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ईचा डैम की निविदा को कैबिनेट की स्वीकृति देने से भड़के डूब क्षेत्र के लोग

ाजनगर प्रखंड के कुजू पंचायत के ग्राम बंदुडीह में ईचा-खरकई बांध के विरोध में दासकन कुदादा की अध्यक्षता में बैठक हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 08:54 PM (IST)
ईचा डैम की निविदा को कैबिनेट की स्वीकृति देने से भड़के डूब क्षेत्र के लोग
ईचा डैम की निविदा को कैबिनेट की स्वीकृति देने से भड़के डूब क्षेत्र के लोग

जागरण संवाददाता, चाईबासा : राजनगर प्रखंड के कुजू पंचायत के ग्राम बंदुडीह में ईचा-खरकई बांध के विरोध में दासकन कुदादा की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में डैम की कैबिनेट से निविदा के लिए स्वीकृति देने पर घोर आक्रोश जताया गया। बैठक में कहा गया कि 40 वर्षों से लंबित इस योजना को भाजपा सरकार के द्वारा पुन: चालू करने की कोशिश यहां की जनता के साथ धोखा है। पेसा कानून एवं भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत डूब क्षेत्र में आने वाले 126 गांव की जनता से सरकार को सहमति की जरूरत थी, मगर अपने तानाशाही रवैये के कारण आदिवासियों को विस्थापित करने की प्राथमिकता के आधार पर रघुवर सरकार ने एकतरफा 126 गांव को विस्थापित या डूबाने के लिए यह निर्णय लिया है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव का सीधा बहिष्कार इन क्षेत्रों में किया जाएगा। फरवरी महीने से ही ग्राम स्तर पर इसका अभियान तेज किया जाएगा इसके अलावे यह क्षेत्र पांचवी अनुसूची यानी आदिवासी इलाका है तो जो भी पदाधिकारी चाहे वह इंजीनियर हो या उपायुक्त हो, यदि ग्रामसभा के सहमति के बगैर यहां कोई भी कार्रवाई की कोशिश की जाती है तो उसके खिलाफ भी आदिवासी अत्याचार अधिनियम के तहत केस किया जाएगा। बैठक में मुख्य रूप से लंकेश्वर संवैया, दुसरू बानरा, हरिश्चन्द्र हेम्ब्रम, चंद्राय टुडू, राम टुडू, रायसेन मुंदुंइया, कंदरा अलडा, आदि उपस्थित थे।

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