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व‌र्ल्ड ऑफ फैशन

इंडियन फैशन इंडस्ट्री के अगले 5 से 10 साल में 1000 करोड़ रु. तक पहुंच जाने की उम्मीद है। आज इस फील्ड में डिजाइनिंग के अलावा कई और ऑप्शन सामने आ गए हैं, जिनमें क्रिएटिविटी दिखाने और नाम कमाने का पूरा मौका है.. फैशन इंडस्ट्री में जब भी करियर बनाने की बात आती है, तो किसी डिजाइनर या रैंप पर कैटवॉक करती मॉडल का चेहरा

By Edited By: Published: Tue, 18 Mar 2014 12:34 PM (IST)Updated: Tue, 18 Mar 2014 12:34 PM (IST)
व‌र्ल्ड ऑफ फैशन

इंडियन फैशन इंडस्ट्री के अगले 5 से 10 साल में 1000 करोड़ रु. तक पहुंच जाने की उम्मीद है। आज इस फील्ड में डिजाइनिंग के अलावा कई और ऑप्शन सामने आ गए हैं, जिनमें क्रिएटिविटी दिखाने और नाम कमाने का पूरा मौका है..

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फैशन इंडस्ट्री में जब भी करियर बनाने की बात आती है, तो किसी डिजाइनर या रैंप पर कैटवॉक करती मॉडल का चेहरा सामने आ जाता है, लेकिन पर्दे के पीछे (बैक स्टेज) काम करने वाले फैशन प्रोफेशनल्स की डिमांड भी दिनों-दिन बढ़ रही है। आज के यूथ के सामने फैशन स्टाइलिंग, फोटोग्राफी, कोरियोग्राफी, ब्रांडिंग, प्रमोशन, गार्मेट मैन्युफैक्चरिंग, मर्चेडाइजिंग, कंसल्टिंग, फैशन इवेंट मैनेजर्स जैसे करियर ऑप्शंस भी आ गए हैं। डालते हैं फैशन इंडस्ट्री के ऐसे ही चुनिंदा विकल्पों पर नजर, जो यूथ के लिए हॉट करियर साबित हो सकते हैं :

फैशन स्टाइलिस्ट

आज सोनम कपूर और करीना कपूर जैसी बॉलीवुड सेलिब्रिटीज से लेकर फैशन मैगजींस, म्यूजिक वीडियो, टीवी कॉमर्शियल में मॉडल्स को नया लुक देने में जिनका बड़ा रोल होता है, वे हैं फैशन स्टाइलिस्ट। ये पर्सनल से लेकर इंटीरियर, मेकअप, अपैरल और हेयर स्टाइलिस्ट के तौर पर फैशन व‌र्ल्ड में छाए हुए हैं।

वर्क प्रोफाइल: मिलान के इंस्टीट्यूटो मैरेनगोनी से स्टाइलिंग में स्पेशलाइजेशन करने वाली फैशन स्टाइलिस्ट और माया लग्जरी ब्रांड की क्रिएटिव हेड दीपाली माथुर कहती हैं कि एक स्टाइलिस्ट आउटफिट से लेकर हेयरस्टाइल, मेकअप, एक्सेसरी और फुटवियर सब कुछ डिसाइड करता है। इसके अलावा, फैशन शोज के दौरान कैसे किसी गामर्ेंट को डिस्प्ले किया जाए, मॉडल्स या एक्टर्स कैसे खुद को रैंप पर कैरी करें, यह भी एक स्टाइलिस्ट ही तय करता है। इवेंट्स के दौरान वहां का इंटीरियर कैसा हो, यह भी स्टाइलिस्ट ही डिसाइड करता है।

