पानी बचाने को महिलाओं ने ली शपथ
पानी के लिए तरस रहे 120 परिवार की महिलाओं ने गांव में स्थित एक मात्र चापाकल पर अपना हाथ रखकर पानी बचाने की शपथ ली।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : पानी के लिए तरस रहे 120 परिवार की महिलाओं ने गांव में स्थित एक मात्र चापाकल पर अपना हाथ रखकर पानी बचाने की शपथ ली। कहा की गांव में पीने के पानी के लिए नाले में गड्ढा बनाकर गंदा पानी पीने को मजबूर थे। जिस कारण पानी के महत्व को जाना। मामला जिला मुख्यालय के सदर प्रखंड अंतर्गत टोंटो पंचायत के बड़बील गांव का है। जिसमे मछुवा टोला में 120 की संख्या में मछुवा परिवार रहते हैं। मछुवा टोला की महिलाओं ने बताया की पानी की समस्या को लेकर कई बार पेयजल विभाग व मुखिया से शिकायत की गई पर किसी ने नहीं सुनी। गांव के पानी की समस्या को दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित होने के बाद पदाधिकारियों ने गांव में पेयजल की व्यवस्था के लिए जलमीनार लगाने का निर्णय लिया। पानी के महत्व को देखकर महिलाओं ने दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे कितना-कितना पानी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पानी बचाने की शपथ ली। उन्होंने बताया की वे पानी की एक-एक बूंद को बचाएंगे। बरसात के पानी को किसी तरह से बचाकर रखेंगे। वर्तमान गांव के लोग एक किलोमीटर दूर स्थित सोतिया नाला में नहर के नीचे पत्थर को खोदकर पीने के पानी की व्यवस्था किए हुए हैं। लड़खड़ाती हालत में गाव में स्थित एक चापाकल में सयुक्त महिला समूह, उजाला, रोशनी, शक्ति व सलोनी स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने शपत लिया की वे आज से पानी की एक एक बूंद को बचाएंगी। साथ ही गांव के अन्य महिला-पुरुष को भी पानी बचाने के लिए जागरूक करेंगे। बरसात आने से पहले हम पानी को बचाने के लिए गढ्डों का निर्माण करेंगे। जिससे वर्षा के पानी को रोका जा सके।
मालती मुखी, वार्ड सदस्य।
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- एक-एक बूंद के महत्व के बारे मे हमें पता है। पानी को बचाने के लिए हम जितना होगा प्रयास करेगे। पानी का उपयोग कम करेंगे।
लुदरी उजिया, बड़बील।
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- गांव में पानी की समस्या बहुत है। मछली मारने वाले लोगों को रोकेंगे। पानी को बर्बाद करने नहीं देगे।
सरस्वती उजिया, बड़बील।