Move to Jagran APP

बचे छुट्टियों की फिजूलखर्ची से

गर्मी की छुट्टियां यानी बच्चों की मांगों की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त पेश होने का समय। मेहमानों की आवाजाही और आउटिंग के खर्चे। इन सबसे बजट बिगड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इस दौरान बजट संभालने के लिए हम यहां दे रहे हैं कुछ टिप्स

By Edited By: Published: Wed, 22 May 2013 02:25 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2013 02:25 PM (IST)
बचे छुट्टियों की फिजूलखर्ची से

गर्मी की छुट्टियां यानी बच्चों की मांगों की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त पेश होने का समय। मेहमानों की आवाजाही और आउटिंग के खर्चे। इन सबसे बजट बिगड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इस दौरान बजट संभालने के लिए हम यहां दे रहे हैं कुछ टिप्स

loksabha election banner

अभी गर्मी की छुट्टियां शुरू ही हुई हैं और शर्मा परिवार का बजट बिगड़ गया है। दो बच्चों की मांगों का अंत ही नहीं है। मेहमानों ने भी घर में डेरा जमा रखा है। तनख्वाह तो वही है, लेकिन महीने का खर्च बढ़ गया है। उस पर से मिसेज शर्मा काफी वक्त से हिल स्टेशन घूमना चाहती हैं, यानी खर्च में बढ़ोलरी। इन खर्चीली वजहों से मिस्टर शर्मा के लिए ये छुट्टियां टेंशन का कारण बन गई हैं।

इस चढ़ती महंगाई के जमाने में खर्च का वैसे तो कोई अंत नहीं है, लेकिन गर्मी की छुट्टियों में जरा ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। देखा जाता है गर्मी की छुट्टियों में जाने-अनजाने खर्च बहुत बढ़ जाता है। सही प्लानिंग न हो तो बजट बैठ सकता है। विल विशेषज्ञों की मानें तो इन डेढ़-दो महीनों की तैयारी अगर पहले से कर ली जाए तो मिस्टर शर्मा जैसा हाल न होगा।

गर्मी की छुट्टियां यानी पारिवारिक मौज-मस्ती का समय। लेकिन इस मौज-मस्ती के लिए जेब ढीली करनी पड़ती है। इसलिए गर्मी की छुट्टियों को ध्यान में रखकर फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहद जरूरी है।

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीनियर प्लानिंग मैनेजर जावेद कहते हैं, 'एक आम मध्यमवर्गीय परिवार को छुट्टियां एंजॉय करने के लिए लगभग चार-पांच महीने बचत करना जरूरी है। गर्मी की छुट्टियों के दौरान या बाद में तंगी न झेलनी पड़े, इसके लिए फाइनेंशियल प्लानिंग महत्वपूर्ण है।'

पहले से प्लानिंग के अलावा फजूलखर्च से बचना भी जरूरी है। इन छुट्टियों को आप पूरी तरह एंजॉय करें और आर्थिक परेशानियों से बचे रहें, इसके लिए यहां कुछ टिप्स दे रही है सखी।

1. छुट्टियां कैसे मनानी हैं, इसके लिए पूरी रिसर्च करें। आनन-फानन में अकसर गलत जगहों पर खर्च हो जाता है। प्लानिंग के साथ आगे बढ़ेंगे तो इस तरह के खर्चो से बच सकेंगे। वेकेशन के लिए कहां जाना है, उसका कितना बजट है, रिश्तेदारों के घर जाना है या नहीं, बच्चों को समर कैंप भेजना है या नहीं, आदि बातों की प्लानिंग पहले से कर ली जाए तो छुट्टियों के दौरान या बाद में आर्थिक तंगी नहीं झेलनी पड़ेगी। इस प्लानिंग में घर के हर सदस्य की मांगों और विचारों को शामिल करें। अच्छा होगा अगर बच्चों के साथ मिलकर यह रिसर्च करें। पारिवारिक जुड़ाव और बच्चों में जागरूकता के लिए यह अच्छा है।

2. गर्मी की छुट्टियों का अलग बजट बनाएं। हर खर्च को अपनी जेब के अनुसार तय करें। इससे आप कभी जरूरत से ज्यादा नहीं खर्चेगे। बजट को तैयार करते वक्त यह ध्यान रखें कि कहीं आप कंजूस तो नहीं हो रहे! बजट तैयार करते वक्त यह भी ध्यान रखें कि कहीं आपने मौज-मस्ती में अनुचित कटौती तो नहीं कर ली। यहां भी संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। इस बजट में जुलाई महीने के खर्चो का ध्यान रखना भी जरूरी है।

3. छुट्टियां मनाने कहीं बाहर जा रहे हैं तो जरूरत से ज्यादा महंगे होटल में ठहरने से बचें। सिर्फसोने के लिए जरूरत से ज्यादा खर्च करना उचित नहीं है। इंटरनेट पर विभिन्न ट्रेवेल वेबसाइट्स के जरिये बजट होटलों की जानकारी मिल सकती है। कई साइट्स में होटल रूम्स की तस्वीरें भी होती हैं, जिससे अंदाज लगाया जा सकता है कि रूम कैसा है और वहां क्या-क्या सुविधाएं मौजूद हैं। ऐसे होटल का चुनाव करें जहां सुविधाएं भी हों और उसका बिल आपके बजट में भी हो। होटल का चुनाव करते वक्त उसकी लोकेशन देखना न भूलें। होटल ऐसी जगह लें जहां आने-जाने का साधन आसानी से मिल जाए।

