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जोश ब्लॉग

जोश प्लस नॉलेज का खजाना है। इसमें गुरुकूल, काउंसलर कॉर्नर और जॉब अलर्ट मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। यह छोटे-बड़े सभी के लिए एक मार्गदर्शक है। जोश प्लस टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद। कृपया इसे हर बुधवार को प्रकाशित करें।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 02:23 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 02:24 PM (IST)
जोश ब्लॉग

नॉलेज का खजाना

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अंकित शुक्ला

जोश प्लस नॉलेज का खजाना है। इसमें गुरुकूल, काउंसलर कॉर्नर और जॉब अलर्ट मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। यह छोटे-बड़े सभी के लिए एक मार्गदर्शक है। जोश प्लस टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद। कृपया इसे हर बुधवार को प्रकाशित करें।

पॉजिटिव करने की प्रेरणा

लक्ष्मण प्रसाद

जब मैंने जोश प्लस पहली बार पढ़ा, तब से इसका नियमित पाठक बन गया। इसे पढ़कर हमेशा कुछ पॅाजिटिव करने की प्रेरणा मिलती है। इसकी कवर स्टोरी और टच ऐंड?गो कॉलम सबसे अच्छे लगते हैं। वैसे, हर अंक पढऩे के बाद अगले अंक का बेसब्री से इंतजार रहता है।

दिखाई सही दिशा

साकेत कौशिक

जोश प्लस को मैं कई महीने से पढ़ रहा हूं। जब मैंने पहली बार इसे पढ़ा, तो मुझे लगा कि मैं किसी काम के लायक नहींहूूं। बाद में करीब बीस अंकों में मॉक टेस्ट और करेंट अफेयर्स कॉलम ध्यान से पढ़े। तब मुझे करियर की सही दिशा मिली। थैंक यू जोश प्लस।

मंजिल की ओर ले जाती है

पुष्पेंद्र शाक्य

जोश प्लस की जितनी तारीफ की जाए, कम होगी। यह मैगजीन भटके हुए युवाओं को मंजिल की ओर ले जाती है। इसे पढ़कर मुझमें पॉजिटिव एनर्जी आती है। खासतौर पर आप जिन सफल लोगों की लाइफ के बारे में बताते हैं, उनसे बहुत प्रेरणा मिलती है।

मिलता है गुरुमंत्र

रिपुरंजय सिंह

जोश प्लस का मैं रेगुलर रीडर हूं। इस बार की स्पेशल स्टोरी और काउंसलर कॉर्नर मुझे बहुत अच्छा लगे। इसमें दी गई जानकारियां गुरुमंत्र का काम करती हैं। सच्चे अर्र्थों में यह मैगजीन ज्ञान का खजाना है और हम स्टूडेंट्स के लिए संजीवनी।

मेडिकल की जानकारी दें

अकबर शकील

जोश प्लस का मैं रेगुलर रीडर हूं। इसे पढ़कर हम स्टूडेंट्स जोश से भर जाते हैं। खासतौर पर गुरुकूल और सीईओ टॉक मुझे बहुत पसंद हंै। आपसे एक निवेदन है कि इसमें मेडिकल कोर्सेज के बारे में भी जानकारी दें, ताकि हम लाभान्वित हो सकेें।

कमेंट्स

तारीफ के लिए शब्द कम पड़ जाएं

सुमित सेठ

जोश प्लस है, तभी तो होश है

मोहन सारस्वत

निगेटिव मन पॉजिटिव हो जाता है

अश्क-ए-सानू

1 रुपये में 1 करोड़ का फायदा

आर्यन वत्स

यह हमारे लिए खजाने जैसा है

आराध्या शर्मा

करियर के सिक्सर्स और संपादकीय पढ़कर मजा आ गया।

मनीष तिवारी

सभी कॉलम रोचक हैं, डिजिटल इंडिया अंक बहुत अच्छा लगा।

सुप्रकाश शर्मा

गुरुकूल कॉलम का कोई जवाब नहीं। बहुत प्रेरणा मिलती है।

विनीता राय

जोश प्लस वाकई जोश बढ़ाने वाली किसी अमूल्य दवा जैसी है।

मोहनीश चौहान

क्या प्रोफेशनल एजुकेशन 10वीं के बाद से ही शुरू कर देना चाहिए?

10वीं के बाद से ही प्रोफेशनल एजुकेशन अनिवार्य कर देना सही होगा। स्पोट्र्स, फिजिकल एजुकेशन, मीडिया, मास कम्युनिकेशंस और एंटरप्रेन्योरशिप में करियर तलाशने वाले स्टूडेंट्स को बहुत फायदा मिलेगा।

पंकज मिश्रा

यह जरूरी नहीं है। पहले यह सोचना चाहिए कि आपमें कितनी एबिलिटी है, आपकी क्वालिफिकेशन कितनी है। फिर अपने करियर के लिए एक प्लान बनाएं। उस पर हार्ड वर्क करें।?रिजल्ट अच्छे आएं, तभी उस पर आगे काम करें।?

कुमार प्रवीण

हां, बिल्कुल शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से हमारे पास बेस्ट प्रोफेशनल्स आ सकेेंगे। कम समय में और कम खर्च में हमारे पास बेजोड़ प्रोफेशनल स्किल्स वाले ह्यïूमन रिसोर्सेज तैयार हो जाएंगे। यह अच्छी सोच है।

वकील यादव

10वीं के बाद ही प्रोफेशनल एजुकेशन की शुरुआत कर देनी चाहिए। फ्यूचर में आपके लिए जो एजुकेशन इंपॉर्टेंट होगा, बेहतर हो कि उसकी शुरुआत पहले से ही कर दी जाए। इससे स्टूडेंट्स कंफ्यूज्ड नहींरहेंगे और काफी पहले से ही फोकस्ड होंगे।

राजकुमार

रीडर्स फोरम

बेहतर शिक्षा के लिए क्या यह जरूरी है कि टीचर-स्टूडेंट अनुपात कम रखा जाए?

60 शब्दों में अपनी राय दें:

मेल करें josh@jagran.com

या डाक से भेजें

जोश प्लस, दैनिक जागरण,

डी-210-211, सेक्टर-63, नोएडा (यूपी)-201301


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