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Health Benefits of Multigrain Flour: वज़न कंट्रोल करने के साथ ही पाचन भी ठीक रखता है मल्टीग्रेन आटा, जानिए फायदे

एक अनज के साथ दूसरे अनाज को मिक्स करके तैयार आटे को मल्टीग्रेन आटा या कॉन्बीनेशन फ्लोर कहा जाता है। मल्टीग्रेन आटा पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है जो सेहत के लिए उपयोगी है। आप भी आटे की पौष्टिकता बढ़ाना चाहते हैं तो मल्टीग्रेन आटे की रोटी का सेवन करें।

By Shahina NoorEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 12:29 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 12:29 PM (IST)
Health Benefits of Multigrain Flour: वज़न कंट्रोल करने के साथ ही पाचन भी ठीक रखता है मल्टीग्रेन आटा, जानिए फायदे
मल्टीग्रेन आटा आपको मोटापा से बचाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। अनाज हमारी डाइट का अहम हिस्सा है। रोटी बनाने के लिए हम गेहूं, बाजरा, मक्का और ज्वार जैसे अनाज का प्रयोग करते हैं। रोटी ना सिर्फ हमारी भूख को शांत करती है बल्कि हमारी सेहत का भी ध्यान रखती है। हम इंडियन अपनी डाइट में गेहूं के आटे की रोटी खाना ज्यादा पसंद करते हैं। गेहूं का आटा खाने में स्वादिष्ट होता है इसलिए ज्यादातर लोग इसी आटे की रोटी खाते हैं। गेहूं के आटा में दूसरे अनाज की तुलना में पोषक तत्व बहुत कम होते हैं। आप जानते हैं कि अगर गेहूं के आटा में कुछ और अनाज को मिक्स कर लिया जाए तो उसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है और वो सेहत को कई तरह से फायदा भी पहुंचाता है।सेहतमंद रहना चाहते हैं तो मल्टीग्रेन आटा का सेवन करें।

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मल्टीग्रेन आटा क्या है?

एक अनज के साथ दूसरे अनाज को मिक्स करके तैयार आटे को मल्टीग्रेन आटा या कॉन्बीनेशन फ्लोर कहा जाता है। मल्टीग्रेन आटा पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है, साथ ही सेहत के लिए भी उपयोगी होता है। आप भी आटे की पौष्टिकता बढ़ाना चाहते हैं तो मल्टीग्रेन आटे की रोटी का सेवन करें। आइए जानते हैं कि मल्टीग्रेन आटा कैसे तैयार करें और उसके सेहत को कौन-कौन से फायदे हो सकते हैं।

कैसे तैयार करें मल्टीग्रेन आटा

अगर आप 5 किलो मल्टीग्रेन आटा बनाना चाहती है तो गेहूं 3 किलोग्राम तो सोयाबीन, मक्का, जौ, चना आदि अनाज की मात्रा 500-500 ग्राम रखें। यदि आप बाजार का पैक्ड आटा प्रयोग करती हैं, तो इसी अनुपात में गेहूं के आटे में अन्य अनाज का आटा मिक्स करके इस्तेमाल करें।.

मल्टीग्रेन आटा के फायदे

बच्चों के मसल्स मजबूत करेगा यह आटा:

पांच किलोग्राम गेहूं के आटे में 500 ग्राम सोयाबीन, 1 किलोग्राम चना और 500 ग्राम जौ मिला कर पिसवाए। यह आटा प्रोटीन का बेस्ट स्रोत है जो बढ़ती उम्र के बच्चों की प्रोटीन की जरूरत को पूरा करेगा।

प्रेग्नेंसी में महिलाएं करें इस तरह आटा का सेवन:

गर्भवती महिलाओं को गेहूं के आटे में सोया, पालक, मेथी, बथुआ और लौकी जैसी हरी सब्जियों और थोड़ी सी अजवाइन मिला कर आटे का सेवन करना चाहिए।

पाचन ठीक रखता है:

मल्टीग्रेन आटा पाचन को दुरूस्त रखता है। इसमें भरपूर फाइबर मौजूद होता है जो पाचन को ठीक रखता है और कब्ज से निजात दिलाता है।

मोटापा कंट्रोल करता है यह आटा:

मोटापे के शिकार लोगों को गेहूं के आटे के बजाय केवल चना, ज्वार, बाजरा जैसे विभिन्न अनाज से बनी रोटी का प्रयोग करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर आपको लम्बे समय तक भूख नहीं लगने देता और आपका पेट भरा रहता है तो आप ओवर इटिंग से बचते हैं। 

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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