Unusual Indian Spices: 5 ऐसे अनोखे भारतीय मसाले जो बदल देंगे आपके खाने का स्वाद
Unusual Indian Spices आज हम आपको बा रहे हैं ऐसे 5 मसालों के बारे में जिनके बारे में आपने शायद ही सुना होगा लेकिन अगर इन्हें खाने में मिलाया जाए तो स्वाद दोगुना कर देते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Unusual Indian Spices: मसालों के बिना कोई भी भारतीय खाना अधूरा है। हम सभी खाने में हल्दी, धनिया, सौंफ, काली मिर्च और गरम मसाला जैसे मसाले खाकर बड़े हुए हैं। खाने का स्वाद इन्ही मसालों के कॉम्बीनेशन से मिलकर बनता भी है और बिगड़ता भी है। हालांकि, इनमें से ज़्यादातर मसालों को सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि इनमें छिपे फायदों की वजह से भी होता है।
आज हम आपको बा रहे हैं ऐसे 5 मसालों के बारे में जिनके बारे में आपने शायद ही सुना होगा, लेकिन अगर इन्हें खाने में मिलाया जाए तो स्वाद दोगुना कर देते हैं। इनमें से ज़्यादातर मसालों का इस्तेमाल कुछ खास राज्यों में ही किया जाता है।
भुट जोलोकिया
भूत झोलकिया मिर्च को पूरी दुनिया में सबसे तीखी और तेज मिर्च के रूप में वर्ष 2007 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉडर्स में भी दर्ज किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सामान्य मिर्च की तुलना में भूत झोलकिया मिर्च में 400 गुना ज्यादा तीखापन होता है। भारत में भूत झोलकिया मिर्च की खेती असम, नागालैंड और मणिपुर में होती है। जिन लोगों को ज़्यादा मिर्च पसंद है वह इसे अपने खाने में मिला सकते हैं।
राधुनी
इसे सूखा अजवाइन भी कहा जाता है, क्योंकि राधुनी दिखने में बिल्कुल अजवाइन जैसी लगती है इसलिए कई बार इसे अजवाइन ही समझा जाता है। हालांकि, ये अजवाइन के पौधे का सूखा हुआ फल होता है और इसका स्वाद धनिया और अजवाइन जैसा होता है। इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल बंगाल और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में किया जाता है।
कंथारी मलकू
बर्ड्स आई मिर्च की एक दुर्लभ किस्म, कंथारी मलाकू सफेद रंग की होती है और प्रमुख रूप से केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में पाई जाती है। कंठारी मुलाकू में हरी मिर्च जितना तीखापन होता है और इसका उपयोग भूख को उत्तेजित करने, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। ये सफेद मिर्च दाल में तड़का लगाने के काम आ सकती है।
सिचुआं मिर्च
इस मसाले को कई बीमारियों के इलाज के लिए औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, ये मिर्च अपने आप में तीखी नहीं है, इसे खाने पर आपकी ज़बान सुन्न ज़रूर हो जाएगी। इसका स्वाद सबसे अच्छा तब आता है जब इसे सलाद या कॉन्टीनेन्टल खानों के लिए भूना जाता है।
रतनजोत
एक स्वादिष्ट और प्राकृतिक खाने का रंग, रतनजोत का इस्तेमाल ज़्यादातर कश्मीरी और हिमाचली खानों में किया जाता है। रोग़न जोश में आपको जो गहरा लाल रंग नज़र आता है वह इसी मसाले का होता है।
कालपसी
इस मसाले को पत्थर के फूल भी कहा जाता है, ऐसा माना जाता है कि कालपसी का अपना कोई स्वाद नहीं होता, लेकिन फिर भी किसी भी डिश में एक अनोखा स्वाद जोड़ देता है। ये भारत के कई व्यंजनों का खास हिस्सा है, इसे कई मसालों के साथ मिलाकर एक मसाला बनाया जाता है। इन मसालों के मिक्स को लखनऊ में पोटली मसाला और महाराष्ट्र में गोदा मसाला कहा जाता है।