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एसीसी गेट के सामने ठेका मजदूरों का नंग-धड़ंग प्रदर्शन

एसीसी गेट के सामने ठेका मजदूरों ने अपनी मांगों को ले किया नंग-धड़ंग प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 06:51 PM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 06:51 PM (IST)
एसीसी गेट के सामने ठेका मजदूरों का नंग-धड़ंग प्रदर्शन
एसीसी गेट के सामने ठेका मजदूरों का नंग-धड़ंग प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, चाईबासा : अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा के नेतृत्व में शुक्रवार को विभिन्न मांगों को लेकर झींकपानी एसीसी गेट के सामने नंग-धड़ंग प्रदर्शन किया। इसके बाद एसीसी सीमेंट कंपनी के प्रबंधक के नाम मांग पत्र सौंपा। इस मौके पर प्रदर्शनकारी जॉन ने कहा कि एसीसी कारखाना वर्ष 1946 से स्थापित होकर लगातार उत्पादन कर करोड़ों-अरबों का व्यापार कर रहा है। पूर्व में कंपनी स्थानीय रोजगार एवं मजदूरों को लेकर कटिबद्ध थी। इस कारण मजदूरों को सीमेंट वेज बोर्ड के तहत सुविधा मिलती थी परंतु वर्तमान में मजदूरों के लिए वर्जित स्थानों में ठेका मजदूरों को लिए जाने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। प्लांट में हुए हादसों में जान गंवाने वाले शंकर गोप व कमल बिरुली इसका उदाहरण हैं। ठेका मजदूरों को समान काम समान वेतन मजदूरी की सुविधा देनी है। 5-6 वर्षो का बोनस घोटाला, पीएफ घोटाला जोरों पर चल रहा हैं। इसके उलट श्रम कानूनों का उल्लंघन कर ठेका एवं स्थाई मजदूरों को बिना नोटिस डरा धमकाकर काम से बैठाने का काम किया जा रहा है। वर्तमान में सारे मजदूरों के ऊपर डर का माहौल बनाकर काम लिया जा रहा है। काम से बैठाने के कारण क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ गई हैं। कारखाना स्थापित करने के लिए आदिवासियों ने बड़े पैमाने पर अपनी जमीन इसलिए थी थी कि उन्हें रोजगार व मुआवजा मिलता रहेगा। परंतु आज जमीन मालिक फटेहाल है। गुमड़ा नदी में डस्ट छोड़ने और वायु प्रदूषण से पूरा क्षेत्र दूषित हैं। जिस कारण कृषि पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। नदी के दूषित पानी से इंसान के साथ-साथ जानवरों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि विशेष विधानसभा जांच रिपोर्ट का अनुपालन हो और जमीन मालिकों को नौकरी-मुआवजा दिया जाए। सीमेंट वेज बोर्ड को लागू कर ठेका मजदूरों को लाभ दिलाया जाए एवं पिछले पांच वर्षो से लंबित 20 प्रतिशत बोनस का भुगतान हो। मौके पर माधव चंद्र कुंकल, नरेश चंद्र सुंडी सहित बड़ी संख्या में रैयत, मजदूर उपस्थित थे।

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