खूंटपानी की जनजातीय सामाजिक कार्यकर्ता सुमित्रा को सीआइआइ का महिला एक्साम्प्लोर 2020 अवार्ड
झारखण्ड राज्य के पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत खूंटपानी प्रखंड की जनजाति समुदाय से आने वाली सामाजिक कार्यकर्ता सुमित्रा गागराई को इस वर्ष का भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से दिए जाने वाले अवार्ड महिला एक्साम्प्लोर 2020 का विजेता चुना गया है।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : झारखण्ड राज्य के पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत खूंटपानी प्रखंड की जनजाति समुदाय से आने वाली सामाजिक कार्यकर्ता सुमित्रा गागराई को इस वर्ष का भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से दिए जाने वाले अवार्ड महिला एक्साम्प्लोर 2020 का विजेता चुना गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए यह अवार्ड सुमित्रा गागराई को दिया गया है। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा प्रत्येक वर्ष इस पुरस्कार का आयोजन किया जाता है। जिसके तहत जमीनी स्तर पर समाज के लिए उदहारण बनने वाली महिला को एक बदलावकर्ता के रूप में विजेता चुना जाता है। जिन्होंने समाज के जनजाति, वंचित और सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की हो। सुमित्रा गागराई एकजुट संस्था के गठन के पश्चात से ही पहली कार्यकर्ता रही और अभी तक अपनी विलक्षण प्रतिभा के साथ आदिवासी व वंचित समुदाय के उत्थान के लिए कार्यरत है। माता व नवजात शिशु स्वास्थ्य के मुद्दे पर अपनी कार्य की शुरुआत करने के पश्चात इन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण पर सघन रूप से कार्य किया। साथ ही सामुदायिक लामबंदी के माध्यम से लिंग आधारित हिसा व किशोरी स्वास्थ्य के व्यापक मुद्दे पर भी निरंतर हस्तक्षेप किया।
भारतीय उधोग परिसंघ द्वारा सुमित्रा के लिए कहे गए संबोधन : : जनजाति हो समाज में जन्म लेने वाली सुमित्रा ने गरीबी से लड़ते हुए इसे हथियार बनाया और एक स्वास्थ्य परिवर्तनकर्ता के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करते हुए इन्होने और अपनी टीम के साथ 3600 आदिवासियों के स्वास्थ्य पर सकरात्मक प्रभाव डाला है और माता व नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने में अपनी भूमिका निभाई है। अवसाद के कारण इनकी बहन ने आत्महत्या की थी जिसके बाद सुमित्रा ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर अग्रसर होते हुए ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य मॉडल स्थापित किया है। 30 आदिवासी युवा साथियों की मदद से एक ऐसे मॉडल को स्थापित करने में इनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है जहां 20,000 मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों को टेली मनोरोग सेवाएं प्रदान की जाती है और उन्हें परामर्श दिया जाता है।