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जीएलए के छात्रों ने जानीं पाॅली पैक दूध की विधियां

जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के एमबीए प्रथम वर्श के छात्र-छात्राओं ने मदर डेयरी फ्रूट और पारले प्रोडक्ट लि. का औद्योगिक भ्रमण किया। इस दौरान छात्रों ने फुल क्रीम दूध, मानकीत दूध, टोन्ड दूध, डबल टोन्ड दूध व रिकम्ड दूध से मिलने वाले पौश्टिक तत्वों के बारे में जाना।

By MMI TeamEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2015 12:12 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2015 12:30 PM (IST)
जीएलए के छात्रों ने जानीं पाॅली पैक दूध की विधियां

जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) के एमबीए प्रथम वर्श के छात्र-छात्राओं ने मदर डेयरी फ्रूट और पारले प्रोडक्ट लि. का औद्योगिक भ्रमण किया। इस दौरान छात्रों ने फुल क्रीम दूध, मानकीत दूध, टोन्ड दूध, डबल टोन्ड दूध व रिकम्ड दूध से मिलने वाले पौश्टिक तत्वों के बारे में जाना।
मदर डेयरी के गाइडर अषेाक वर्मा से विद्यार्थियों ने उत्पादन सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्र की। गाइडर अशोक वर्मा ने छात्रों को बताया कि इनर्जी और न्यूट्रिशन के साथ पैक किया गया दूध बढ़ते बच्चों के लिए आवश्यक होता है। विश्वविद्यालय के छात्रों ने सवाल करते हुए कहा कि किस प्रकार डेयरी में दूध को एकत्र किया जाता है। छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए गाइडर ने दूध की खरीद के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दूध बहुत कम तापमान पर इन्सुलेटिड सड़क-रैल टैंकरों के जरिये मंगाया जाता है इससे दूध की ताजगी बनी रहती है। फिर दूध को प्रसंस्करण के लिए स्वीकार किए जाने से पहले 15 से अधिक कडे़ क्वालिटी परीक्षणों से गुजरना पड़ता है। मदर डेयरी ज्यादातर ताजा दूध राज्य कोआॅपरेटिव्स और डेयरी के स्वामित्व वाली न्यू जनरेशन को-आॅपरेटिव्स (एनजीसी) से खरीदती है। छात्रों ने अपने द्वारा पूछे गए समस्त सवालों के जवाब लेकर नोट किए।
विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने औद्योगिक व प्रबंधकीय ज्ञान के साथ मनोरंजन भी किया। विश्वविद्यालय द्वारा औद्योगिक भ्रमण कराने का उद्देश्य पुस्तकीय ज्ञान के साथ प्रयोगात्मक व औद्योगिक ज्ञान की जानकारी कराना था जिसमें छात्र-छात्राएं प्रोफेशनल कोर्स की महत्ता को समझ सकें। वहीं सभी विद्याथियों ने पारले प्रोडक्ट लि. कंपनी का भ्रमण कर बिस्कुट के बनाने के आदि के बारे में उत्साह पूर्वक जानकारी लेते हुए उससे शिक्षा में ग्रहण करने का संकल्प लिया।
पारले प्रोडक्ट कंपनी के मानव संसाधन प्रबंधक पल्लवी ने बताया कि पारले बिस्कुट के निर्माण की प्रक्रिया एक सघन प्रक्रिया है, जिसमें सर्वप्रथम बिस्कुट के लिए मिक्सचर तैयार किया जाता है। उसमें मैदा, नमक, दूध, घी एवं चीनी को निष्चित अनुपात में मिलाकर शुरू होती है। इसके तत्पष्चात् कूलिंग की प्रक्रिया आरंभ होती है एवं बिस्कुट को ठंडा कर अन्ततः पैकेजिंग की प्रक्रिया संपादित की जाती है।
छात्रों ने विश्वविद्यालय के शिक्षक कुशाग्र कुलश्रेश्ठ, डाॅ. एचपी शर्मा एवं प्रकाश भाटिया के नेतृत्व में मदर डेयरी तथा पारले प्रोडक्ट लि. कंपनी का भ्रमण किया।

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