बोर्डरूम से लेकर पार्टी-फंक्शन्स तक हर जगह खास नजर आने के लिए कुछ अलग तरह से पहनें साड़ी
भारत में साड़ी कभी आउट ऑफ ट्रेंड नहीं होती। फैशन चाहे कितना भी बदल जाए छह गज के इस परंपरागत परिधान का जादू बना ही रहता है। बोर्डरूम से लेकर पार्टी-फंक्शन्स तक हर जगह खास महसूस कराने वाली साड़ी में कैसे दिखें अलग जानिए यहां।
ऐसा नहीं है कि साड़ी सिर्फ शादी, पूजा या त्योहार जैसे पारंपरिक मौकों पर ही पहनी जा सकती है। आप किसी भी क्षेत्र में हो अपने प्रोफेशन के हिसाब से साड़ी पहन सकती हैं। भारत में साड़ी कभी आउट ऑफ फैशन नहीं होती। फैशन चाहे कितना भी बदल जाए या मॉर्डन हो जाए, छह गज लंबे इस परंपरागत परिधान का कोई तोड़ नहीं है। बनारसी, किमख्वाब, टिशू पैठनी जहां खास मौकों पर पहनी जाती हैं वहीं इकत, मुकेश व रेशम-गोटा वाली साड़ियों को आप किसी भी मौके पर पहन सकती हैं। जो खूबसूरती और नज़ाकत दोनों को साथ लेकर चलती हैं।
साड़ी में ऐसे पाएं अलग लुक
1. ब्लाउज़ का रंग, प्रिंट या डिज़ाइन बदलकर आप साड़ी को हर बार नया रूप दे सकती हैं। जैसे अगर आपके पास येलो प्लेन साड़ी है तो कभी उसे प्लेन व्हाइट ब्लाउज़ के साथ पहनें, कभी लाल स्लीवलेस के साथ तो कभी गहरे रंग के प्रिंटेड ब्लाउज़ के संग। हर बार इसका रूप अलग होगा।
2. बोर्डरूम की किसी मीटिंग में जितना असर पॉवर सूट का होता है, साड़ी कहीं से भी उससे कमतर नहीं बैठती। कलफ (स्टार्च) लगी कॉटन साड़ियां पहनकर आप जता सकती हैं कि आप भी अपनी साड़ी की तरह कड़क और कॉन्फिडेंट हैं।
3. साड़ियां स्लीवलेस ब्लाउज़ के साथ गजब ढ़ाती हैं। ब्लाउज़ की वजह से साड़ियों में वह ग्लैमर आ जाता है, जिसकी दरकार होती है।
4. अगर आप पारंपरिक साड़ी पहन रही हैं, तो उसके साथ ज्लूरी की टेंशन न लें। साड़ी के साथ हर तरह की जूलरी अपने आप फबने लगती है। अगर फंक्शन सादा है, तो मिनिमल लुक के लिए सिर्फ बड़े झुमके पहनें।
5. साड़ी के पल्लू को भी अलग-अलग तरीकों से कैरी करके लुक में वैराइटी लाई जा सकती है। जैसे-बनारसी साड़ी को आप सीधा या उल्टा किसी भी पल्लू में पहनें अच्छा ही लगेगा। ऐसे ही शिफॉन साड़ियों का पल्लू फ्लैट ज्यादा खूबसूरत लगता है।
(आशा गौतम लेबल के डिज़ाइनर गौतम गुप्ता से बातचीत पर आधारित)
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