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कीटो, जूस और पेलियो डाइट है सेहत के लिए कितना असरदार, जानें यहां

सेहत में झटपट चमत्कार लाने जैसे वादे करते डाइट प्लान इन दिनों अक्सर सामने आते रहते हैं। मगर क्या ये डाइट प्लान वाकई में असरदार होते हैं? ये जानना है जरूरी।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 08:38 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 08:38 AM (IST)
कीटो, जूस और पेलियो डाइट है सेहत के लिए कितना असरदार, जानें यहां
कीटो, जूस और पेलियो डाइट है सेहत के लिए कितना असरदार, जानें यहां

नए जमाने की मौजूदा युवा पीढ़ी सेहत के प्रति अति सजग रहने लगी है। मोटापा और लाइफस्टाइल से जुड़ी अन्य समस्याओं के मामलों में आने वाली तेजी से स्वास्थ्यव‌र्द्धक आहार का नियमित सेवन यूं भी जरूरी हो जाता है। सेलेब्रिटी से लेकर विज्ञान तक, कहीं न कहीं से तमाम तरह की डाइट का मशविरा हमारे सामने आता ही रहता है, ऐसे में अपने शरीर और लाइफस्टाइल के हिसाब से उचित डाइट का चुनाव करना एक तरह से मशक्कत का काम होता है, हालांकि आपके शरीर को इस तरह की मशक्कत करने की कोई जरूरत नहीं है, अगर आप अपने लिए एक संतुलित आहार व्यवस्था की तलाश कर रहे हैं।

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साथ ही, ब्लॉग, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के भंडार आए दिन यही बताते रहते हैं कि कौन से शानदार खाद्य पदार्थ तेजी से वजन कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं, ऐसे में आपका कंफ्यूज हो जाना लाजिमी है। तो हमारी सलाह यही है कि बात जब सेहत की हो तो हमेशा उचित न्यूट्रिशनिस्ट/ डाइटिशियन से ही सलाह लें। यहां हम आपको तेजी से वजन घटाने का दावा करने वाली तीन ऐसी डाइट्स के बारे में बता रहे हैं जो इन दिनों तेजी से पसंद की जा रही हैं। ऐसे में आपको इनके बारे में हर तरह से जान लेना बेहद जरूरी है।

का‌र्ब्स काटती कीटो डाइट

कीटोसिस डाइट या कीटो डाइट का सीधा लक्ष्य होता है आपकी थाली से कार्बोहाइड्रेट्स को पूरी तरह निकाल देना। कार्बोहाइड्रेट्स हमारे शरीर में जाकर इंसुलिन और ग्लूकोज में बंट जाते हैं जो बाद में शरीर के लिए एक प्रकार से ईधन का काम करते हैं। जब हम का‌र्ब्स का सेवन करना बंद करके हाई प्रोटीन (हरा सलाद, मध्यम तली हुई सब्जियां, उबला चिकन, मछली और अंडे का सफेद भाग) व फैट का सेवन शुरू कर देते हैं तो हमारा शरीर बॉडी फैट कम करने लगता है और कीटोन बनाने लगता है। जब आपके खून में कीटोन का स्तर एक निश्चित मात्रा तक पहुंच जाता है तो आप कीटोसिस की स्थिति में पहुंच जाते हैं-जिसके परिणाम स्वरूप तेजी से वजन कम होने लगता है और आप स्वस्थ, स्थिर वजन की अवस्था को पा लेते हैं। इस बारे में न्यूट्रिशन थेरेपिस्ट नीलांजना गुप्ता कहती हैं, 'वे मरीज जिनमें बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं, उनके लिए कीटो डाइट सख्त मना होती है। यह वजन कम करने का सही तरीका कतई नहीं होता और इसीलिए हम इसकी सलाह नहीं देते हैं।'

नहीं है लंबी रेस की साथी

इसे चाहें जूस डाइट कहें, डीटॉक्स या क्लींज डाइट, यह डाइट उन लोगों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हो रही हैं जो अपनी वजन से जुड़ी समस्या का 'चुटकी' में समधान ढूंढना चाहते हैं। सामान्यत: यह डाइट बेहद कम समय अंतराल में आपको ठोस खाद्य पदार्थो से दूर कर विभिन्न सब्जियों और फलों के जूस पर निर्भर बना देती है। सुबह के नाश्ते से लेकर रात में सोने जाने तक इस डाइट में आपको सिर्फ हरी सब्जियों, फाइबर युक्त फलों और प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट वाली सब्जियों के जूस का ही सेवन करना होता है। उदाहरण के लिए, जब आप जूस डाइट पर होते हैं, आपकी सुबह की शुरुआत एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू की कुछ बूंदें डालकर इसके सेवन से होती है। तो वहीं लंच से पहले पालक-सेब का जूस, लंच में टमाटर-सब्जियों का जूस, शाम के नाश्ते में बिना शक्कर वाली एक कप ग्रीन टी और डिनर में चुकंदर का जूस लेना होता है। बेशक, कुछ लोगों के लिए जूस डाइट असरकारी होती है क्योंकि यह डाइट आपके शरीर में चीनी, कैलोरी और वसा की मात्रा को कम कर देती है लेकिन जैसे ही आप खाने की सामान्य दिनचर्या में आते हैं, वजन कम होने की यह प्रक्रिया लंबे समय तक जारी नहीं रहती है।

खाओ तभी जब भूख लगे

पेलियो डाइट यानी खाने का वह तरीका जिसमें हम अपनी जड़ों की ओर लौटें। इस डाइट में खाने के उन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें पेलियोलिथिक काल के इंसानी पूर्वज अपनाते थे। इस डाइट में डेयरी उत्पाद, नमक, परिष्कृत वनस्पति तेल, जड़ व स्टार्चयुक्त सब्जियां, अनाज के सेवन पर पाबंदी रहती है तो वहीं प्रचुर मात्रा में प्रोटीनयुक्त व पेड़-पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थो का सेवन किया जाता है। इस डाइट में आपको ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय और मौसमी खाद्य पदार्थो, फलों आदि का सेवन करना होता है। कुल मिलाकर वह भोजन जो पेलियोलिथिक काल में इंसानों के लिए सहजता से उपलब्ध था। न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. मंजरी चंद्रा के अनुसार, 'पेलियो डाइट में आपको तब खाना होता है जब आपको भूख लगे। इस डाइट के तमाम सकारात्मक प्रभाव होते हैं। परिष्कृत और पैकेज्ड खाद्य पदार्थो का सेवन करना बंद करने से शरीर में मोटापा कम होने लगता है, जिससे पोषक तत्व प्रभावी तौर पर अवशोषित होने लगते हैं।'


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