आओ बचाएं अपनी विरासत
विश्व के सांस्कृतिक-ऐतिहासिक स्थलों को विरासतों के रूप में संरक्षित रखने के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल 1
विश्व के सांस्कृतिक-ऐतिहासिक स्थलों को विरासतों के रूप में संरक्षित रखने के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल 18 अप्रैल को 'वर्ल्ड हेरिटेज डे' मनाया जाता है। विरासतों को सुरक्षित रखने के लिए क्यों जरूरी है जागरूकता, आओ जानते हैं..
वर्ल्ड हेरिटेज डे की शुरुआत
संरक्षित स्थलों पर जागरूकता के लिए सांस्कृतिक-ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासतों की विविधता और रक्षा के लिए 18 अप्रैल को वर्ल्ड हेरिटेज डे मनाने की शुरुआत हुई। ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ माउंटेन्स एेंड साइट द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में 18 अप्रैल,1982 को विश्व धरोहर दिवस मनाने का सुझाव दिया गया, जिसे कार्यकारी समिति द्वारा मान लिया गया। नवंबर,1983 में यूनेस्को के सम्मेलन के 22वें सत्र में हर साल 18 अप्रैल को वर्ल्ड हेरिटेज डे मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
कैसे होता है धरोहर संरक्षण का कार्य
किसी भी धरोहर को संरक्षित करने के लिए दो संगठनों अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद और विश्व संरक्षण संघ द्वारा आकलन किया जाता है। फिर विश्व धरोहर समिति से सिफारिश की जाती है। समिति वर्ष में एक बार बैठती है और यह निर्णय लेती है कि किसी नामांकित संपदा को विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित करना है या नहीं। विश्व विरासत स्थल समिति चयनित खास स्थानों, जैसे-वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन या शहर इत्यादि की देख-रेख यूनेस्को के तत्वावधान में करती है।
अंतराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के 1968 के प्रस्ताव पर 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवीय पर्यावरण पर स्टॉकहोम, स्वीडन में सम्मेलन पर बनी सहमति के बाद विश्व के प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों पर सम्मेलन को यूनेस्को की सामान्य सभा ने 16 नवंबर, 1972 को स्वीकृति दे दी। वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की मीटिंग की शुरुआत जून,1977 में हुई। वर्ष 2014 में कमेटी की मीटिंग दोहा में 15 जून से 25 जून के बीच होगी। कमेटी की यह 38वीं मीट होगी।
विरासतों का कारवां
-वर्ष 2013 तक पूरी दुनिया में लगभग 981 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है, जिसमें 759 सांस्कृतिक, 29 मिले-जुले और 160 अन्य स्थल हैं। इनमें इटली की 49, चीन की 45, स्पेन की 44, फ्रांस और जर्मनी की 38 धरोहरें शामिल हैं।
-वर्तमान में दुनिया में करीब 226 हेरिटेज सिटी हैं।
खतरे में धरोहर
-यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी ने 44 धरोहरों को खतरे की सूची में रखा है। इनमें प्रमुख तौर पर अफगानिस्तान की बामियान वैली, इजिप्ट का अबू मेना, यरूशलम शहर एवं दीवार, डोमेस्टिक रिपब्लिक ऑफ द कांगो की पांच धरोहरें, सीरियन अरब रिपब्लिक की छह धरोहरें एवं कई देशों के नेशनल पार्क एवं संरक्षित स्थल शामिल हैं।
नई धरोहरें
-यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी ने बीते समय में विभिन्न देशों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित 20 धरोहरों को हेरिटेज सूची में शामिल किया है।
-इस सूची में भारत के राजस्थान के हिल फोर्ट को भी जगह मिली है।
दावेदारी को तैयार भारत
-काशी की प्राचीन धरोहरों को सहेजने के लिए वहां के विकास प्राधिकरण ने 71 ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों की सूची तैयार की है।
-मध्य प्रदेश के चंदेरी और उत्तराखंड के दून को विश्व विरासत के लिए संवारा जाने लगा है।
-दिल्ली को हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने के लिए रोडमैप 2010 में तैयार कर लिया गया था। दिल्ली और अहमदाबाद को 2013 में हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने की दावेदारी शुरू हो गई।
चंडीगढ़ को भी हेरिटेज सिटी का दर्जा देने के लिए आवेदन दिया गया है।
(मलय बाजपेयी)