केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने मनाया शौर्य दिवस
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सीआरपीएफ 60 बटालियन ने नौ अप्रैल को चक्र
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सीआरपीएफ 60 बटालियन ने नौ अप्रैल को चक्रधरपुर स्थित वाहिनी मुख्यालय में शौर्य दिवस मनाया। इस अवसर पर एक साथ कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सुबह बटालियन मुख्यालय में कमांडेंट प्रेम चंद्र गुप्ता को गार्ड ने सलामी दी। इसके बाद सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। जहां पर जवानों को शौर्य दिवस का इतिहास के बारे में कमांडेंट ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के जन्म के पूर्व भारत की पश्चिमी सीमाओं की रक्षा की जिम्मेदारी भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कंधों पर थी। 1965 में पाकिस्तानी सेना ने भारत पाकिस्तान की सीमा पर स्थित भारत के कुछ क्षेत्रों पर अपना अधिकार स्थापित करने के लिए ऑपरेशन डिजर्ट हॉक लांच किया। उस समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की द्वितीय बटालियन की चार कंपनियां कच्छ के रण में स्थित सरदार और टाकपोस्ट की सुरक्षा में तैनात थी। अपने से संख्या बल में 20 गुणा अधिक और अच्छे हथियारों जैसे टैंक आदि से सुसज्जित सेना से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने बहुत ही बहादुरी से मुकाबला किया और उन्हें पीछे हटने के लिए विवश कर दिया। भारत की इतिहास में बहादुरी का ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। इस हमले में पाकिस्तान की सेना के 34 जवान मारे गए और चार को जीवित पकड़ लिया गया था। भारत मां की रक्षा करते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ वीरों ने अपने प्राण की आहुति दी और 19 जवानों को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था। उक्त दोनों पोस्ट तीन तरफ से पाकिस्तान से घिरा हुआ है। दोनों पोस्टों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के उन जवानों की वीरता का महत्व और बढ़ जाता है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अपने उन वीर जवानों की वीरता को अपनी यादों में संजोए रखने के लिए और उनकी वीरता को नमन करते हुए प्रति वर्ष नौ अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाती है।
कमांडेंट पीसी गुप्ता ने आगे बताया कि हमें भी अपना कार्य धर्म-जाति की भावना से ऊपर उठकर पूरी ईमानदारी और निडरता के साथ करना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में संविधान और कानून की रक्षा करनी चाहिए। इसके बाद सभी कार्मिकों को इस संबंध में एक शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी राजू डी नायक, दिनेश कुमार ¨सह, डॉक्टर रजनीश कुमार, पंकज राय एवं भारी संख्या में अन्य कार्मिक भी उपस्थित थे। कमांडेंट ने दिया स्वच्छता संदेश
इस अवसर पर बटालियन मुख्यालय में निबंध, चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मधुसूदन स्कूल के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही अनुमंडल अस्पताल में स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों एवं जवानों ने श्रमदान किया। इस दौरान अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर आरएन सोरेन व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे। बंदगांव में शहीद को अर्पित किया श्रद्धासुमन
एक अन्य कार्यक्रम के दौरान थाना बंदगांव में स्थित तिरला गांव में स्थापित शहीद कुंवर ¨सह मुंडा की प्रतिमा पर फूल एवं माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिन्होंने 14 जनवरी 1999 में एक ऑपरेशन के दौरान भारत माता की रक्षा करते हुए अपनी शहादत दी थी। इस मौके पर शहीद के परिजन भी उपस्थित थे। इस मौके पर द्वितीय कमान अधिकारी साधु शरण यादव ने शहीद के परिजन को शॉल भेंट कर सम्मानित किया