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बैंक में लाखों नौकरियां हो जाएं तैयार

इस साल दर्जनों नए बैंकिंग लाइसेंस जारी किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकारी बैंकों में आने वाले कुछ सालों में बहुत से एम्प्लॉयीज रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में बैंकिंग सेक्टर में अगले 5 से 10 साल में करीब 20 लाख जॉब्स सामने आ सकती हैं.. बैंकिंग सेक्टर में जॉब की तलाश कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। आने वाले कुछ साल

By Edited By: Published: Tue, 18 Mar 2014 12:50 PM (IST)Updated: Tue, 18 Mar 2014 12:50 PM (IST)
बैंक में लाखों नौकरियां हो जाएं तैयार

इस साल दर्जनों नए बैंकिंग लाइसेंस जारी किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकारी बैंकों में आने वाले कुछ सालों में बहुत से एम्प्लॉयीज रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में बैंकिंग सेक्टर में अगले 5 से 10 साल में करीब 20 लाख जॉब्स सामने आ सकती हैं..

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बैंकिंग सेक्टर में जॉब की तलाश कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। आने वाले कुछ सालों में बैंकिंग सेक्टर में लाखों वैकेंसीज आने वाली हैं। अगर एक्सप‌र्ट्स की बात मानें, तो बैंकिंग सेक्टर 2014 में सबसे ज्यादा नौकरियां मुहैया कराने वाला क्षेत्र होगा। नए बैंकिंग लाइसेंस जारी होने, रिजर्व बैंक और सरकार के ग्रामीण इलाकों में फाइनेंशियल सर्विसेज पहुंचाने के प्रयासों से बैंकिंग सेक्टर में एम्प्लॉयमेंट की रफ्तार और तेज होगी। जानकारों के मुताबिक, सरकारी बैंकों में करीब 50 फीसदी वर्कफोर्स अगले कुछ सालों में रिटायर हो जाएगा। जाहिर है कि ऐसे में इन बैंकों में नई प्रतिभाओं की जरूरत होगी।

लाखों युवाओं को मिलेगी जॉब

मनिपाल एकेडमी ऑफ बैंकिंग का अनुमान है कि अगले पांच साल में ही बैंकिंग सेक्टर में 18 से 20 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। विशेषज्ञों के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर के विस्तार से पीओ, क्लर्क, कैशियर जैसे पदों से संबंधित डायरेक्ट रोजगार तो पैदा होंगे ही, साथ ही इससे जुड़े क्षेत्रों में भी आकर्षक नई नौकरियों के मौके पैदा होंगे। एचआर सर्विस कंपनी रैंडस्टैड इंडिया के मुताबिक, ज्यादातर नौकरियां सरकारी बैंकों में मिलेंगी। इनमें अगले कुछ साल में 5 से 7 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। सरकारी बैंकों में इस पीरियड में जूनियर और मिड लेवल के करीब 50 फीसदी कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे। रैंडस्टैड इंडिया के अनुसार, आगामी दशक में बैंकिंग सेक्टर में 7 से 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी। कंपनी के मुताबिक, नए बैंकिंग लाइसेंस 2014 की पहली छमाही में जारी किए जाने की उम्मीद है। ऐसे में भविष्य में बैंकिंग सेक्टर में रोजगार के काफी मौके पैदा होंगे। बैंकिंग सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाने की सरकार के फाइनेंशियल इनक्लूजन प्लान से भी नई नौकरियां पैदा होंगी।

फाइनेंशियल एनालिस्ट

आमतौर पर हम बैंकों में कुछ चुनिंदा पदों के बारे में ही जानते हैं और उन्हीं के लिए आवेदन भी करते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बैंकों का सिस्टम आधुनिक हो रहा है, बैंकिंग बिजनेस को बढ़ाने के लिए नई-नई पोस्ट भी डेवलप की जा रही हैं। फाइनेंशियल एनालिस्ट भी ऐसी ही एक पोस्ट है। इसके लिए चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट की डिग्री होना अनिवार्य है। इसके अलावा, कैंडिडेट को फाइनेंशियल अकाउंटिंग की जानकारी, रिपोर्ट तैयार करने, प्लानिंग करने और उसमें एक्सीलेंट इंटरपर्सनल स्किल्स का होना जरूरी है।