4. अगर आप किसी थीम पार्क या वॉटर पार्क में पिकनिक प्लान कर रहे हैं तो खाने-पीने का सामान साथ ले जाएं। ऐसे ठिकानों की कैंटीन अकसर बहुत महंगी होती है। पिकनिक स्नैक्स बनाने में एक्सपर्ट न भी हों तो खाना बाहर से पैक करा लें। यह खर्च उस खर्च के मुकाबले कम होगा, जो आपको पिकनिक स्पॉट के अंदर करना पड़ सकता है। इसके अलावा गर्मी में बाहर का खाना स्वास्थ के नजरिये से रिस्की हो सकता है।

5. देखा गया है कि गर्मी आते ही लोग वॉर्डरोब चेंज के बारे में सोचते हैं और शॉपिंग कर डालते हैं। ऐसा अकसर तब भी होता है जब लोग आउट स्टेशन ट्रिप के लिए जाते हैं। शॉपिंग करने से पहले देख लीजिए कि आपको वाकई किन चीजों की जरूरत है। वॉर्डरोब चेंज करने का विचार भले ही आपको आकर्षित कर रहा हो, लेकिन हो सकता है आपको इसकी जरूरत ही न हो। ऐसे में शॉपिंग लिस्ट बना लेना अच्छा रहेगा। इससे आप गैरजरूरी चीजों को खरीदने से बचेंगे।

6. आमतौर पर साथ घूमने-फिरने में लोग दूसरों का खर्च भी कर देते हैं और बाद में उनसे पैसे मांगने में झिझकते भी हैं। अगर आपको अपना खर्च सुचारू रूप से चलाते रहना है, तो लोगों को उनका खर्च खुद करने दें। पूल करना बुरा आइडिया नहीं है। अगर पूलिंग करने में हिचक लग रही हो तो सभी लोगों को स्वत: ही बराबरी से खर्च करना चाहिए।

7. गर्मी की छुट्टियों में घूमने का असली मकसद होता है मौज-मस्ती और परिवार व दोस्तो का साथ। ये सब आप अपने शहर में रहकर भी कर सकते हैं। एक सप्ताह के लिए छोटे-छोटे ट्रिप्स और पिकनिक प्लान कर लीजिए। शहर में कई जगहें ऐसी भी होंगी, जिन्हें वहीं रहने के बावजूद आपने नहीं देखा होगा। ऐसी जगहों पर परिवार और दोस्तों के साथ जाएं। अगर कहीं बाहर जाने का मन हो तो गेटअवे डेस्टिनेशंस अच्छे रहेंगे। गेटअवे डेस्टिनेशंस आपके शहर के आस-पास के इलाके हो सकते हैं, जिनमें पिकनिक मनाना संभव हो। ऐसी जगहों पर एक-दो दिन का ट्रिप प्लान किया जा सकता है। ऐसे गेटअवेज ज्यादा महंगे भी नहीं होते। 8. गर्मी की छुट्टियों में आमतौर पर नौकरी पेशा अभिभावक बच्चों को समर कैंप्स भेज देते हैं, ताकि बच्चों का समय भी कटे और उन्हें शिक्षा भी मिले। समर कैंप का आइडिया बुरा नहीं है, लेकिन कई समर कैंप जरूरत से ज्यादा महंगे होते हैं। अगर आप अच्छी तरह पता करेंगे तो सस्ते और अच्छे समर कैंप्स भी पता चल जाएंगे। अपने कॉन्टैक्ट्स में खंगालिए और अखबार देखते रहिए। विज्ञापनों से भी बहुत जानकारी मिलती है। अगर आप चाहें तो फुल डे समर कैंप्स के बजाय हॉबी क्लासेज भी जॉइन करवा सकते हैं। इससे उनकी कलात्मकता में

निखार आएगा।

9. अगर आपका बच्चा इस लायक है कि वह कोई समर जॉब कर सकता है, तो उसे इसके लिए प्रेरित करें। हालांकि नए दौर के बच्चे इस बारे में खासे जागरूक होते हैं, लेकिन अगर किसी कारणवश आपका बच्चा इस मामले में संकोच कर रहा है तो उसे समझाना आपका काम है। समरजॉब्स पर्सनैलिटी ग्रूमिंग के लिहाज से बहुत अच्छे होते हैं। समर जॉब को ऑन-ग्राउंड ट्रेनिंग की तरह देखें और बच्चे को इस ओर प्रोत्साहित करें।

10. बच्चों को व्यस्त रखने के साधन ढूंढ़ें। खाली दिमाग शैतान का घर होता है। बच्चों को क्रिएटिव कामों में व्यस्त रखने से वे शैतानियां भी कम करेंगे और आपको खर्च के लिए भी कम ही प्रेरित करेंगे। समाज सेवा और बागवानी जैसी चीजें सिखाने का यह सही समय है।

जागरण सखी

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.