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IBPS : Specialist Officer बेसिक कॉन्सेप्ट्स को जानना जरूरी

इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आइबीपीएस) स्पेशलिस्ट ऑफिसर का एग्जाम आगामी 14 और 15 फरवरी को होने वाला है। इस एग्जाम में अपीयर हो रहे

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 07 Jan 2015 11:55 AM (IST)Updated: Wed, 07 Jan 2015 12:00 PM (IST)
IBPS : Specialist Officer बेसिक कॉन्सेप्ट्स को जानना जरूरी

इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आइबीपीएस) स्पेशलिस्ट ऑफिसर का एग्जाम आगामी 14 और 15 फरवरी को होने वाला है। इस एग्जाम में अपीयर हो रहे कैंडिडेटïï्स के लिए जागरण जोश डॉट कॉम परीक्षा की तैयारी की सही स्ट्रेटेजी के बारे में बता रहा है। कैंडिडेटï्स इस स्टे्रटेजी को ध्यान में रखकर अधिक से अधिक स्कोर कर सकते हैं।

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आइबीपीएस पब्लिक सेक्टर के बैंकों में स्पेशलिस्ट ऑफिसर्स की भर्ती के लिए कॉमन रिटेन टेस्ट का आयोजन करने जा रहा है। रिटेन एग्जाम में सफल कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू में परफॉरमेंस के बेस पर कैैंडिडेट्स की मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। कैंडिडेटïï्स को कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम के जरिए संबंधित पब्लिक सेक्टर बैंक से ऑफर लेटर उनकी प्रिऑरिटीज (जो हर बैंक में वैकेेंसीज पर निर्भर करता है) के बेस पर दिया जाएगा।

इसका क्वैश्चन पेपर चार सेक्शंस में डिवाइड किया गया है। इनमें रीजनिंग, इंग्लिश लैंग्वेज, वोकेशनल नॉलेज, बैंकिंग के स्पेशल कांटेक्स्ट में जनरल नॉलेज (केवल लॉ ऑफिसर स्केल 1 और 2 और राजभाषा अधिकारी के लिए) और न्यूमेरिकल एबिलिटी (अन्य स्पेशलिस्ट ऑफिसर के लिए) के पार्ट शामिल हैं।

ग्रामर पर पकड़ जरूरी

इंग्लिश लैंग्वेज, आइबीपीएस स्पेशलिस्ट ऑफिसर एग्जाम 2015 में सबसे स्कोरिंग पाट्र्स में से एक है। कैंडिडेट्स को अपनी वोकेबुलरी स्ट्रांग करने के साथ-साथ ग्रामर के कॉन्सेप्ट में बहुत ही क्लियर और एक्युरेट होना चाहिए। इस पार्ट में पैसेज से जुड़े क्वैश्चंस, सेंटेंसेज में कॉमन एरर, रैपिड फिलर्स, क्लोज टेस्ट, सिनॉनिम और एंटॉनिम आदि शामिल होते हैं।

लॉजिकल स्किल डेवलप करें

रीजनिंग की तैयारी के लिए मेंटली अवेयरनेस और लॉजिकल स्किल की जरूरत होती है। कैंडिडेट को मॉडल क्वैश्चन पेपर और पिछले साल के एग्जाम्स में पूछे गए इसी तरह के क्वैश्चंस को सॉल्व करके पेपर के नेचर को समझना चाहिए। इस सेक्शन में बैंकिंग सेक्टर से जुड़े कई क्वैश्चंस होते हैं, आम तौर पर इनपुट-आउटपुट, सिमिलेरिटी, क्लासीफिकेशन, हाइपोथिसिस आदि से जुड़े क्वैश्चंस पूछे जाते हैं।

बेसिक कॉन्सेप्ट समझें

वोकेशनल नॉलेज के पार्ट में कैंडिडेट को ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होती है, क्योंकि इसमें उसकी स्पेशिएलिटीज से जुड़े क्वैश्चंस ही पूछे जाते हैं। इसलिए इस सेक्शन में अच्छे माक्र्स पाने के लिए आपकी अपने सब्जेक्ट के बेसिक कॉन्सेप्ट्स पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। कैंडिडेटï्स इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर तैयारी शुरू करें।

एनहैंस योर कैपेबिलिटी

न्यूमेरिकल एबिलिटी के क्वैश्चंस सॉल्व करने के लिए कैंडिडेट को एग्जाम में शामिल सभी सब्जेक्ट्स के लिए जरूरी बेसिक कॉन्सेप्ट की नॉलेज होनी चाहिए। बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर होने से कैंडिडेट सीधे राइट ऑप्शन का सलेक्शन कर सकेगा। इसके अलावा, क्वैश्चंस को जल्दी सॉल्व करने की कैपेबिलिटी इस सेक्शन में मैक्सिमम स्कोर करने के लिए जरूरी है। इसकी तैयारी में किसी भी क्वैश्चन को गैर-महत्वपूर्ण मानकर छोडऩा नहीं चाहिए, क्योंकि इसमें किसी भी टाइप के क्वैश्चन ज्यादा पूछे जा सकते हैं।

इस सेक्शन में सामान्यतया नंबर सिस्टम, रेशियो, प्रॉफिट ऐंड लॉस और डिस्काउंट, परसेंटेज, एवरेज, डाटा एंटरप्रेटेशन, टाइम ऐंड वर्क आदि से जुड़े क्वैश्चंस पूछे जाते हैं। भारतीय स्टेट बैंक डाटा एंटरप्रेटेशन के क्वैश्ंचस पर ज्यादा जोर देता है। इसलिए डाटा एंटरप्रेटेशन के क्वैश्चंस पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।


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