कैसे करें एंट्री: इंडिया में स्टाइलिंग के स्पेशलाइज्ड कोर्स चुने हुए इंस्टीट्यूट्स में ही हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स टेक्सटाइल, फैशन मर्चेडाइजिंग या ग्राफिक डिजाइनिंग में अंडरग्रेजुएट या ग्रेजुएट कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, मिलान के मैरेनगोनी, न्यूयॉर्क के फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी या इंस्टीट्यूटो यूरोपियो डी डिजाइन से डिप्लोमा या फैशन स्टाइलिंग में तीन साल का डिग्री कोर्स किया जा सकता है। हां, इसके लिए किसी ब्रांड या डिजाइनर के साथ फैशन असिस्टेंट, पर्सनल स्टाइलिंग अप्रेंटिस, स्टाइलिंग इंटर्न आदि के तौर पर वर्क एक्सपीरियंस और पोर्टफोलियो होना जरूरी है। दीपाली कहती हैं कि यंगस्टर्स सेलेब स्टाइलिस्ट, पर्सनल स्टाइलिस्ट, फैशन एडिटर, फोटो स्टाइलिस्ट, वॉर्डरोब स्टाइलिस्ट, टीवी कॉमर्शियल, मैगजीन फोटोशूट के जरिये नेम और मनी दोनों कमा सकते हैं।

फैशन फोटोग्राफर

कंटेम्पररी फैशन इंडस्ट्री में फैशन फोटोग्राफर की भूमिका उतनी ही अहम हो चुकी है, जितनी किसी डिजाइनर की। खासकर पब्लिसिटी और ब्रांडिंग के लिए फैशन फोटोग्राफर की काफी जरूरत होती है। एक अनुमान के अनुसार, 2016 तक फैशन फोटोग्राफी इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 10 परसेंट रहने की उम्मीद है।

वर्क प्रोफाइल: इंडिया के मशहूर फैशन डिजाइनर तरुण तहलियानी, राकेश अग्रवाल, गौरव गुप्ता, आस्था नारंग आदि के साथ काम करने वाले फैशन फोटोग्राफर आशीष साहू कहते हैं, मेरा काम क्लाइंट या ब्रांड की डिमांड के मुताबिक, फोटो शूट करना होता है। वैसे, फैशन फोटोग्राफर्स मॉडल्स, गामर्ेंट्स, एक्सेसरीज की फोटोग्राफ्स लेने से लेकर स्टूडियो और अलग-अलग लोकेशंस, इवेंट्स पर काम करते हैं। रूम की लाइटिंग एडजस्टमेंट, कैमरा सेटिंग से लेकर पोर्टफोलियो तैयार करने की पूरी रिस्पॉन्सिबिलिटी उनकी ही होती है। साथ ही, वह मॉडल को गाइड करते हैं कि कैमरे के सामने या किसी शो में कैसे पोज दिया जाए।

कैसे करें एंट्री: फैशन फोटोग्राफर बनने के लिए फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी या भारतीय विद्या भवन से फैशन फोटोग्राफी में एक साल का डिप्लोमा या फिर स्पेशलाइजेशन कोर्स किया जा सकता है। कुछ बेसिक टेक्निकल स्किल्स, जैसे-लाइटिंग, फैशन ट्रेंड्स और स्टाइल्स की जानकारी के साथ-साथ सोशल स्किल्स भी होनी चाहिए। आशीष कहते हैं कि मुझे बचपन से ही फोटोग्राफी का पैशन था। ग्लैमर इंडस्ट्री अट्रैक्ट करती थी। इसलिए कड़ी मेहनत की। आज मेरी एक पहचान है। स्टूडेंट्स फैशन फोटोग्राफर, मैगजीन फोटोग्राफर या मेल ऑर्डर कैटलॉग फोटोग्राफर के रूप में करियर बना सकते हैं। स्टार्टिग में एस्टैब्लिश्ड फोटोग्राफर के असिस्टेंट के तौर पर काम करने से एक्सपोजर मिलता है।

विजुअल मर्चेडाइजर

विजुअल मचर्ेंडाइजर एक ऐसे फील्ड के रूप में उभरा है, जहां आपको अपनी क्रिएटिविटी एक्सप्रेस करने का पूरा मौका मिलता है।

