Move to Jagran APP

TSLPL खदान को 10 से अनिश्चितकाल के लिए बंद करेंगे ग्रामीण, क्रशर प्लांट के अधिकारियों को खदेड़ा

टीएसएलपीएल खदान से प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदान में स्थायी नौकरी कम्पनी कार्यरत लोगों को पीएफ बोनस ग्रेच्यूटी दोनों पंचायतों के ग्रामीणों को टाटा स्टील की अस्पताल में मुफ्त चिकित्सा की सुविधा पेयजल शिक्षा सड़क बिजली स्वास्थ्य आदि बुनियादी सुविधा सहित अन्य कई सुविधाओं की मांग रखी।

By Sudhir PandeyEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2022 07:37 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 01:49 AM (IST)
TSLPL खदान को 10 से अनिश्चितकाल के लिए बंद करेंगे ग्रामीण, क्रशर प्लांट के अधिकारियों को खदेड़ा
टीएसएलपीएल खदान से प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदान में स्थायी नौकरी देने की मांग।

चाईबासा, जागरण संवाददाता। टीएसएलपीएल खदान को 10 अक्टूबर से सारंडा विकास समिति के बैनर तले गंगदा और छोटानागरा पंचायत के ग्रामीण, मानकी, मुंडा और जनप्रतिनिधि विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन बंद करेंगे। उक्त जानकारी समिति के अध्यक्ष सह गंगदा पंचायत के मुखिया राजू सांडिल ने दी है।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि टीएसएलपीएल खदान से प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदान में स्थायी नौकरी, कम्पनी कार्यरत लोगों को पीएफ, बोनस, ग्रेच्यूटी, दोनों पंचायतों के ग्रामीणों को टाटा स्टील की अस्पताल में मुफ्त चिकित्सा की सुविधा, पेयजल, शिक्षा, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य आदि बुनियादी सुविधा सहित अन्य कई सुविधाओं की मांग रखी। कहा कि कंपनी प्रबंधन मजदूरों के लिए कोई कार्य नहीं कर रहा है। इसी के मद्देनजर 10 अक्टूबर से अनिश्चित कालीन बंदी की जायेगी। राजू सांडिल ने बताया की ग्राम सभा की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस संबंध में कंपनी प्रबंधन को भी पत्र भेज दिया गया है। बंदी से पूर्व छोटानागरा अथवा जामकुंडिया में बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

रैयतों ने क्रशर प्लांट के अधिकारियों को खदेड़ा  

नोवामुंडी प्रखंड अंतर्गत हुटूबसुड गांव के रैयतों ने शनिवार को जंगल में ग्रामसभा कर नीलामी में मिले पुराने गिट्टी क्रशर स्थल को नए सिरे से चलाने के लिए पहुंचे लोगों को भगा दिया। ग्राम सभा का विरोध करने पहुंचे लोगों ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि जंगल में किस आधार पर कार्यक्रम आयोजन किया जा रहा है। सारबिल गांव के मुंडा दुशा लागुरी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ग्राम सभा आयोजन करने के पहले प्रभावित गांव के लोगों को सूचना देनी चाहिए थी।

कंपनी के लोग दूसरे गांव के लोगों को बुलाकर काम निकालना चाहते हैं। गिट्टी क्रशर हुटूबसुड गांव के प्रस्तावित जमीन पर बैठना है। गिट्टी क्रशर खुलने से इसी गांवों के लोग और जमीन प्रभावित होगी। ग्राम सभा में प्रभावित गांव के लोगों को नहीं बुलाकर जिस गांव के लोगों का जमीन से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें बुलाकर औपचारिकता पूरा करना चाहते हैं।

दूसरे गांव के लोग भी हो सकते हैं शामिल

दूसरे गांव के लोग भी ग्राम सभा में शामिल हो सकते हैं। इसमें किसी की कोई आपत्ति भी नहीं है। नरपति लागुरी ने कहा कि पहले अपने आईना साफ करके आना तभी आपको सहयोग मिलेगा। बताया कि ग्राम सभा में सरकारी कर्मियों की उपस्थिति भी अनिवार्य है। बताया कि इससे तो यह स्पष्ट है कि खानापूर्ति के लिये इस तरह का कार्यक्रम रखा गया था।

कंपनी से पहुंचे अधिकारी ने बताया कि गिट्टी क्रशर चलाने के लिये लीज खत्म हो चुकी है। इसे नये सिरे से चलाने के लिये नयी कंपनी को नीलामी में पहले से ही मिल चुकी है। कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए कार्य को रोक दिया गया था। अब सब कुछ सामान्य होने के बाद प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कंपनी के लोगों के सभा स्थल से लौटने के बाद मामला शांत हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.