पैरों की मजबूती भी है सुंदरता का हिस्सा
पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों के पैर ज्यादा नाजुक होते हैं। इसलिए इनमें चोट और खिंचाव जैसी समस्याओं की संभावनाएं भी अधिक होती हैं।
हम व्यक्तित्व को संवारने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। इन कोशिशों में आम तौर पर ध्यान शरीर के ऊपरी हिस्से पर होता है, निचले हिस्से यानी पैरों का खयाल काफी कम रहता है। हम यह भूल जाते हैं कि शरीर का ऊपरी हिस्सा इन्हीं पैरों पर टिका है। पैर ही हमारे व्यक्तित्व का आधार है, जिन्हें मजबूत और तंदुरुस्त बनाए रखना बेहद जरूरी है। भला कैसे, जानिए फिटनेस एक्सपर्ट नीरज मेहता से।
पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों के पैर ज्यादा नाजुक होते हैं। इसलिए इनमें चोट और खिंचाव जैसी समस्याओं की संभावनाएं भी अधिक होती हैं। इसका मुख्य कारण है- पैरों को स$ख्ती से जमीन पर रखना या फिर घुटने अंदर की तरफ रखना। साथ ही स्त्रियों के पैरों की हेमस्ट्रिंग्स (घुटने की पीछे की नस)अकसर कमजोर पाई जाती है। इस असामान्यता से घुटनों में तकलीफ पैदा हो सकती है। पैरों को मजबूत बनाने के लिए सप्ताह में दो बार पैरों की एक्सरसाइज करें। इनमें फ्री वेट शामिल करें, जो आपके लिए हर एंगल में सही मूवमेंट सुनिश्चित करेगा। इससे हड्डियों की कमजोरी भी दूर होगी। जब यह एक्सरसाइज करेंगी तब, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों यानी पीठ और शरीर की हरेक मांशपेशियों का उपयोग होगा, जिससे अधिक मात्रा में कैलरी भी खर्च होगी।
क्या करें
- मजबूत व लचीले पैरों के लिए दौडना, उछल-कूद, स्विमिंग, किक बॉक्सिंग जैसी एक्सरसाइज को अनिवार्य रूप से वर्कआउट में शामिल करना होगा। इन सबका लक्ष्य पैरों की लंबी मांशपेशियां होंगी।
- इसके अलावा स्ट्रेंथनिंग, स्कल्प्टिंग, टोनिंग व स्ट्रेचिंग के लिए विशेष उपकरणों का भी उपयोग कर सकती हैं। मजबूत पैरों के लिए लेग रेज यानि पैरों को उठाने वाली एक्सरसाइज मशीन के साथ या फिर किसी पार्टनर के साथ करना अच्छा रहेगा।
-वहीं, स्क्वॉट्स, लंजेस व काव्स (फेफड़ों व पिंडली) उठाने वाली एक्सरसाइज जैसा फायदेमंद कोई और वर्कआउट नहीं है।
- पैरों की स्ट्रेचिंग खुद से करने के लिए थेरा बैंड उपयोगी है। यहां आपके लिए कुछ बेहद उपयोगी एक्सरसाइज बताई जा रही है।
1. स्क्वॉट्स एंड लंजेस
पीठ सीधी रखें। ध्यान रहे कि घुटने 90 डिग्री से अधिक के कोण पर न मुड़े हों, इससे चोट लग सकती है। लंजेस करने के लिए, सीधे नीचे की तरफ झुकें। एड़ी पूरे समय ऊपर ही होनी चाहिए। स्क्वॉट्स एंड लंजेस को अधिक चुनौतीपूर्ण बनाने के लिए आप बेस बॉल जैसी अस्थिर सतह का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर स्क्वॉट्स करते समय पीठ में दर्द होता है तो पीठ के पीछे दीवार के सहारे एक जिम बॉल रखें। फिर इस बताई गई प्रक्रिया को दोबारा करें। इस प्रक्रिया की संख्या रोजाना धीरे-धीरे बढ़ाएं। स्क्वॉट्स एंड लंजेस को एक रैंप पर भी कर सकते हैं।
2. काव्स रेज
एक ऊंचे प्लैटफॉर्म पर खड़ी हो जाएं। अधिक प्रतिरोध के लिए आप डंबबेल्स या बारबेल्स जैसे भार उठा सकती हैं। अब पैर की एडिय़ां ऊपर उठाएं और नीचे ले जाएं। इसका 5 सेट करें। पिंडलियों के लिए यह अच्छी कसरत है।
3. साइड लेग ऐब्डक्शन
यह प्रक्रिया ऐबडक्टर मशीन या फिर जांघों के किनारों पर होती है। आप चाहें तो इसे एक चटाई पर एक साइड में लेटे हुए करें, या फिर बेंच या जिम बॉल पर। इसे करते समय पैरों पर वजन भी पहन सकती हैं।
4. ऐब्डक्टर एक्सरसाइज
ऐब्डक्टर एक्सरसाइज करते समय रेसिस्टेंस बैंड पैरों और ऐब्डक्टर पर बांधे जा सकते हैं। खासकर थेरा बैंड्स आपको पैरों की मांसपेशियां स्ट्रेच करने में मदद करते हैं। दौडऩे, जॉगिंग करने, स्विमिंग या सायक्लिंग जैसी एक्सरसाइज के बाद अपनी दोनों क्वॉड्राइसेप्स और हेमस्ट्रिंग्स को स्ट्रेच करना काफी महत्वपूर्ण होता है।
ध्यान दें
इन्हें करने से पहले सही तकनीक समझना व सीखना जरूरी है, जिसके लिए एक प्रशिक्षित ट्रेनर की सहायता ली जानी चाहिए। ट्रेनर ही आपका बॉडी पोस्चर सुधार सकता है।