समय रहते नहीं चेते तो खदेड़ दिए जाएंगे हम : मुकेश बिरुवा
ईचा डैम के संबंध में ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं को समझाने के लिए डैम डूब क्षेत्र के लोगों के बीच आदिवासी हो समाज महासभा के महासचिव मुकेश बिरुवा ने दौरा शुरू किया।
जागरण संवादादाता, चाईबासा : ईचा डैम के संबंध में ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं को समझाने के लिए डैम डूब क्षेत्र के लोगों के बीच आदिवासी हो समाज महासभा के महासचिव मुकेश बिरुवा ने दौरा शुरू किया। इसके तहत मुकेश ने सोमवार को कुलाबुरु, तुइबाना, इलीगड़ा, और गैरिसाई के लोगों के साथ मुलाकात की। मुकेश ने कुलाबुरु में कहा कि ईचा डैम वास्तव में झारखंड/बिहार सरकार की एक साजिश है। चाहे सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, ईचा डैम को बजट एलॉट कर काम को आगे बढ़ाने का काम ही अब तक होता रहा है। ईचा डैम की सर्वप्रथम शुरुआत कांग्रेस सरकार ने की, फिर लालू प्रसाद की जनता दल ने इसे आगे बढ़ाया और जब झारखंड अलग हुआ तो भाजपा ने अर्जुन मुंडा के कार्यकाल में दोबारा इसे शुरू करवाया, फिर निर्दलीय मुख्यमंत्री ने इसे आगे बढ़ाया, फिर झामुमो ने बजट एलॉट कर काम को आगे बढ़ाया। इस तरह सबने इस बहती गंगा में हाथ धोने का काम किया है। यह परियोजना किसी काम के लिए तो नहीं है लेकिन अबतक जितना पैसा इस परियोजना को एलॉट किया गया उसका हिसाब किया जाए तो हो सकता है वहां सभी नंगे मिलें। ये आदिवासी हो समाज को समझना है कि कैसे हमारे बीच के प्रतिनिधि हमारी जमीनों का सौदा कर रहे हैं। और हम महज वोटर बन के रह गए हैं। यदि समय रहते हम नहीं चेते तो ये लोग हमें खदेड़ने में देर नहीं करेंगे, और यदि हम जागरूक हुए तो उनसे सवाल करना होगा। कोई हमसे डैम की लड़ाई का साथी बन कर हमारे जमीन का सौदा कर रहा है, तो कोई हमारे खतियान के बदले पैसे देकर हमारी सहानुभूति बटोरना चाह रहा है। ये सब चुनावी जुमले मात्र हैं जबकि हम आदिवासियों के लिए अपनी जमीन से ज्यादा प्यारा कुछ भी नहीं। बैठक में रोबिन अलडा ने भी अपने विचार रखे। बैठक में कुलाबुरु का मुंडा दिलीप कुमार जोंको, राजेश सोए, ठाकुर ¨सह कलुंडिया, बाबुलाल कलुंडिया, मुन्ना कलुंडिया, घनश्याम जोंको, अमन पुरती, पांडु पुरती, संजय पुरती और रॉबिन अलडा आदि उपस्थित थे।