जोश ब्लॉग
मैं जब तक दूसरी मैगजींस पढ़ती रही, करियर में भटकाव महसूस करती थी। जोश प्लस पढऩे के बाद मुझमें कुछ कर दिखाने का अडिग आत्मविश्वास आ गया है। इसके हर पेज पर बेहद अहम, जरूरी, सटीक जानकारियां दी जाती हैं, वह भी इंट्रेस्टिंग तरीके से।
कॉन्फिडेंस आ गया
अर्पिता अवस्थी
मैं जब तक दूसरी मैगजींस पढ़ती रही, करियर में भटकाव महसूस करती थी। जोश प्लस पढऩे के बाद मुझमें कुछ कर दिखाने का अडिग आत्मविश्वास आ गया है। इसके हर पेज पर बेहद अहम, जरूरी, सटीक जानकारियां दी जाती हैं, वह भी इंट्रेस्टिंग तरीके से।
हर बार कुछ नया
प्रियेश सिंह
मैं लंबे समय से जोश प्लस का नियमित पाठक हूं। इसकी सबसे अच्छी बात है, इसमें हर बार का नयापन। इस मैगजीन में कुछ न कुछ हमेशा नया होता है, जो हमारा दिल जीत लेता है। इसमें बिल्कुल यूनीक मैटीरियल पढऩे को मिलता है।
ऌऌमंजिल को बनाया ईजी
महेंद्र कुमार
जोश प्लस हमारा एकमात्र सच्चा मार्गदर्शक बन गया है। यह हमारी कामयाबी का रास्ता आसान कर देता है। सिर्फ एक रुपये मूल्य होने की वजह से किसी के बजट पर कोई फर्क नहीं पड़ता। लगभग मुफ्त में बहुत सारी मूल्यवान जानकारियां मिल जाती हैं।
शुरु से अंत तक लाजवाब
किरण राय
जोश प्लस मैंने पहली बार पढ़ा। संपादकीय से लेकर आखिरी पेज करेंट अफेयर्स तक, मैं खुद को कहींरोक ही नहींपाई। हर कॉलम अपने आप में जबर्दस्त है। खासतौर पर कवर स्टोरी का कॉन्सेप्ट तो माइंड ब्लोइंग था। इसके अलावा सीइओ टॉक भी अच्छा लगा।
नॉलेज का कंप्लीट सोर्स
दुर्गेश शर्मा
जोश प्लस नॉलेज का कंप्लीट सोर्स है। इसका व्हाट, व्हाइ, हाउ, मॉक प्रैक्टिस टेस्ट, करेंट अफेयर्स और लर्न इंग्लिश काफी ज्ञानवर्धक है। जोश?प्लस हमारी प्रॉब्लम्स को न सिर्फ सॉल्व करता है, बल्कि हमें हर तरह की नॉलेज भी देता है।
दिल जीत लिया
कृष्ण मोहन
जोश प्लस मैंने पहली बार पढ़ा। पढ़कर बहुत खुशी मिली। डिजिटल इंडिया पर कवर स्टोरी बेहद पठनीय थी। उसके बाद वल्र्ड रेडियो डे पर स्पेशल स्टोरी से भी काफी जानकारियां मिलीं। आप लोग बहुत अच्छी मैगजीन निकाल रहे हैं। बहुत-बहुत शुक्रिया।
कमेंट्स
नॉलेज को प्लस करने वाला साथी
मनीष राज पोद्दार
कामयाबी का रास्ता दिखाने वाला
आफताब अंसारी
जोश में सिर्फ प्लस, नो माइनस
अनिर्वाण दत्ता
मैगजीन ऑफ द ईयर है
कृष्ण अभिषेक
हर पन्ना बड़ा खजाना
प्रिया पाठक
इसका इंतजार रहता है, खासतौर पर करियर काउंसलर का।
राजकिशोर
कवर स्टोरी और रेडियो डे स्पेशल बहुत अच्छा लगा।
नलिनी जोशी
मुझे व्हाट व्हाइ हाउ वाला पेज जबर्दस्त लगता है।
नीलिमा शर्मा
आप निगेटिव हैं, तो बस जोश?प्लस पढ़ लें, पॉजिटिव हो जाएंगे।
शालिनी राय
क्या एजुकेशन में ऐसे बदलाव होने चाहिए, जिससे एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा मिले?
बदलाव जरूरी है, खास तौर पर कॉमर्स फील्ड के लिए तो यह रामबाण साबित होगा। इससे स्टूडेंट्स में लीडरशिप क्वालिटी डेवलप होगी। उनके बिजनेस का दायरा बढ़ेगा और देश का भी समुचित विकास होगा।
पंकज मिश्रा
हां, बिल्कुल होने चाहिए। इससे स्टूडेंट सेल्फ डिपेंडेंट हो जाएंगे। उन्हें नौकरी की तलाश में यहां-वहां भटकना नहीं पड़ेगा। यही नहीं, इसके साथ-साथ उनकी स्किल्स भी डेवलप होंगी। इससे उनके करियर की राह आसान होगी।
पुनीत अरोड़ा
बदलते जमाने के हिसाब से जो खुद को नहींढालता, वह खत्म हो जाता है। आज का जमाना एंटरप्रेन्योरशिप का है। हर कोई अच्छी-खासी जॉब छोड़कर इस फील्ड में आ रहा है। अगर कॉलेज टाइम से ही इसके बारे में बताया जाए,तो अच्छा रहेगा।
पाखी पांडे
एजुकेशन का मतलब ही है अपने पैरों पर खड़ा होने लायक बनाना। एंटरप्रेन्योरशिप वह चीज है, जिसमें आप अपने बॉस खुद होते हैं। आप जितनी मेहनत करते हैं, उतने ही अच्छे रिजल्ट भी आते हैं। इसलिए इसे बढ़ावा तो देना ही चाहिए।
आशा द्विवेदी
रीडर्स फोरम
क्या प्रोफेशनल एजुकेशन 10वीं के बाद से ही शुरू कर देना चाहिए?
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जोश प्लस, दैनिक जागरण,
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