दिल और दिमाग का फिटनेस टेस्ट
भारतीय सशस्त्र सेना के तीनों अंगों आर्मी, एयरफोर्स या नेवी किसी में भी ऑफिसर बनना चाहते हैं, ग्रेजुएट हैं, तो सीडीएस यानी कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जाम बेस्ट तरीका है।
भारतीय सशस्त्र सेना के तीनों अंगों आर्मी, एयरफोर्स या नेवी किसी में भी ऑफिसर बनना चाहते हैं, ग्रेजुएट हैं, तो सीडीएस यानी कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जाम बेस्ट तरीका है।
इसमें दो फेज होते हैं। पहले फेज में रिटेन क्लियर करने वाले कैंडिडेट्स को दूसरे फेज में 5 दिनों के एसएसबी इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
क्वालिफाई करने के बाद यहां होगी ट्रेनिंग
-इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून
-इंडियन नेवल एकेडमी, एझीमाला
-एयरफोर्स एकेडमी, हैदराबाद
-ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई
रिटेन एग्जाम
-इंग्लिश 2 घंटे (100 माक्र्स)
-जनरल नॉलेज 2 घंटे (100 माक्र्स)
-एलिमेंट्री मैथमेटिक्स 2 घंटे (100 माक्र्स)
-ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के लिए एलिमेंट्री मैथ्स का पेपर नहींदेना होता है। इसके लिए महिलाएं भी अप्लाई कर सकती हैं।
स्कोरिंग टिप्स
-रोज कम से कम दो आर्टिकल्स बारीकी से पढ़ें।
-रीडिंग स्पीड मिनिमम 150 वर्ड प्रति मिनट करें।
-एक्यूरेसी, ऑब्जर्वेशन और स्पीड ये तीन क्वालिटीज अच्छी तरह डेवलप करें।
-जिन चैप्टर्स में आप वीक हैं, उनकी ज्यादा प्रैक्टिस करें और हर बार यह जरूर देखें कि आपने कहां तक सुधार किया।
एसएसबी इंटरव्यू
पहला दिन
पांच दिन तक चलने वाले इस इंटरव्यू के पहले दिन स्क्रीनिंग टेस्ट होता है। किसी भी राउंड में फेल होने पर आप बाहर हो सकते हैं।
-आईक्यू टेस्ट (वर्बल ऐंड नॉन-वर्बल रीजनिंग)
-ईक्यू टेस्ट (इमोशंस ऐंड सिचुएशन बेस्ड)
-पिक्चर परसेप्शन टेस्ट (स्टोरी परसेप्शन)
-ग्रुप डिस्कशन टेस्ट
दूसरा दिन
साइकोलॉजिकल टेस्ट के राउंड्स होते हैं:
-टैट : थिमैटिक परसेप्शन टेस्ट (पिक्चर बेस्ड स्टोरी राइटिंग)
-वैट : वर्ड एसोसिएशन टेस्ट (वर्ड बेस्ड परसेप्शन)
-एसआरटी : सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट
-एसडीटी : सेल्फ डिस्क्रिप्शन टेस्ट
तीसरा और चौथा दिन
तीसरे दिन ग्रुप टास्क दिए जाते हैं : इन्हें ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर्स टास्क भी कहते हैं। ये टास्क हैं :
1.ग्रुप डिस्कशन
2.ग्रुप प्लानिंग एक्सरसाइज
3.प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क
4.हॉफ ग्रुप टास्क
5.इंडिविजुअल ऑब्स्टकल्स
6.ग्रुप ऑब्स्टकल्स रेस या स्नेक रेस
7.कमांड टास्क
8.लेक्चरेट
9.फाइनल ग्रुप टास्क
इन सबके बाद हर कैंडिडेट का पर्सनल इंटरव्यू होता है। बोर्ड में तीन-चार सीनियर ऑफिसर्स सहित साइकोलॉजिस्ट और ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर्स होते हैं, जो पर्सनैलिटी जज करने के लिए आपसे नॉर्मल बातचीत करते हैं।
पांचवां दिन
पांचवें दिन सेंटर का फुल सर्विस सलेक्शन बोर्ड इंटरव्यू लेता है। इसे कांफ्रेेंस राउंड कहते हैं। इसमें बोर्ड के चेयरमैन, वाइस-चेयरमैन, जीटीओज, साइकोलॉजिस्ट्स सभी होते हैं। ये सभी मिलकर तय करते हैं कि किसे सलेक्ट करना है। सलेक्टेड कैंडिडेट्स के नाम वहीं बता दिए जाते हैं।
स्ट्रॉन्ग-अलर्ट रहना जरूरी
सीडीएस का एसएसबी इंटरव्यू, इसके रिटेन एग्जाम के मुकाबले टफ होता है। इसमें बोर्ड आपकी पूरी पर्सनैलिटी की जांच करता है कि आप फिजिकली और साइकोलॉजिकली कितने स्ट्रॉन्ग हैं और कितने अलर्ट रहते हैं। कहीं आपका एटीट्यूड पेसिमिस्टिक तो नहीं है। पांच दिनों के इंटरव्यू के दौरान आप खुद को ऑप्टिमिस्टिक और पॉजिटिव रिप्रजेंट करें, तभी सलेक्शन पॉसिबल है।
नीतू सिंह, डायरेक्टर, पैरामाउंट, दिल्ली
इंटरैक्शन: मोहित शर्मा