कोरोना से रिकवर होने के बाद फिर से हो सकते हैं इसका शिकार इसलिए रखें इन बातों का खास ख्याल
कोरोना के बाद भी लोगों को अपनी सेहत के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए वरना वे दोबारा संक्रमित हो सकते हैं। तो हॉस्पिटल से घर लौटने के बाद किन चीज़ों का रखना होगा ख्याल इसके बारे में जान लें जिससे दोबारा न होना पड़े परेशान।
अपने आसपास आपने कुछ ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा, जो कोविड-19 के संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद पूरी बेफ्रिक्री से घूमना-फिरना और खानपान के मामले में लापरवाही बरतना शुरू कर देते हैं। दरअसल लोगों के बीच इसे लेकर कई तरह की भ्रामक धारणाएं प्रचलित हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि अब वे पूर्णतः स्वस्थ हो चुके हैं, इसलिए उन्हें दोबारा कोई समस्या नहीं होगी, पर वास्तव में ऐसा नहीं होता। कोरोना के बाद भी लोगों को अपनी सेहत के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए, वरना वे दोबारा संक्रमित हो सकते हैं।
कुछ संभावित खतरे
कोरोना से स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से घर लौटने के बाद भी कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ़, न्यूमोनिया, पाचन संबंधी गड़बड़ी और कमजोर इम्यूनिटी जैसी समस्साएं हो सकती है। ऐसी स्थिति उनमें वायरल फीवर, टीबी या न्यूमोनिया से संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण दोबारा बीमार पड़ने के बाद ऐसे मरीजों की सेहत में धीमी गति से सुधार होता है। जिस तरह टीबी या न्यूमोनिया के बाद गंभीर किस्म के कोविड-19 संक्रमण के बाद भी लंग्स पर ऐसे निशान बन सकते हैं, जिन्हें फाइब्रोसिस कहा जाता है। अगर सरल भाषा में कहा जाए तो इसकी वजह से व्यक्ति में दोबारा न्यूमोनिया जैसे लक्षण पैदा होने लगते हैं। चूंकि कोरोना वायरस से लड़ने के बाद लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता लंबे समय तक काम नहीं करती। इसलिए कुछ मरीजों में संक्रमण दूर के महीनों बाद दोबारा संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं। खासतौर पर कोरोना की वजह से 60 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों के लंग्स, हार्ट और किडनी की कार्य-क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
घर लौटने के बाद
हालांकि मामूली लक्षण वाले या एसिम्टोमैटिक मरीजों को 14 दिनों के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाी है या डॉक्टर के निर्देशानुसार होम क्वॉरंटाइन के नियमों का पालन करते हुए वे घर पर ही इस बीमारी से छुटकारा पा लेते हैं। लेकिन अगर आप हॉस्पिटल से इलाज करवाकर लौटे हैं तो आपको खासतौर से इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. शुरुआत के तीन दिनों तक एक अलग कमरे में रहकर होम क्वारंटाइन के नियमों का पालन करें, हमेशा मास्क पहनें। इसके अलावा अपने परिवार के सदस्यों के साथ भी उचित शारीरिक दूरी बनाकर रखें।
2. अपने लिए अलग थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर रखें। रोजाना शरीर के तापमान, ऑक्सीजन लेवल और हृदय गति की जांच करें। कुछ ही असामान्य नज़र आए तो अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।
3. अगर डायबिटीज़ और हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो तो डॉक्टर के निर्देशानुसार शुगर, बीपी की जांच करने के बाद नियमित रूप से दवाओं का सेवन करें।
4. इस संक्रमण के बाद कुछ लोगों को बहुत कमजोरी महसूस होती है। इसलिए घर पर रहकर आराम करना बहुत जरूरी है।
घरेलू कामकाज की शुरुआत धीमी गति से करें वरना थकान से दोबारा बुखार हो सकता है।
5. प्रोटीनयुक्त पौष्टिक आहार लें, लेकिन भोजन सुपाच्य होना चाहिए। घी-तेल और मिर्च-मसालों से दूर रहें।
6. अगर किडनी कमजोर हो तो वह प्रोटीन को ढंग से फिल्टर नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में नॉनवेज के बजाय दालों का सेवन करें।
डॉ. अरुण लखनपाल, पल्मोनरी स्पेशलिस्ट, यथार्थ हॉस्पिटल (कोविड केयर सेंटर) से बातचीत पर आधारित
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