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फेल्योर का दूसरा नाम सक्सेस

फेल्योर भी सक्सेस की ओर बढऩे वाला एक स्टेप है, लेकिन आपके पास प्लान च्बीज् जरूर तैयार रहना चाहिए। सक्सेस के ऐसे ही मंत्र दे रहे हैं, लेमन ट्री और रेड फॉक्स ग्रुप ऑफ होटल्स के फाउंडर ऐंड एमडी पतंजलि केसवानी...

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 20 Jan 2015 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jan 2015 11:32 AM (IST)
फेल्योर का दूसरा नाम सक्सेस

फेल्योर भी सक्सेस की ओर बढऩे वाला एक स्टेप है, लेकिन आपके पास प्लान च्बीज् जरूर तैयार रहना चाहिए। सक्सेस के ऐसे ही मंत्र दे रहे हैं, लेमन ट्री और रेड फॉक्स ग्रुप ऑफ होटल्स के फाउंडर ऐंड एमडी पतंजलि केसवानी...

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हॉस्पिटैलिटी में मेरा कोई बैकग्राउंड नहीं है। मैंने आइआइटी दिल्ली से बीटेक किया और उसके बाद आइआइएम कोलकाता से एमबीए। फिर मैंने टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस ज्वाइन कर ली। वहां मुझे महसूस हुआ कि हॉस्पिटैलिटी बिजनेस कहीं ज्यादा सर्विस ओरिएंटेड और ज्यादा इंट्रेस्टिंग है। इसलिए मैंने जल्द ही ताज होटल ग्रुप ज्वाइन कर लिया और वहां करीब 15 साल तक काम किया। साल 2000 में मैंने इंटरनेशनल कंसल्टिंग फर्म एटी कियर्नी ज्वाइन कर ली। दो साल काम किया। अच्छा एक्सपीरियंस रहा, लेकिन मेरा सपना कुछ और ही था, जो बार-बार परेशान करता था।

रिस्क तो लेना पड़ेगा

लंबे अरसे से अपना कुछ बिजनेस शुरू करने की सोच रहा था, इसलिए मैंने जॉब छोड़कर लेमन ट्री के नाम से अपना होटल शुरू कर दिया। मेरे पिताजी गवर्नमेंट एम्प्लॉयी थे और मां आर्मी में डॉक्टर थीं। वे दोनों मेरे इस फैसले से काफी नाराज हुए। यह नाराजगी अमूमन हर किसी को झेलनी पड़ती है, क्योंकि ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चे के लिए सिक्योर फ्यूचर चाहते हैं। आम धारणा यही बनी हुई है कि जॉब सबसे सिक्योर करियर है। 2002 तक अपना एंटरपे्रन्योरशिप शुरू करना सबसे जोखिम का काम लगता था। खासतौर से सर्विस बैकग्राउंड वाली फैमिली इसे जल्दी स्वीकार नहीं कर पाती थी।

लोगों का काम है कहना

अगर आप इस बात पर ध्यान देते हैं कि लोग क्या कहेंगे, तब तो आप कभी भी अपना बिजनेस नहीं खड़ा कर पाएंगे। खासतौर पर जब आप बिजनेस शुरू करते हैं, तब आप जितना ज्यादा सोचेंगे आपके डिसीजन मेकिंग पावर पर उतना ही ज्यादा असर पड़ेगा। सौभाग्य से मेरा फंडा बिल्कुल क्लियर था और मैं डिटरमाइंड था कि मुझे लाइफ में क्या करना है। कोई कुछ भी कहता रहे, मुझे कोई फर्क नहीं पडऩे वाला था। मैं पैसे और सक्सेस वगैरह के बारे में बहुत नहीं सोचता था। मैं बस एक अच्छा टाइम चाहता था, जिसमें मैं अपनी मनमर्जी से कुछ कर सकूं और उसे इंज्वॉय कर सकूं।

