म्यूजिक की मस्ती
म्यूजिक फील्ड में इंट्रेस्ट रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए करियर की नई राहें खुलने लगी हैं। एक समय ऐसा भी था जब म्यूजिक को केवल एंटरटेनमेंट का साधन माना जाता था, लेकिन हाल के वर्र्षो में इस फील्ड का परिदृश्य पूरी तरह से बदल चुका है। म्यूजिक में महारत हासिल करने वाले स्टूडेंट्स स्कूल, का
म्यूजिक फील्ड में इंट्रेस्ट रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए करियर की नई राहें खुलने लगी हैं। एक समय ऐसा भी था जब म्यूजिक को केवल एंटरटेनमेंट का साधन माना जाता था, लेकिन हाल के वर्र्षो में इस फील्ड का परिदृश्य पूरी तरह से बदल चुका है। म्यूजिक में महारत हासिल करने वाले स्टूडेंट्स स्कूल, कॉलेज या फिर किसी ग्रुप के साथ जुड़ कर म्यूजिशियन के रूप में करियर की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न टीवी चैनलों पर चल रहे रियलिटी शो में भी लाइव परफॉमर्ेंस देकर अपना करियर संवार सकते हैं। इसके अलावा, म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स बनाने वाली कंपनियों में इंस्टूमेंटलिस्ट बनकर भी जॉब हासिल कर सकते हैं। अगर आप थोड़ी मेहनत करके साउंड रिकॉर्डिंग का भी अनुभव हासिल कर लें, तो रिकॉर्डिंग स्टूडियो में साउंड रिकॉर्डिस्ट के रूप में भी करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
म्यूजिक वर्ल्ड में एंट्री
भारत में म्यूजिक के पॉपुलर होने के साथ यह एक बेहतरीन करियर ऑप्शन के रूप में उभरा है। कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीज म्यूजिक से रिलेटेड कोर्स ऑफर कर रहे हैं। आप इससे रिलेटेड कोर्स में 12वींके बाद एडमिशन ले सकते हैं। इस फील्ड में आप चाहें, तो सर्टिफिकेट कोर्स, बैचलर कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के कोर्स भी कर सकते हैं। अमूमन सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक वर्ष, बैचलर डिग्री कोर्स की तीन वर्ष और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल कोर्स की अवधि दो वर्ष की होती है।
इस फील्ड में कुछ पॉपुलर कोर्स इस तरह हैं : बी.आर्ट्स इन म्यूजिक, बी.आर्ट्स (विजुअल आर्ट्स/म्यूजिक/डांस ऐंड ड्रामा), बी. आर्ट्स इन तबला, बी.फाइन आर्ट्स इन सितार, बी.फाइन आर्ट्स इन तबला, सर्टिफिकेट इन म्यूजिक, सर्टिफिकेट इन म्यूजिक ऐंड डांस, सर्टिफिकेट कोर्स इन म्यूजिक एप्रिसिएशन ऐंड म्यूजिक, डिप्लोमा इन म्यूजिक, डिप्लोमा इन सितार, एमए इन म्यूजिक, एमफिल इन म्यूजिक, पीएचडी इन म्यूजिक आदि।
बेसिक स्किल्स
म्यूजिक फील्ड में करियर बनाने के लिए सबसे जरूरी इस फील्ड के प्रति आपका लगाव। टैलेंट, सच्ची लगन और हार्ड वर्क की बदौलत इस क्षेत्र में कामयाबी हासिल की जा सकती है। इस फील्ड से रिलेटेड नॉलेज काफी जरूरी है। इस फील्ड में कई सारे नए जॉब ऑप्शन भी उभरने लगे हैं, जैसे-रिकॉर्रि्डग और साउंड इंजीनियरिंग। इसके लिए साउंड तकनीक की जानकारी बहुत जरूरी है। साथ ही,थ्योरेटिकल नॉलेज के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी बढ़ाना होगा। यदि आपमें नेचुरल टैलेंट है, तो यह आपके लिए एक गिफ्ट के समान है, लेकिन आप नियमित रियाज के साथ-साथ ट्रेनिंग या फिर किसी अच्छे इंस्टीटयूट में दाखिला लेकर भी इस फील्ड में करियर की बेहतर शुरुआत कर सकते हैं।
वर्क ऑप्शंस
म्यूजिक फील्ड का अर्थ केवल यह नहींहै कि आप केवल सिंगिंग में ही करियर बना सकते हैं, बल्कि इस फील्ड में ऑप्शंस की कमी नहीं हैं। आप टीचिंग, म्यूजिशियन, रिकॉर्डिग, कंसर्ट, परफॉर्मर, लाइव शो, डिस्क जॉकी, वीडियो जॉकी और रेडियो जॉकी के रूप में भी करियर की शुरुआत कर सकते हैं। क्लासिकल, फोक, गजल, पॉप, फ्यूजन आदि के क्षेत्र में भी भरपूर अवसर हैं। इसके अलावा, कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां म्यूजिक से जुड़ी प्रतिभा को नई बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं। कॉपीराइटर, रिकॉर्डिंग टेक्नीशियन, इंस्ट्रूमेंट मैन्युफैक्चरिंग, म्यूजिक थेरेपी, प्रोडक्शन, प्रमोशन आदि क्षेत्र में बेहतरीन अवसर हैं। इसके अलावा, आप म्यूजिक लाइब्रेरियन, म्यूजिकोलॉजिस्ट, आर्ट्स एडमिनिस्ट्रेटर आदि के तौर पर भी करियर बना सकते हैं। जहां तक जॉब की बात है, तो आप एफएम चैनल्स, म्यूजिक कंपनी, प्रोडक्शन हाउस, म्यूजिक रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, गवर्नमेंट कल्चरल डिपार्टमेंट, म्यूजिक चैनल आदि में कोशिश कर सकते हैं।
सैलरी पैकेज
म्यूजिक एक ऐसा फील्ड है, जहां सैलरी का कोई तय पैमाना नहीं है। यदि आप अच्छे परफॉर्मर और म्यूजिशियन हैं, तो कमाई की कोई सीमा नहीं है। हालांकि इस फील्ड में आरजे, वीजे, रेडियो जॉकी के रूप में करियर की शुरुआत करके शुरुआती दौर में आपको करीब 12-18 हजार रुपये प्रति माह सैलरी मिल सकती है। सिंगर, म्यूजिक कंपोजर की आय उसकी योग्यता और प्रोजेक्ट पर भी निर्भर करती है। प्लेबैक सिंगर या अलबम के लिए आप कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर खूब कमाई कर सकते हैं।
(जागरण फीचर)