करियर को दें रफ्तार
दसवीं के बाद अमूमन स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई के लिए सोचते हैं, लेकिन जो स्टूडेंट किसी वजह से ऐसा नहीं कर पाते, वे शॉर्ट-टर्म जॉब ओरिएंटेड कोर्स करके करियर की राह पर कदम बढ़ा सकते हैं। कुछ ऐसे फील्ड भी हैं, जिनमें दसवीं के बाद ही नौकरी के लिए प्रयास कर सकते हैं। कौन-कौन से हैं ऐसे कोर्सेज और फील्ड्स, उन पर एक
दसवीं के बाद अमूमन स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई के लिए सोचते हैं, लेकिन जो स्टूडेंट किसी वजह से ऐसा नहीं कर पाते, वे शॉर्ट-टर्म जॉब ओरिएंटेड कोर्स करके करियर की राह पर कदम बढ़ा सकते हैं। कुछ ऐसे फील्ड भी हैं, जिनमें दसवीं के बाद ही नौकरी के लिए प्रयास कर सकते हैं। कौन-कौन से हैं ऐसे कोर्सेज और फील्ड्स, उन पर एक नजर..
पॉपुलर कोर्स
पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा : जेई बनने का प्लेटफॉर्म
भारत में टेक्निकल एजुकेशन प्रदान करने वाले पॉलिटेक्निक्स ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) से मान्यता प्राप्त होते हैं। अगर कोई स्टूडेंट टेक्निकल फील्ड में करियर बनाना चाहता है, तो वह दसवीं के बाद किसी पॉलिटेक्निक से इंजीनियरिंग में तीन साल का डिप्लोमा कोर्स कर सकता है। मैकेनिकल, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्युनिकेशन, सिविल, ऑटोमोबाइल ब्रांच में इंजीनियरिंग के अलावा, सिस्टम मैनेजमेंट, फैशन टेक्नोलॉजी, इंटीरियर डेकोरेशन जैसे आज के हॉट कोर्स में भी डिप्लोमा किया जा सकता है। पॉलिटेक्निक में दाखिले के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में स्टेट लेवल पर (जैसे यूपी में प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा) एंट्रेंस एग्जाम होता है। इसे क्वालिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के बाद उनकी मेरिट के मुताबिक एडमिशन दिया जाता है। एंट्रेंस एग्जाम में 10वीं लेवल की मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ जीके, रीजनिंग से जुड़े कॉमन क्वैश्चन पूछे जाते हैं। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के आधार पर सरकारी और निजी क्षेत्र के संस्थानों में जूनियर इंजीनियर के रूप में नौकरी की शुरुआत की जा सकती है।
आइटीआइ : तकनीक में महारत
अगर आपका इंट्रेस्ट मशीनों या कोई स्पेशल क्राफ्ट सीखने में है, तो दसवीं के बाद आपके पास इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट यानी आइटीआइ से कई तरह के शॉर्ट टर्म कोर्स करने के ऑप्शंस हैं। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त ये आइटीआइ अपने यहां इंजीनियरिंग और नॉन-इंजीनियरिंग फील्ड से रिलेटेड तमाम तरह के स्किल बेस्ड कोर्स संचालित करते हैं, जैसे-ऑटोमोबाइल, डीजल मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, मोटर ड्राइवर कम मैकेनिक, वेल्डर, फिटर आदि। ये कोर्सेज एक से तीन साल के होते हैं, जिनमें मेरिट के आधार पर दाखिला मिलता है। कोर्स कंप्लीट करने पर प्राइवेट सेक्टर के कारखानों, इंडियन रेलवे, टेलीकॉम डिपार्टमेंट आदि में जॉब मिल सकती है। चाहें तो खुद का काम भी कर सकते हैं।
आइटी इंजीनियर : हार्डवेयर ऐंड सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स
