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World No Tobacco Day: जानें क्यों मनाते हैं विश्व तम्बाकू निषेध दिवस और क्या है इस साल की थीम

World No Tobacco Day हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। सेहत के लिए तम्बाकू कितना हानिकारक हो सकता है यह जानते हुए भी लोग इसे खाने से परहेज नहीं करते। चलिए जानते हैं इस दिन का इतिहास महत्व और थीम क्या है।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawPublished: Tue, 30 May 2023 09:42 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2023 09:42 AM (IST)
World No Tobacco Day: जानें क्यों मनाते हैं विश्व तम्बाकू निषेध दिवस और क्या है इस साल की थीम
World No Tobacco Day: जानें क्या है इस दिन का महत्व

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World No Tobacco Day: तम्बाकू सेहत के लिए कितना खतरनाक है ये जानते हुए भी लोग इसके इस्तेमाल से परहेज नहीं करते। ऐसे में सेहत पर पड़ने वाले इसके खराब प्रभावों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और दुनिया भर में तम्बाकू के इस्तेमाल को कम या बंद करने के लिए हर साल 31 मई को 'वर्ल्ड नो टोबैको डे' यानी विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।

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तम्बाकू न केवल इसे उगाने और खाने वालों की सेहत पर बुरा असर डालता है बल्कि ये पर्यावरण के लिहाज से भी काफी नुकसानदायक है क्योंकि ये डिफॉरेस्टेशन (पेड़ों की कटौती) को बढ़ावा देता है। तम्बाकू में खैनी, गुटखा और सुपारी जैसी चीजें शामिल हैं, जो जानलेवा होती हैं। चलिए विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के मौके इसके इतिहास और महत्व के साथ इस साल की थीम के बारे में भी जानते हैं।

वर्ल्ड नो टोबैको डे क्या है?

हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद तम्बाकू के इस्तेमाल से होने वाले हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में जागरुकता फैलाना है। इस दिन संयुक्त राष्ट्र समेत कई वैश्विक संगठन मिलकर दुनिया भर तम्बाकू के इस्तेमाल को कम कैसे किया जाए इसपर नई-नई रणनीतियां तैयार करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक हर साल दुनिया भर में लगभग 3.5 मिलियन हेक्टेयर जमीन तम्बाकू उगाने के लिए इस्तेमाल में ली जाती है, जिसकी वजह से प्रति वर्ष 200,000 हेक्टेयर जंगलों से पेड़ों की कटाई होती है।

वर्ल्ड नो टोबैको डे का इतिहास क्या है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1987 में तम्बाकू के इस्तेमाल को नियंत्रित करने पर जोर देने के लिए संकल्प लिया। इसके बाद सबसे पहले वर्ल्ड नो टोबैको डे 31 मई, 1988 को मनाया गया। पहले साल की थीम थी "तम्बाकू या स्वास्थ्य: स्वास्थ्य चुनें।"

वर्ल्ड नो टोबैको डे 2023 की थीम क्या है?

WHO के मुताबिक, वर्ल्ड नो टोबैको डे 2023 की थीम है "हमें खाने की आवश्यकता है, तम्बाकू की नहीं।" इस थीम के जरिए डब्ल्यूएचओ किसानों को तम्बाकू उगाने के बजाय ज्यादा से ज्यादा अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। यह अभियान सरकार से तम्बाकू उगाने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील भी करता है।

वर्ल्ड नो टोबैको डे का महत्व क्या है?

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस को दुनिया भर के उन करोड़ों लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जाता है, जो इसके नुकसान को जानते हुए भी इसे खाने से घबराते नहीं। इसका मकसद लोगों को तम्बाकू के इस्तेमाल से जुड़े स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के बारे में याद दिलाना है, जिसमें फेफड़े का कैंसर, हार्ट डिजीज, सांस की बीमारी समेत कई और गंभीर बीमारियां शामिल हैं।

भारत में तम्बाकू का इस्तेमाल

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 के मुताबिक, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (कुल वयस्कों की आबादी का 29%) तम्बाकू का उपयोग करते हैं। भारत में टोबैको के इस्तेमाल का सबसे आम रूप गुटखा, सुपारी, खैनी और जर्दा है। इसके अलावा स्मोकिंग के रूप में भी तम्बाकू का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जाता है, जिसमें बीड़ी, सिगरेट और हुक्का शामिल हैं।


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