बीबीए बी.काॅम के छात्रों ने किया पारले प्रोडक्ट का भ्रमण
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के बीबीए और बी.काॅम प्रथम वर्श के छात्र-छात्राओं ने पारले प्रोडक्ट लि. बहादुरगढ़ का औद्योगिक भ्रमण कर बैच एवं सतत उत्पादन की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी अर्जित की।
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) के बीबीए और बी.काॅम प्रथम वर्श के छात्र-छात्राओं ने पारले प्रोडक्ट लि. बहादुरगढ़ का औद्योगिक भ्रमण कर बैच एवं सतत उत्पादन की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी अर्जित की।
भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं के साथ रहीं कंपनी की मानव संसाधन प्रबंधक पल्लवी ने बताया कि पारले कंपनी की स्थापना सन् 1929 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान मुम्बई में हुई, जिसमें शुरूआत में मिठाई एवं टौफीज का उत्पादन किया जाता था जिसके लगभग एक दषक बाद बिस्कुट का उत्पादन शुरू किया गया। पल्लवी ने बताया कि 1971 से लगातार पारले कंपनी का मार्केट में 40 प्रतिषत शेयर (बिस्कुट) एवं पूरे कन्फैक्षनरी मार्केट में लगभग 15 प्रतिशत सतत शेयर रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत में पारले की कुल 7 उत्पादन इकाई एवं 51 अनुबंधित इकाईयां हैं तथा पारले जी बिस्कुट कंपनी का सर्वाधिक लोकप्रिय ग्लूकोज बिस्कुट है। इसके निर्माण की प्रक्रिया एक सघन प्रक्रिया है, जिसमें सर्वप्रथम बिस्कुट के लिए मिश्रण तैयार किया जाता है। उसमें मैदा, नमक, दूध, घी एवं चीनी को निष्चित अनुपात में मिलाकर शुरू होती है ढलाई की प्रक्रिया, जिसमें बिस्कुट को उसका आकार प्रदान कर बडे़ ओवन में पहले 220 डिग्री सेल्सियस फिर 350 डिग्री सेल्सियस एवं अंत में 220 डिग्री तापमान पर ब्रेक किया जाता है। इसके तत्पष्चात् कूलिंग की प्रक्रिया आरंभ होती है एवं बिस्कुट को ठंडा कर अन्ततः पैकेजिंग की प्रक्रिया संपादित की जाती है।
भ्रमण से वापस लौटे विद्यार्थियों के एक दल ने विश्वविद्यालय के सैके्रटरी सोसायटी एवं कोशाध्यक्ष श्री नीरज अग्रवाल से मुलाकात कर अपने अनुभव साझा किए और इस औद्योगिक भ्रमण को काफी महत्वपूर्ण बताते हुए अपने पाठ्यक्रम में उसकी प्रयोगिकता को समझाया। विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों का नेतृत्व प्रषांत तिवारी, अभिनव चंदेल, विजय कुमार एवं प्रगल्भ शर्मा ने किया।