शौक की बड़ी कीमत

मैं अपनी कंपनी खोलने के लिए 5 करोड़ रुपये का इंतजाम कर चुका था। शेष 4 करोड़ रुपये के इंतजाम के लिए मैं एक पब्लिक सेक्टर बैंक के पास गया। बैंक मैनेजर 16.5 परसेंट के हाई इंट्रेस्ट रेट पर लोन देने को तैयार हुआ। जब मैं वहां से जाने लगा, तो उसने मेरी पोनीटेल देखी और घूरता ही रह गया। मेरा लोन कैंसिल हो गया। जब मैंने लेमन ट्री कंपनी शुरू की, मेरा डॉगी स्पार्की तभी से मेरे साथ है। वह भी मैनेजमेंट टीम का हिस्सा है। कंपनी में उसके नाम से भी शेयर है। शुरू में हमने उसकी हर रोज पांच बिस्किट की सैलरी भी फिक्स कर दी थी। आज हमारे हर होटल में डॉगी रखे जाते हैं।

काम को इंज्वॉय करें

15 साल से ज्यादा एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करने के बाद मुझे यह अच्छी तरह क्लियर हो गया कि एम्प्लॉइज अपने वर्कप्लेस पर क्या चाहते हैं और क्या नहीं। हम काम करने के लिए नहीं जीते हैं। यह हमारी लाइफ का एक हिस्सा भर है, फिर भी हम अपनी लाइफ का ज्यादातर वक्त वर्कप्लेस पर ही बिताते हैं। इसलिए मैंने डिसाइड किया कि जो कोई भी मेरे लेमन ट्री ग्रुप को ज्वाइन करे, वह काम को इंज्वॉय करे, काम के दौरान किसी भी तरह का स्ट्रेस न हो। मैं फॉर्मल ड्रेस सूट और टाई से बहुत ज्यादा ऊब गया था। इसीलिए मैंने डिसाइड किया था कि अपनी कंपनी खोलूंगा, तो किसी तरह का फॉर्मल ड्रेस नहीं होगा। मैंने अपने एम्प्लॉइज को बोल रखा है कि किसी भी तरह केे फॉर्मल ड्रेस की जरूरत नहीं।

आइडिया का एग्जीक्यूशन जरूरी

एंटरपे्रन्योरशिप तीन बातों पर टिका होता है, बिजनेस मॉडल, कैपिटल और टैलेंट। आज हमारे पास ढेर सारे आइडियाज हैं, खासतौर पर आइआइटियन के पास। लेकिन जो बात आपको दूसरों से अलग करती है, वह है एग्जीक्यूशन यानी आप अपने आइडिया को किस तरह अमल में लाते हैं। फेल्योर भी आपके लिए एक स्टेप है, जो आपको एक्सपीरियंस देता है। फेल्योर आपके लिए लर्निंग अपॉच्र्युनिटी है। आपके पास हमेशा प्लान बी होना चाहिए। मतलब अगर आपका प्लान ए फेल होता है, तो आपके पास प्लान बी रेडी होना चाहिए। प्लान बी भी अगर फेल हो जाए, तो आपके पास प्लान सी तैयार होना चाहिए।

इंटरैक्शन: मिथिलेश श्रीवास्तव

प्रोफाइल

एजुकेशन

-बीटेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), आइआइटी दिल्ली

-एमबीए, आइआइएम कोलकाता

वर्क

-टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज में 15 साल तक काम किया

-एक्स सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऐंड सीओओ, ताज ग्रुप ऑफ होटल्स

-एक्स डायरेक्टर, एटी कियर्नी, दिल्ली

सक्सेस मंत्रा

इंज्वॉय योर वर्क, सक्सेस विल कम ऑटोमेटिकली

इंस्पायरिंग पर्सन महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग

मैसेज टू यूथ

-दिल की सुनो। अगर कुछ करना है, तो बस आगे बढ़ो। नाकामी से मत डरो। आपके

पास खोने को कुछ नहीं है।


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