सिबिल मेहरबान तो लोन आसान
सिबिल किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर तय करती है, जिसकी बैंकों द्वारा लोन एप्लीकेेशन मंजूर करने में बड़ी भूमिका होती है। सिबिल स्कोर अच्छा रहने पर लोन आसानी से मंजूर हो जाता है...
आकाश एक होनहार स्टूडेंट है, पर पेरेंट्स की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से उसे इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन की जरूरत थी। आकाश काबिल है, जरूरतमंद है। उसने लोन के फॉर्म ठीक से भरे। सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी उपलब्ध कराए। इसके बावजूद उसका एजुकेशन लोन बैंक ने मंजूर नहीं किया। असल में एजुकेशन लोन के लिए पेरेंट्स या अभिभावक को-एप्लीकेंट होते हैं और इस मामले में आकाश के पिता ने यह जिम्मेदारी संभाली थी। आकाश ने जब बैंक से यह पड़ताल की कि आखिर उसका लोन क्यों रिजेक्ट किया गया तो उसे पता चला कि उसके पिता की सिबिल में क्रेडिट रेटिंग बहुत खराब है। अब आप सोचेंगे कि इसमें सिबिल कहां से आ गया? दोस्तो, आपको ऐसी किसी दिक्कत से न गुजरना पड़े, इसलिए आइए आपको बताते हैं कि क्या होती है सिबिल और क्या होती है उसकी क्रेडिट रेटिंग?
क्या होती है क्रेडिट रेटिंग
असल में क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (सिबिल) लोगों और संस्थाओं के कर्ज व क्रेडिट कार्ड के भुगतान से संबंधित आंकड़ों का संग्रह करती है। ये आंकड़े उसे बैंक और अन्य कर्ज देने वाली संस्थाएं मासिक आधार पर उपलब्ध कराती हैं। सिबिल इन्हीं आंकड़ों के आधार पर किसी व्यक्ति या संस्था की क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (सीआइआर) और क्रेडिट स्कोर तय करती है। इसके लिए सिबिल ने एक स्कोर कार्ड बनाया हुआ है, जिसका मिनिमम स्कोर 300 और मैक्सिमम 900 है। जिस व्यक्ति का स्कोर 900 के करीब है, उसका क्रेडिट प्रोफाइल बहुत अच्छा, जबकि स्कोर 300 केे आसपास रहने पर क्रेडिट बहुत खराब माना जाता है। 700 से ऊपर का स्कोर आमतौर पर अच्छे क्रेडिट मैनेजमेंट को दर्शाता है। किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री इस बात का रिकॉर्ड है कि वह अतीत में अपने कर्जों का प्रबंधन किस प्रकार करता रहा है। जिस भी वित्तीय लेन-देन में कर्ज शामिल होता है, वह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में दर्ज हो जाता है।
सिबिल के स्कोर के आधार पर बैंक और अन्य लेंडर लोगों के लोन एप्लिकेशंस का मूल्यांकन करते हैं। दरअसल, किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर उसके कर्जदाता के लिए फस्र्ट इम्प्रेशन के रूप में काम करता है। सिबिल में किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, उसका कर्ज मंजूर होने की संभावनाएं उतनी ही अधिक होती हैं। बैंक इस तरह से यह चेक करते हैं कि आपके पास पहले से कितना कर्ज बोझ है और अब आप अतिरिक्त कर्ज लेकर उसे चुकाने में सक्षम हो सकेंगे या नहीं।
क्यों होती है रेटिंग खराब
यदि आप या आपके अभिभावक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और उसका बकाया बैलेंस लगातार बढ़ता जा रहा है तो आपके क्रेडिट स्कोर पर इसका निगेटिव इम्पैैक्ट पड़ता है। इसी तरह यदि आपने क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग की है या कोई और लोन लिया है और उसकी ईएमआइ देने में बार-बार चूक जा रहे हैं तो भी आपके क्रेडिट स्कोर पर निगेटिव असर पड़ेगा। अगर आपने कम समय में ही कई बार कर्ज लिया है तो इसका भी गलत असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है।
कैसे सुधारें क्रेडिट रेटिंग
क्रेडिट रेटिंग सुधारना आपके हाथ में है। इसके लिए बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। यदि आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने ड्यू बैलेंस को हमेशा कम रखें। इसके अलावा, अपने कर्जों की सभी किस्तों की समय से अदायगी करते रहें। एजुकेशन लोन के मामले में तो यह बेहद जरूरी है कि आपके गारंटर अभिभावक या मां-बाप इन बातों का पूरा ध्यान रखें। अगर आपके गारंटर की क्रेडिट रेटिंग सही नहीं है, तो आपका लोन नामंजूर किया जा सकता है।
दिनेश अग्रहरि
लोन के लिए गोल्डेन टिप्स
-लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपनी और अपने गारंटर की सिबिल क्रेडिट स्कोर जांच लें।
-यह स्कोर आप सिबिल की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन 470 रुपये के भुगतान के बाद हासिल कर सकते हैं।
-यदि रेंटिंग सही नहीं है तो पहले उसे दुरुस्त करने की कोशिश करें।
-अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का समय से भुगतान करें और यदि कोई अन्य लोन है तो उसकी ईएमआइ भी समय से चुकाएं।
-बैंक यदि आपका एजुकेशन लोन एप्लीकेशन रद्द करते हैं तो उन्हेें स्पष्ट रूप से इसकी वजह बतानी होगी।
-बैंक लोन देने के लिए 750 से ज्यादा स्कोर वाले कैंडिडेट को प्रिफर करते हैं।
-सिबिल स्कोर अच्छा रहने पर आपको लोन आसानी से और जल्दी तो मिलता ही है, आप
ब्याज दर के मामले में भी बैंक
से मोलभाव कर सकते हैं।