वर्क प्रोफाइल: विजुअल मर्चेडाइजर का काम यह तय करना होता है कि किसी भी एक्सेसरी या गार्मेट को रिटेल स्टोर में कैसे डिस्प्ले किया जाए, ताकि वह कस्टमर्स को अट्रैक्ट कर सके। इसके लिए वह मार्केट में उपलब्ध एक्सेसरीज और गार्मेट्स की स्टडी करता है और क्लाइंट को सलाह देता है कि स्टोर को कैसे मार्केट फ्रेंडली बनाया जा सकता है।

कैसे करें एंट्री: ज्यादातर कंपनियां हायर सेकंडरी लेवल के उन डिप्लोमा होल्डर्स को प्रिफर करती हैं, जिनके पास कस्टमर सर्विस, जनरल रिटेल, सेल्स, मार्केटिंग या इससे रिलेटेड फील्ड में 3 से 5 साल का एक्सपीरियंस होता है। कुछ कंपनीज बिजनेस, फैशन डिजाइन, फैशन मचर्ेंडाइजिंग या मार्केटिंग में बैचलर्स डिग्री वालों को प्रिफरेंस देती हैं।

फैशन मर्र्चेडाइजर

फैशन मर्र्चेडाइजर पूजा सब्बरवाल फैशन इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहती थीं, लेकिन डिजाइनर नहीं, बल्कि मर्र्चेडाइजर के रूप में। लिहाजा, गार्र्मेट मर्र्चेडाइजिंग में पीजी डिप्लोमा किया और आज एक बड़े ब्रांड के साथ हैं।

वर्क प्रोफाइल : पूजा बताती हैं कि मर्र्चेडाइजर का काम गार्र्मेट का ऑर्डर लेना, सैंपल तैयार करना, कॉस्टिंग करना और फाइनल प्रोडक्ट को क्लाइंट्स तक पहुंचाना है। डिजाइनर्स से आउटफिट खरीदने और बायर्स तक पहुंचाने का टास्क भी मर्र्चेडाइजर का ही होता है। उनमें फैशन सेंस, बिजनेस एक्सपर्टीज और स्ट्रॉन्ग कम्युनिकेशन स्किल्स का होना जरूरी है।

कैसे करें एंट्री : फैशन मर्र्चेडाइजर बनने के लिए फैशन या गार्र्मेट मर्र्चेडाइजिंग में पीजी कोर्स कर सकते हैं। फैब्रिक फाइबर, कटिंग, इंटरनेशनल मार्केटिंग की जानकारी होनी चाहिए।

फैशन एंटरप्रेन्योर

फैशन एंटरप्रेन्योर बनने के लिए किसी तरह के स्पेशल क्वालिफिकेशन की जरूरत नहीं होती। कैंडिडेट को सिर्फ फैशन की समझ, विजुअलाइजेशन पावर, इमैजिनेशन, टेक्नोलॉजी से अपडेट रहने, इनोवेटिव, मार्केटिंग सेंस और ऑनलाइन मर्चेडाइजिंग की जानकारी रखनी होगी। ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में एंटरप्रेन्योर के रूप में शुरुआत थोड़ी टफ हो सकती है, लेकिन एक बार आपका ब्रांड स्टैब्लिश हो गया तो साल में चौदह से पंद्रह लाख रुपये कमाना मुश्किल नहीं होगा।

गजल शर्मा

डायरेक्टर, द वेज स्टोरी

..और भी हैं ऑप्शंस

फैशन व‌र्ल्ड में डिजाइनर ड्रेसेज के साथ मॉडल्स को रैंप पर उतारने में कई अन्य एक्सप‌र्ट्स का भी रोल होता है। इनमें से कुछ प्रमुख हैं :

1. फैशन कोऑर्डिनेटर

2. पैटर्न मेकर

3. कॉस्ट्यूम डिजाइनर

4. फैशन कोरियोग्राफर्स

5. रिटेल मैनेजर्स

6.ब्रांड मैनेजर्स

अंशु सिंह


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