करियर को मिलेगी नई रफ्तार
आज टेक्नोलॉजी और इंटरनेट ने लोगों की जिंदगी में अहम जगह बना ली है। 2014 में इस क्षेत्र ने जिस तरह से युवाओं को नौकरी के बेहतरीन मौके दिए, उससे पूरी उम्मीद है कि 2015 और आने वाले वर्षों में टेक्नोलॉजी बेस्ड व इससे जुड़े अन्य क्षेत्र युवाओं के लिए
आज टेक्नोलॉजी और इंटरनेट ने लोगों की जिंदगी में अहम जगह बना ली है। 2014 में इस क्षेत्र ने जिस तरह से युवाओं को नौकरी के बेहतरीन मौके दिए, उससे पूरी उम्मीद है कि 2015 और आने वाले वर्षों में टेक्नोलॉजी बेस्ड व इससे जुड़े अन्य क्षेत्र युवाओं के लिए करियर के बेस्ट डेस्टिनेशन साबित होंगे। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही हॉट ऑफबीट फील्ड के बारे में, जिनमें वर्ष 2015 में करियर को नई रफ्तार मिल सकती है...
ऐप डेवलपर्स
स्मार्टफोन यूजर्स की बढ़ती संख्या और इसमें लगभग हर दिन आने वाले नए एप्लीकेशंस (ऐप्स) ने इस मार्केट को काफी तेजी प्रदान की है। एप्लीकेशंस की बढ़ती मांग ने ऐप डेवलपर्स की डिमांड बढ़ा दी है। जिस तरह से वर्ष 2014 में ऐप्स मार्केट में हर दिन नए-नए एप्लीकेशन आते रहे, उससे कहीं ज्यादा नए ऐप्स आने वाले दिनों में आ सकते हैं। कंपनियां भी हर दिन नए ऐप्स डेवलप और अपडेट कर रही हैं। इसके लिए वे स्किल्ड ऐप डेवलपर्स या प्रोफेशनल्स को हायर कर रही हैं। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, मार्च 2015 तक भारत में मोबाइल यूजर्स का आंकड़ा 165 मिलियन को पार कर जाएगा। आने वाले दिनों में इसमें स्किल्ड लोगों के लिए बेहतर अवसर होंगे।
डाटा एनालिस्ट
ऑनलाइन कस्टमर्स की बढ़ती संख्या और ई-कॉमर्स के बढ़ते दायरे ने देश में डाटा एनालिसिस के काम को काफी तेजी से बढ़ाया है। कंपनी के डाटा को सुरक्षित रखना, उनका सही तरीके से विश्लेषण करना, उपभोक्ताओं के डाटा के बारे में संपूर्ण जानकारी रखना, उनसे बेहतर तालमेल बनाए रखने के साथ-साथ उसे सुरक्षित रखने के लिए डाटा एनालिस्ट की डिमांड बढ़ गई है। ऑनलाइन सेक्टर के बढ़ते दायरे की वजह से आने वाले वर्षों में इसमें और बेहतर मौके आएंगे।
डिजिटल मार्केटिंग
इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या ने डिजिटल मार्केटिंग को बढ़ावा दिया है। आज सभी छोटी-बड़ी कंपनियां प्रमोशन और प्रोडक्ट सेलिंग के लिए डिजिटल माध्यम का सहारा ले रही हैं। डिजिटल माध्यम के बढ़ते दायरे ने इस क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के काफी बेहतर मौके उपलब्ध कराए हैं। वर्तमान में देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 200 मिलियन है और आने वाले वर्षों में इनकी संख्या और तेजी से बढ़ेगी। इंटरनेट यूजर की संख्या बढ़ने पर इनकी मांग और अधिक बढे़गी।
लॉजिस्टिक्स
