVID-19 की रोकथाम और नैदानिक ​​प्रबंधन के लिए आधिकारिक प्रोटोकॉल जारी किए हैं। इन निवारक उपचार और उपायों की लिस्ट में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और काढ़ा, गर्म हल्दी वाला दूध, काढ़े का सेवन, योग और खास डाइट लेना शामिल है।  

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आयुष प्रोटोकॉल कोविड-19 से लड़ने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उपयोग को बढ़ावा देता है। जब से देश भर में कोविड-19 ने कहर बरपाना शुरू किया, तब से ही आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) ने इस महामारी से लड़ने के लिए योग, आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां और पूरक आहार जैसे निवारक उपायों के उपयोग की वकालत की है। प्रोटोकॉल रोगी की उम्र, वजन और बीमारी की गंभीरता के आधार पर आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स और जड़ी-बूटियों के सेवन की सलाह देता है।

इम्यूनिटी के लिए करें ये काम

आयुष मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय नैदानिक ​​प्रबंधन प्रोटोकॉल दस्तावेज़ के अनुसार, अश्वगंधा, गुडूची, पिप्पली और आयुष-64 गोलियों के उपयोग से स्पर्शोन्मुख सीओवीआईडी ​​-19 रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यहां तक ​​कि बीमारी को गंभीर होने से भी रोका जा सकता है। प्रोटोकॉल दस्तावेज़ में च्यवनप्राश या रसायण चूर्ण भी लिस्ट में शामिल है। साथ ही कोरोनो वायरस रोगियों के फेफड़ों को प्रभावित होने से रोकने के लिए बीमारी से उबरने के बाद योग करने की सलाह दी गई है।  

दवाओं और सप्लीमेंट्स के अलावा, प्रोटोकॉल दस्तावेज़ ने अत्यधिक संक्रामक रोग के हल्के लक्षणों और यहां तक ​​कि पोस्ट-कोविड रिकवरी के प्रबंधन के लिए डाइट में बदलाव को भी लिस्ट में शामिल किया है। इन उपायों में हल्दी वाला गर्म दूध पीना, विभिन्न जड़ी-बूटियों और मसालों से बना काढ़ा पीना और नीलगिरी के तेल या अजवाईन को उबालकर उसकी भाप लेना शामिल है।

आयुष दस्तावेज प्रतिरक्षा प्रणाली की सुरक्षा के सामान्य उपायों के महत्व को भी रेखांकित करता है, जिसमें कम से कम छह से आठ घंटे सोना और हर दिन कम से कम तीस से पैंतालीस मिनट तक व्यायाम करना शामिल है।

मास्क, स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखना भी है ज़रूरी

दिशानिर्देशों में हर बार घर से बाहर कदम रखने पर चेहरे को कवर या फेस मास्क पहनने के महत्व पर ज़ोर दिया गया है। साथ ही ये भी बताया गया है कि स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखना कितना ज़रूरी है। 

Disclaimer: आयुष प्रोटोकॉल में दिशानिर्देशों के ज़रिए ये विस्तार से बताया है कि कोविड-19 संक्रमण से पहले और ठीक हो जाने के बाद कैसे खुद की देखभाल करनी चाहिए। हालांकि, कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर आपका फौरन चिकित्सकीय परामर्श लेना बेहद आवश्यक है।


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