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बच्चों की हेल्थ और विंटर मिथ

सर्दी का मौसम आरंभ हो चुका है। ऐसे में बच्चे खांसी, बुखार आदि की चपेट में शीघ्र ही आ जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि अभिभावक पालन-पोषण से संबंधित विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरूक हो जाएं...

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 19 Nov 2016 01:02 PM (IST)Updated: Sat, 19 Nov 2016 01:24 PM (IST)
बच्चों की हेल्थ और विंटर मिथ

भ्रम

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बच्चों को सर्दी के मौसम में नहलाना नहीं चाहिए।

हकीकत

यह सोच गलत है। नहलाने की वजह से बच्चे कभी बीमार नहीं पड़ते, बल्कि साफ-सफाई से तो वे संक्रमण से दूर रहेंगे। इसलिए बेझिझक धूप के समय हल्के गर्म पानी में बच्चों को अवश्य नहलाएं। हां, मौसम के हिसाब से साबुन, तेल या क्रीम का चुनाव अलग हो जाता है।

भ्रम

नवजात शिशुओं को सर्दी से बचाने के लिए गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल करना चाहिए। बादाम, मुनक्का या कभी-कभी ब्रांडी भी दे सकती हैं।

हकीकत

गर्म पानी की बोतल द्वारा शिशुओं की त्वचा जल जाने के कई मामले सामने आए हैं। इसलिए इनके इस्तेमाल से बचें। शिशु को गर्म रखने के लिए रुई, ऊनी कपड़े, (टोपी, मोजे आदि) व रूम हीटर का इस्तेमाल करना चाहिए। किंतु बादाम आदि देने का शिशु पर कुप्रभाव पड़ सकता है। अत: इनके इस्तेमाल की जगह स्तनपान पर ही निर्भर रहें।

भ्रम

सर्दी से बचाने के लिए बच्चों के कमरे में अंगीठी या फर्नेस जलाना अच्छा विकल्प है।

हकीकत

कमरे में अंगीठी या फर्नेस से उठने वाला धुआं व सूक्ष्म कण बहुत हानिकारक होते हैं, जिससे बच्चों में सांस की तकलीफ बढ़ सकती है। आग लगने का खतरा भी होता है। इसलिए रूम हीटर का इस्तेमाल बेहतर है। हां, हीटर के सामने एक बर्तन में पानी अवश्य रखें। इससे बनने वाली भाप कमरे में हवा की नमी बरकरार रखेगी और नन्हें बच्चों को घुटन से बचाएगी।

भ्रम

बच्चों को इस मौसम में चावल, संतरा, केला, अमरूद आदि नहीं देना चाहिए, ताकि उसे सर्दी न पकड़े।

हकीकत

इस तथ्य में कोई हकीकत नहीं है, अमरूद, केला आदि फल कुदरत ने सर्दी के मौसम में ही बनाए हैं और यह यकीन रखें कि कुदरत का नियम कभी गलत नहीं होता। इसलिए बेझिझक बच्चों को इन फलों और चावल आदि का स्वाद व लाभ लेने दें। फलों के सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जो कि संक्रमण रोकने में सहायक होती है।

भ्रम

बच्चों को ज्यादा सर्दी में टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए, अन्यथा उन्हें दर्द अधिक होगा।

हकीकत

सर्दी में दर्द या छोटी-छोटी बीमारियों से घबराकर बच्चों का टीकाकरण कदापि स्थगित न कराएं। इससे बच्चे अनचाहे संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। एक दिन का दर्द या बुखार सहना इन बीमारियों के खतरे की तुलना में बहुत कम है। इसलिए टीकाकरण के प्रति कोई लापरवाही न करें।

भ्रम

बच्चों को सर्दी के मौसम में अक्सर न्यूमोनिया हो जाता है। इससे बचाव के लिए उसे सदैव घर के अंदर ही रखना चाहिए।

हकीकत

न्यूमोनिया या खांसी आदि सर्दी के संपर्क में आने से नहीं, बल्कि किसी संक्रमित व्यक्ति की सांस द्वारा प्रदत्त इंफेक्शन से होते हैं। अत: बच्चों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। तरल पदार्थ व पौष्टिक आहार अधिक दें। खांसी-जुखाम से ग्रस्त व्यक्ति बच्चों से दूर रहें, साबुन से हाथ धोकर बच्चे के संपर्क में आएं व चेहरे पर मास्क लगाएं। बच्चों के लिए द्ब्रलू व न्यूमोनिया का टीकाकरण भी उपलब्ध है। बच्चों में खांसी, सांस की तकलीफ या

पसली चलने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

भ्रम

इस मौसम में बाहर के खाद्य-पदार्थ बच्चों के खाने योग्य हैं और पेट संबंधी संक्रमण कम होता है।

हकीकत

बाहर की खुली खाद्य सामग्री हर मौसम में ही संक्रमित हो सकती है। खासतौर पर पांच वर्ष से छोटे बच्चे रोटावायरस डायरिया की चपेट में इसी मौसम में आते हैं। यह डायरिया बहुत तेजी से गंभीर रूप अख्तियार कर सकता है, जिसके परिणाम स्वरूप बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है। इसलिए बाहर का खाने-पीने में लापरवाही न बरतें। हां, शिशुओं को रोटावायरस टीकाकरण की ड्राप्स पिलाकर सुरक्षित करना बेहतर विकल्प है।

डा. सी. एस. गांधी

नवजात शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ

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