आज कंप्यूटर की उपयोगिता बढ़ने से इसकी मेंटिनेंस करने वाले स्किल्ड लोगों की डिमांड भी बढ़ी है। अगर कंप्यूटर में दिलचस्पी है, तो आप एडवांस हार्डवेयर/नेटवर्किंग या सॉफ्टवेयर से जुड़ा कोर्स कर सकते हैं। 10वीं के बाद स्टूडेंट्स कंप्यूटर कॉन्सेप्ट कोर्स (सीसीसी) कर सकते हैं। इसमें कंप्यूटर की बेसिक जानकारी, इंटरनेट का उपयोग, कंप्यूटर अकाउंट की जांच करना आदि सिखाया जाता है। यह कोर्स भारत सरकार के मान्यता प्राप्त संस्थान डीओइएसीसी और इसके ब्रांचेज से कर सकते हैं। कई प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स भी ऐसे कोर्स कराते हैं। स्टूडेंट्स तीन महीने का सर्टिफिकेट इन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, छह महीने का कंप्यूटर एप्लीकेशन कोर्स और 12 महीने का डिप्लोमा इन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ऐंड एप्लीकेशंस कोर्स भी कर सकते हैं।
हेयर डिजाइनिंग : बालों को दें स्टाइल
हेयर स्टाइल का क्रेज जिस तरह से लोगों में बढ़ता जा रहा है, उससे इस क्षेत्र में स्टाइलिस्ट हेयर डिजाइनर की डिमांड बढ़ गई है। इंट्रेस्टेड कैंडिडेट 10वीं के बाद डिप्लोमा इन हेयर डिजाइनिंग कोर्स कर इस फील्ड में
एंट्री ले सकते हैं। हेयर डिजाइनिंग में डिप्लोमा मात्र चार महीने का कोर्स है। इसके बाद आपको सैलून, स्पा, होटल्स, ब्यूटी इंडस्ट्रीज और कॉस्मेटिक्स यूनिट्स में काम मिल सकता है। चाहें तो खुद का सैलून भी स्टार्ट कर सकते हैं। इसके अलावा, पेडीक्योर, मेनीक्योर और कॉस्मेटोलॉजी से रिलेटेड कोर्सेज भी हैं, जिसे किया जा सकता है।
पैरामेडिकल : चिकित्सा का बैकबोन
भारत में हेल्थकेयर तेजी से उभरता हुआ सेक्टर है। स्टूडेंट्स 10वीं के बाद डायलिसिस टेक्निशियन, लैब टेक्निशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, ऑपथैलमिक टेक्नोलॉजी में तीन साल का डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, नर्सिंग ऐंड ट्रेनिंग, मेडिकल रिकॉर्ड मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स भी किया जा सकता है। कोर्स कंप्लीट करने के बाद प्राइवेट या गवर्नमेंट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम में जॉब मिल सकती है।
पॉपुलर जॉब्स
आर्मी : थल सेना के जांबाज
10वीं पास स्टूडेंट्स भारतीय थल सेना की नॉन-टेक्निकल शाखाओं, जैसे-इंफैंटरी आर्म्ड कोर और आर्टिलरी में आवेदन कर सकते हैं। थल सेना में सैनिक (सामान्य कार्य) के लिए कम से कम मैट्रिक 45 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण होना जरूरी है। आयु सीमा 16 से 21 के बीच होनी चाहिए। सैनिक ट्रेडमैन सामान्य कार्य और निर्दिष्ट कार्य के लिए मैट्रिक तथा भाषा का ज्ञान होना चाहिए। आयु सीमा 16 से 23 के बीच होनी जरूरी है। इसके अलावा, लंबाई, सीने की चौड़ाई, दौड़, लंबी कूद, वजन आदि को लेकर भी कुछ शतर्ें हैं। सैनिकों का चयन खुली भर्ती के माध्यम से किया जाता है। भर्ती स्थल पर उम्मीदवारों की प्राथमिक स्क्रीनिंग, दस्तावेजों की जांच तथा शारीरिक क्षमता की परीक्षा होती है। इसके बाद शारीरिक रूप से सक्षम कैंडिडेट्स को एक लिखित परीक्षा देनी पड़ती है। भर्ती से संबंधित सूचनाओं के लिए www.indianarm4.nic.in साइट पर विजिट कर सकते हैं।
एयरफोर्स : वायुसेना में भी हैं मौके