ई-कॉमर्स की उछाल ने लॉजिस्टिक्स को काफी तेजी से उभारने का काम किया है। ई-कॉमर्स में आ रही तेजी के साथ ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रोडक्ट की डिलीवरी भी महत्वपूर्ण हो गई है। इसे देखते हुए अब कई ई-कॉमर्स कंपनियां स्थापित लॉजिस्टिक कंपनियों पर निर्भर रहने की बजाय कस्टमर्स तक तेज सर्विस पहुंचाने के लिए खुद की लॉजिस्टिक सर्विस भी शुरू कर रही हैं। फ्लिपकार्ट, जबॉन्ग, स्नैपडील, मिंत्रा जैसी तमाम ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां प्रोडक्ट बुकिंग तो ऑनलाइन करती है, लेकिन उन प्रोडक्ट की सही पैकिंग से लेकर ग्राहकों तक उसकी सुरक्षित डिलीवरी का सारा दारोमदार लॉजिस्टिक्स के कंधों पर ही होता है। यह सेक्टर में बुकिंग मैनेजर, प्रोडक्ट मैनेजर, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, डिलीवरी ब्यॉय जैसे तमाम पदों पर
रिक्रूटमेंट तेजी से बढ़ रहा है। यहां तक कि ई-कॉमर्स कंपनियां बड़ी-बड़ी फूड चेन के डिलीवरी ब्यॉय तक को दोगुनी सैलरी और इंसेंटिव्स ऑफर कर अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं।
ई-कॉमर्स
वर्ष 2014 में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में जैसा रिवॉल्यूशन आया, वह पहले कभी नहीं देखा गया था। दशकों से स्थापित कॉरपोरेट कंपनियों तक को इसने अपनी ग्रोथ से चौंकाया। ऐसे में इसने युवाओं के लिए भी बेस्ट करियर ऑप्शन के रूप में काफी कम समय में पहचान बना ली है। भारत में तेज रफ्तार से इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ने से करीब 2.5 करोड़ लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। इस इंडस्ट्री का कारोबार आज 12 अरब डॉलर से ज्यादा का हो चुका है और साल 2020 तक इसके 75 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। मेट्रो सिटी से लेकर सुदूर गांव तक इंटरनेट ने ई-कॉमर्स के मार्केट की आसान पहुंच बना दी है। अलीबाबा, ई-बे और अमेजन की तरह फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, जबॉन्ग, मिंत्रा, होमशॉप18 जैसी कई इंडियन ई-कॉमर्स कंपनियां करोड़ों-अरबों का बिजनेस कर रही हैं। स्टार्टअप्स भी अपने इनोवेशन के साथ ई-कॉमर्स का फायदा उठा रहे हैं। इससे न सिर्फ एंटरप्रेन्योशिप, बल्कि मार्केटिंग, फाइनेंस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस, ग्राफिक्स के क्षेत्र में जॉब के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
कैब सुपरवाइजर
भले ही दिल्ली में यूएस बेस्ड एक कैब सर्विस के ड्राइवर की शर्मनाक हरकत से ऑनलाइन टैक्सी सर्विस पर विवाद पैदा हो गया हो, पर एक फोन पर घर बैठे कैब की सुविधा ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है। ईजी कैब्स, मेरू कैब्स, ओलाकैब्स, टैक्सी फॉर श्योर, मेगा कैब्स, उबर जैसी ढेरों कंपनियां एक कॉल पर चंद मिनटों में लोगों की सेवा के लिए हाजिर रहते हैं। जिस तरह से काफी कम समय में देशी-विदेशी कैब कंपनियों की संख्या बढ़ी हैं, उससे इस क्षेत्र कई लेवल्स पर प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ी है। लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए देशी-विदेशी कैब्स कंपनियां देशभर में अपने फ्रेंचाइजी का विस्तार कर रही हैं। कैब्स के इस बढ़ते कारोबार की वजह से फ्रेंचाइजी ऑनर, कैब सुपरवाइजर, मैनेजर, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, ड्राइवर जैसे ढेरों पदों पर काबिल लोगों को नौकरियां मिल रही हैं।
जागरण फीचर