Fruits In Diet: फल कब और कैसे खाने हैं इससे जुड़े ये 5 मिथक है बेहद पॉपुलर, जानें इनकी सच्चाई
Fruits In Diet फलों को डाइट में शामिल करना बेहद ज़रूरी है यह बात आपको हर डॉक्टर और आहार विशेषज्ञ बताएगा। लेकिन फिर भी लोगों के मन में यह बात भी आती है कि फलों को किस समय खाएं। इससे जुड़े कई वायरल मिथक आपने सुने भी होंगे।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Fruits In Diet: इंटरनेट के ज़माने में आपको कई तरह के मिथक पढ़ने को मिल जाएंगे। जिनमें से सबसे ज़्यादा पॉपुलर हैं फलों से जुड़ी ग़लत बातें। इन मिथकों का दावा होता है कि फल को एक खास समय पर खाना चाहिए, किस तरह खाना चाहिए और यहां तक कि किसको नहीं खाना चाहिए...यह भी बताया जाता है।
अगर आप भी इस तरह के मिथकों के झांसे में आ चुके हैं, तो इस आर्टिकल को ज़रूर पढ़ें और जानें फलों से जुड़े 5 मिथकों और उनकी सच्चाई के बारे में:
मिथक-1: फल हमेशा खाली पेट ही खाने चाहिए
यह मिथक आपने कई बार सुना होगा। मिथक का दावा है कि भोजन के साथ फल खाने से पाचन धीमा हो जाता है और भोजन आपके पेट में रुक जाता है और सड़ता है। यह भी दावा करता है कि भोजन के साथ फल खाने से गैस, बेचैनी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। फलों में फाइबर आपके पेट से भोजन के रिलीज़ को धीमा कर सकता है, लेकिन बाकी दावे झूठे हैं। फल खाना पचने में देरी का कारण बन सकता है, लेकिन इसकी वजह से खाना पेट में रुकता नहीं है।
मिथक-2: खाने से पहले या बाद में फल खाने से इसका फायदा कम हो जाता है
इस मिथक का दावा कि फलों का पूरी तरह से फायदा उठाने के लिए आपको इनका सेवन खाली पेट ही करना चाहिए। इसके अनुसार, अगर आप फलों को खाने से पहले या फौरन बाद खाते हैं, तो फलों के पोषक तत्व कम हो जाते हैं। हालांकि,यह सच नहीं है।
मिथक-3: अगर आपको डायबिटीज़ है, तो आपको फल खाने के 1-2 घंटे पहले या बाद में खाने चाहिए
इस मिथक का विचार यह है कि डाबिटीज़ से पीड़ित लोगों को अक्सर पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं, और भोजन से अलग फल खाने से किसी तरह पाचन में सुधार होता है। हालांकि, कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण यह नहीं बताता है कि फल खाने से पाचन में सुधार होता है। इससे सिर्फ इतना पर्क पड़ता है कि फलों में मौजूद कार्ब्स और शुगर रक्त में तेज़ी से घुस जाते हैं, डायबिटीज़ से पीड़ित लोग इससे बचना चाहेंगे।
मिथक-4: फल खाने का बेस्ट समय है सुबह का
इसके पीछे किसी तह का लॉजिक नहीं है और न ही सबूत। कुछ ऑनलाइन स्रोतों का दावा है कि फलों में मौजूद चीनी से आपके रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होती है, जिससे आपका पाचन तंत्र जाग जाता है। वास्तव में, कोई भी कार्ब युक्त भोजन आपके ग्लूकोज को अवशोषित करते हुए रक्त शर्करा को अस्थायी रूप से बढ़ा देगा, चाहे दिन का समय कुछ भी हो। फल आपके शरीर को ज़रूरी एनर्जी और पोषण देंगे और इसके अलावा कुछ भी नहीं। आपको अपने पाचन तंत्र को जगाने की ज़रूरत नहीं होती।
मिथक-5: दोपहर में 2 बजे के बाद फल नहीं खाने चाहिए
इसके पीछे दावा यह है कि दिन के दो बजे के बाद फल खाने से आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, और वज़न बढ़ने का कारण बनता है। हालांकि, यह इस बात के पीछे कोई कारण नहीं है कि फल दोपहर में उच्च रक्त शर्करा का कारण बनते हैं। कोई भी कार्ब युक्त भोजन आपके रक्त शर्करा को बढ़ा देगा क्योंकि ग्लूकोज अवशोषित हो रहा है। लेकिन, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि दिन के किसी भी अन्य समय की तुलना में दोपहर 2 बजे के बाद ही आपका ब्लड शुगर अधिक बढ़ जाता है।
फल खाने का सही समय क्या है?
दिन के किसी भी समय फलों को खाया जा सकता है। इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि आपको दोपहर में या भोजन के आसपास फल खाने से बचना चाहिए। फल स्वस्थ, पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें पूरे दिन खाया जा सकता है। हालांकि, अगर आप डायबिटीज़ के मरीज़ हैं तो इस बारे में अपने पोषण विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।