10वीं पास स्टूडेंट्स एयरफोर्स के नॉन-टेक्निकल पोस्ट्स के लिए आवेदन कर सकते हैं, जैसे- एयरमैन के लिए प्रत्येक वर्ष अप्रैल और अगस्त महीने में इंडियन एयरफोर्स का सेंट्रल एयरमैन सलेक्शन बोर्ड एग्जाम कंडक्ट कराता है। इन पोस्ट्स के लिए 45 प्रतिशत मार्क्स के साथ स्टूडेंट्स को 10वीं (साइंस) पास होना जरूरी है। इसके लिए उम्र 16 से 19 साल के बीच होनी चाहिए, जबकि हाइट 152.5 सेंटीमीटर या इससे अधिक हो। सीने की चौड़ाई कम से कम 75 सेंटीमीटर होनी चाहिए। इसके अलावा, स्टूडेंट्स एयर फील्ड सेफ्टी ऑपरेटर, ड्राइवर्स, रेडियो या टेलीफोन ऑपरेटर जैसे पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें। www.indianairforce.nic.in
नेवी : अट्रैक्टिव करियर
इंडियन नेवी नेवल विंग के लिए नेवी सेलर्स मैट्रिक एंट्री रिक्रूटमेंट एग्जाम साल में दो बार कंडक्ट कराती है। जरूरी योग्यता 10वीं में साइंस और मैथ्स में 55 प्रतिशत अंकों के साथ अविवाहित होना है। कैंडिडेट की उम्र 17 से 20 साल के बीच होनी चाहिए। साथ ही हाइट, चेस्ट, वेट और विजन के लिए भी जरूरी अहर्ताएं रहती हैं। एग्जाम में साइंस, मैथ्स, जनरल नॉलेज और इंग्लिश से सवाल पूछे जाते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए वेबसाइट www. indianna14.nic.in देख सकते हैं।
पैरामिलिट्री : सजग प्रहरी
बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ, आइटीबीपी आदि में भी समय-समय पर कॉन्सटेबल पोस्ट के लिए रिक्रूटमेंट होती हैं। फिजिकल परीक्षा के बाद लिखित परीक्षा भी होती है, जिसमें हिंदी या अंग्रेजी, जनरल इंटेलिजेंस, न्यूमेरिकल एप्टिट्यूड और क्लेरिकल एप्टिट्यूड से संबंधित सवाल भी पूछे जाते हैं। इसके लिए पुरुष और महिला दोनों की उम्र 18 से 23 साल के बीच होनी चाहिए। पुरुष की हाइट 170 सेंटीमीटर और महिला के लिए 157 सेंटीमीटर होनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट www.armedforces.co.in देखें।
रेलवे : सुविधाओं के बीच करियर
10वीं पास स्टूडेंट्स के लिए रेलवे में काफी ऑप्शंस हैं। कॉमर्शियल क्लर्क और ट्रेन्स क्लर्क जैसे पोस्ट्स के लिए अलग-अलग रेलवे भर्ती बोर्ड यानी आरआरबी लिखित परीक्षा के साथ-साथ दो फेज में मेडिकल टेस्ट लेता है। अकाउंट क्लर्क कम टाइपिस्ट और जूनियर क्लर्क कम टाइपिस्ट के लिए लिखित परीक्षा और टाइपिंग टेस्ट्स लिया जाता है। आरपीएफ कॉन्सटेबल के लिए फिजिकल एग्जाम और लिखित परीक्षा होती है। अगर आप टिकट चेकर (टीसी) बनना चाहते हैं, तो 50 प्रतिशत मार्क्स के साथ 10वीं पास होना जरूरी है। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर इस पोस्ट पर सलेक्शन होता है। इसके अतिरिक्ती रेलवे में ग्रुप डी के पदों, जैसे-गैंग मैन या ट्रैक मैन, हेल्पर या खलासी, प्लेटफॉर्म पोर्टर जैसे अन्य पदों के लिए भी 10वीं पास स्टूडेंट्स आवदेन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए वेबसाइट www.rail2a4recruitment.co.in देख सकते हैं।
स्किल बेस्ड कोर्स पर करें फोकस
10वीं पास स्टूडेंट्स को स्किल बेस्ड कोर्स पर फोकस करना चाहिए। पॉलिटेक्निक और आइटीआइ के अतिरिक्त नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन भी स्किल बेस्ड कोर्सेज कराता है। अन्य गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन,जैसे- एनएसडीसी, एनवीटीआइ और ऑफिस ऑफ कमिश्नर ऑफ इंडस्ट्रीज भी हैं, जो इलेक्ट्रिशियन, टीवी रिपेयरिंग, कार्पेट वीविंग, इंश्योरेंस और मेडिकल फील्ड में जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज कराते हैं। कम्युनिकेशन और इंटरनेट ब्राउजिंग स्किल्स डेवलप करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही, फ्यूचर में भी आप अपने स्किल्स को मेंटेन रखें, भले ही आपने जॉब पा ली हो।
-जितिन चावला, करियर काउंसलर