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बढ़ता प्रदूशण प्राणी जाति के लिए घातक: प्रो. दुर्ग सिंह चैहान

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) के पालीटेक्निक संस्थान में ‘‘टूल्स, टेक्निक्स एण्ड प्रैक्टिसेस फोर इंपरूविंग सस्टेनेवल मैनुफैक्चिरिंग-2016‘‘ पर आधारित द्वि-दिवसीय संगोश्ठी का आयोजन हुआ।

By MMI TeamEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2016 03:47 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2016 04:11 PM (IST)
बढ़ता प्रदूशण प्राणी जाति के लिए घातक: प्रो. दुर्ग सिंह चैहान

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) के पालीटेक्निक संस्थान में ‘‘टूल्स, टेक्निक्स एण्ड प्रैक्टिसेस फोर इंपरूविंग सस्टेनेवल मैनुफैक्चिरिंग-2016‘‘ पर आधारित द्वि-दिवसीय संगोश्ठी का आयोजन हुआ। कार्यषाला के मुख्य अतिथि एवं सुपरेटेक लि. के एक्जिक्यूटिव निदेषक अनिल कुमार सेठ ने संगोश्ठी की विशय वस्तु का विद्यार्थियों के जीवन में प्रकाष डालते हुए कहा कि किसी भी विद्यार्थी को अपने जीवन लक्ष्य प्राप्ती हेतु उपर्युक्त टेक्निकल षिक्षा का ज्ञान होना आवष्यक है।
श्री सेठ ने कहा कि हमें ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग अपनानी चाहिए ताकि वह पर्यावरण में बढ़ते प्रदूशण के प्रभाव को कम कर सके, जिसके अन्तर्गत गुणवत्ता सुधार पुर्नचक्रण आदि विधियों को अपनाया जाये; उन्होंने विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए बताया कि कैसे इमारत निर्माण कार्य में उसके भागों को पहले अलग-अलग तैयार किया जाता है तथा बाद में सभी भागों को एक करके पूर्णरूप किया जाता है।
अन्र्तराश्ट्रीय संगोश्ठी के चेयरपर्सन श्रीआर चन्द्रषेखर ने बताया कि कैसे सस्टेनेबल मैनुफेक्चरिंग के अन्तर्गत सुधार किया जाये। क्योंकि जो भी आप हम कर रहे हैं उसका प्रभाव पर्यावरण पर पडे़गा। अतः नयी पीढ़ी को बेहतर भविश्य, ऊर्जा के स्त्रोत देने के लिए उचित उपकरण व तकनीकी का ज्ञान आवष्यक है।
विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान ने अन्र्तराश्ट्रीय संगोश्ठी के उद्देष्य पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यावरण में बढ़ते हुये औद्योगीकरण के कारण प्रदूशण का स्तर बढ़ रहा है, जिसके घातक दुश्प्रभाव प्राणी जाति पर पड़ रहे हैं। अतः इसको रोकने के लिए नयी पीढ़ी को षिक्षित, विकसित करना होगा।
पाॅलीटेक्निक संकाय के प्रधानाचार्य विकाष शर्मा ने सस्टेनेबल मैनुफेक्चरिंग एवं संगोश्ठी के शीर्शक पर प्रकाष डाला। उन्होंने बताया कि उद्योग जगत में नैनोपार्टीकल्स, नैनो फेवरिक्स, कैमिकल प्रोसेस का प्रयोग एक नयी तकनीकी है।
इससे पूर्व उपस्थित षिक्षकों एवं छात्रों ने 26 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये, जिनमें वासिक अल्लाह खान, मोहम्मद वसीम, विनोद शेहरावत, कन्वरपाल, मो. मोहसिन, षिवेन्द्र सिंह चैहान, मौसम, देव आषीश एवं छात्र जयवीर सिंह, राहुल शर्मा, मनीश कपूर के पेपर सराहे गये।
प्रधानाचार्य दिवाकर भारद्वाज ने उपस्थितजनों को अतिथिगण का परिचय कराया एवं छात्रों को बताया कि समाज के निर्माण में इंजीनियर्स की क्या उपयोगिता है। श्री भारद्वाज ने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि सरकार द्वारा चलायी गयी नीतियां व सेवाएं जैसे स्आर्टअप, स्मार्ट सिटीज आदि का लाभ उठायें व इससे जुडें। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में भारतवर्श में इंजीनियर्स की बहुत अधिक भूमिका होगी।
इस मौके पर रविबंसल, मो. मोहसिन, दीपक अग्रवाल, पवन अग्रवाल, राहुल शर्मा, सतेन्द्र सिंह, नीतु धनवानी, रीया आदि का सहयोग सराहनीय रहा।

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