अगर वर्ककी बात करें, तो प्लानिंग ऐंड बजटिंग प्रॉसेस को एनालाइज करना, फाइनेंस कमेटी के लिए रिपोर्ट तैयार करना, कॉस्ट सेविंग एरिया की जानकारी होना और फंड यूज के बारे में एडवाइज देना होता है।

बजट एनालिस्ट

यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, बजट एनालिस्ट की जॉब 2010 से 2020 के बीच दस प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। बजट एनालिस्ट एक्सपर्ट की संख्या कम होने के कारण इस फील्ड के जानकारों को सैलरी भी बहुत अच्छी मिलती है। एक सफल बजट एनालिस्ट बनने के लिए एकाउंट्स में बैचलर डिग्री का होना जरूरी है। इसके साथ ही गुड कम्युनिकेशन स्किल्स, टाइम मैनेजमेंट, मैनेजमेंट ऑफ फाइनेंशियल रिसोर्सेज, समय पर डिसीजन लेने की क्षमता होनी चाहिए। इसके अलावा, इंग्लिश, मैथमेटिक्स, कंप्यूटर, इकोनॉमिक्स ऐंड एकाउंटिंग में कमांड होनी बहुत जरूरी है। वर्क एरिया की बात करें, तो बजट एनालिस्ट का पद बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसके अंतर्गत बजट समीक्षा करना, बजट तैयार करना, मॉनिटरिंग करना, बजटिंग से जुड़ी प्रॉब्लम्स को सॉल्व करना जैसी कई जिम्मेदारियां आती हैं।

बिजनेस इंटेलिजेंस एनालिस्ट

ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स (बीएलएस) के अनुसार, 2010 से 2020 के बीच मैनेजमेंट एनालिस्ट फील्ड में तेजी से ग्रोथ होगी। बिजनेस इंटेलिजेंस एनालिस्ट कंपनी के बिजनेस और प्रॉफिट को बढ़ाते हैं। एनालिस्ट, ओल्ड और करेंट डाटा को एनालाइज कर निष्कर्ष निकालता है। सक्सेसफुल इंटेलिजेंस एनालिस्ट बनने के लिए मैनेजमेंट, एकाउंट्स, इकोनॉमिक्स, स्टैटिस्टिक्स या एमबीए की डिग्री जरूरी है। इसके अलावा, टेक्निकल स्किल्स और एनालिटिकल स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग और टाइम मैनेजमेंट की कला में माहिर होना चाहिए।

कॉमर्शियल क्रेडिट एनालिस्ट

किसी भी बैंक के लिए क्रेडिट एनालिस्ट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। लोन का अप्रूवल और एप्लीकेंट द्वारा बैंकों को वापस रकम लौटाने की क्षमता है कि नहीं इसका असेसमेंट क्रेडिट एनालिस्ट ही करता है। इस फील्ड में आने के लिए फाइनेंशियल फील्ड में बैचलर डिग्री का होना अनिवार्य है। एमबीए एप्लीकेंट को प्राथमिकता दी जाती है। इसके साथ ही स्टैटिस्टिक्स रिस्क मैनेजमेंट, मैथमेटिक्स की अच्छी जानकारी जरूरी है।

