खट्टी मीठी यादों के साथ नोटबंदी के दो साल पूरे
जागरण संवाददाता, चाईबासा : आज ही के दिन दो साल पहले रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा कर दी थी।
जागरण संवाददाता, चाईबासा :
आज ही के दिन दो साल पहले रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट के पर रोक लगा दी थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने 500 रुपये के नये नोट जारी किए लेकिन 1000 का नोट बंद कर दिया। इसकी जगह पर 2000 रुपये का नोट चलन में आया। काफी उथल पुथल हुआ। गुरुवार को दैनिक जागरण ने आम जनता से प्रतिक्रिया लेकर उनके विचार जाने।
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दो साल पहले नोटबंदी के तुगलकी फरमान से देश की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ उसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। दो साल पहले पीएम ने लगभग 16.99 लाख करोड़ रुपये मूल्य की मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया था। इससे देश को बहुत नुकसान हुआ। पीएम को अपने इस फैसले की वजह से देश से माफी मांगनी चाहिए।
-सन्नी ¨सकू, कांग्रेस जिलाध्यक्ष, चाईबासा।
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-सरकार ने नोटबंदी के पीछे तीन कारण बताये थे। पहला था, काले धन पर रोक लगेगी। दूसरा जाली मुद्रा बाहर हो जायेगी और तीसरा आतंकवाद को वित्तीय सहायता मिलनी बंद हो जाएगी. लेकिन इससे कुछ नहीं हुआ, बल्कि आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ी। इससे आर्थिक मामलों में देश काफी पीछे हो गया।
फोटो-16- विक्की यादव।
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- नोटबंदी के कारण लोग कैशलेस व्यवस्था की तरफ बढ़े और ज्यादातर लोग अब मोबाइल से ऑनलाइन पेमेंट में भरोसा करते हैं। हां, एक साल पहले नोट बंदी का असर दिख रहा था पर अभी सब कुछ सामान्य हो चुका है। इसका वर्तमान समय में कोई असर नहीं दिख रहा है।
फोटो -17-- मो. फिरोज।
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- नोटबंदी के शुरुआती दिनों में नोट बंदी का असर कुछ देखने को मिला था। 6 महीना बाद धीरे-धीरे सब ठीक हो गया अब किसी प्रकार की परेशानी लोगों को नोटबंदी के प्रभाव से नहीं हो रही है।
फोटो -20- केदार नाथ यादव।
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- नोट बंदी से देश को काफी नुकसान हुआ है। जिस मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बंदी का घोषणा किये थे, आतंकवाद, कालाधन और उग्रवाद जैसे गंभीर समस्या को लेकर लेकिन सिर्फ सभी जुमला साबित हुआ है। देश को परेशान करने के लिए नोटबंदी किया गया।
फोटो -19- लेबर ¨सह देवगम।
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- नोट बंदी ने देश को 4 साल पीछे धकेल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक टर्म पूरा करने के बाद घोषणा करते तो इसका असर ज्यादा होता। नोटबंदी के बाद अचानक दो हजार का नोट लाना यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के बराबर है। वहीं नोटबंदी से देश को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था।
फोटो -18- शिवनाथ देवगम।
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- भारत में साक्षरता दर की कमी है। ज्यादातर लोग नेट टेक्नोलॉजी को अभी तक नहीं समझ पाये हैं। इससे काफी असुविधा का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। अचानक नोटबंदी के बाद कैशलेस योजना ले आना देश स्वीकार करने की हालत में नहीं था। इससे काफी लोगों को परेशानी हुई है।
फोटो -33- निकहत सीरीन।
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- नोटबंदी से सामान्य लोगों को कुछ समस्या हुआ लेकिन वर्तमान समय सब ठीक है। इससे भ्रष्टाचार में काफी लगाम लगा है। नोटबंदी के बाद नगद जमा करने का मौका भी दिया गया। एक प्रकार से देखा जाये तो यह फैसला सरकार का कुछ हद तक सही था।
फोटो -34- पूनम राजवंती।