बैंकिंग में आइटी का रोल

आइटी ने बैंकिंग सेक्टर में कामकाज के तरीके को बदल दिया है। आइटी एक्सपर्ट की मदद से ही बैंक पहले से बेहतर सुविधाएं दे पाने में सक्षम हुए हैं। इंटरनेट बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, पेमेंट ऑफ ट्रांजेक्शन, वैरायटी ऑफ कार्ड आदि आइटी की ही देन है। आइटी एक्सप‌र्ट्स द्वारा कोर बैंकिंग और बैंक में सर्वर से जुड़ी तकनीकी प्रॉब्लम्स को भी सॉल्व किया जाता है। कुछ प्राइवेट बैंकों में आइटी की सुविधा आउटसोर्स की जाती है, जबकि कुछ जगहों पर परमानेंट अपाइंटमेंट किए जाते हैं। बैंकों में चीफ मैनेजर -सीनियर मैनेजर (आइटी नेटवर्क) आदि पदों की वैकेंसी निकाली जाती है। इस फील्ड में आने के लिए बीटेक आइटी या एमसीए होना अनिवार्य है। पंजाब नेशनल बैंक, मुंबई में आइटी ऑफिसर के पद पर काम करने वाली भारती श्रीवास्तव ने बताया कि बैंक के दूसरे एम्प्लॉयी की तरह आइटी ऑफिसर भी बिलिंग, एकाउंट्स से जुड़ी चीजों को सॉफ्टवेयर के तहत वॉच करते हैं। आइटी एक्सप‌र्ट्स टूल्स और एप्लीकेशन तैयार कर बैंक एम्प्लॉयी को उस पर काम करने के लिए ट्रेंड भी करते हैं।

टॉप इंस्टीट्यूट्स

-इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस बैंकिंग ऐंड इश्योरेंस, दिल्ली

-बीएफएसआइ एकेडमी, हैदराबाद

-आइसीएफएआइ यूनिवर्सिटी, देहरादून

-डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल स्टडीज, डीयू, दिल्ली

रुरल एरिया के युवाओं को मिलेगी बैंकों में जॉब!

बैंकिंग कारोबार बढ़ने के बावजूद आज भी देश की सिर्फ 30 फीसदी आबादी के पास बैंक अकाउंट है। सरकार और आरबीआइ के निर्देश पर बड़े बैंक ग्रामीण बाजारों में पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। टैलेंट असेसमेंट कंपनी मेरिटट्रैक सर्विसेज के मुताबिक, नए शहरों और ग्रामीण स्तर पर बैंकिंग गतिविधियों के विस्तार की वजह से अगले कुछ वर्र्षो में एम्प्लॉयमेंट और बढ़ेगा। यही नहीं, तकनीकी रूप से बैंकों के मॉडर्नाइज होने के कारण बहुत से नए-नए पद भी सामने आए हैं, जिनके बारे में हम पहले नहीं जानते थे। अभी तक प्रोबेशनरी ऑफिसर, क्लर्क, कैशियर, स्पेशल ऑफिसर्स जैसे पदों के लिए ही आवेदन करते थे, लेकिन अब तमाम नए पद सामने आ गए हैं, जो यूथ के लिए खास आकर्षण बन रहे हैं।

फाइनेंशियल एडवाइजर

फाइनेंशियल एडवाइजर कंपनी की इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड्स ऐंड स्टॉक आदि के बारे में रणनीति तैयार करते हैं और बैंक को समय-समय पर सुझाव भी देते हैं। वर्क एरिया की बात करें, तो फाइनेंशियल सर्विस और प्रोडक्ट के विषय में जानकारी देना एडवाइजर का काम होता है। बैंकों में फाइनेंशियल एडवाइजर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। फाइनेंशियल एडवाइजर के लिए कुछ कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में अंडर ग्रेजुएट और ग्रेजुएट डिग्री कोर्स चलाए जाते हैं।?इस फील्ड में आने के लिए बिजनेस, एकाउंटिंग और फाइनेंस की डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है। वहीं अगर स्किल्स की बात करें, तो हार्डवर्किंग और क्लाइंट के साथ बिजनेस रिलेशन मेंटेन करने की कला आनी चाहिए।


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