इलाज के लिए नहीं मिली छुट्टी तो ट्रेन के आगे कूदा, दोनों पैर कटे
छुट्टी नहीं मिलने से दुखी सहायक शिक्षक नूर इकबाल ने मंगलवार को ट्रेन के आगे कूदकर जा न देने की कोशिश की।
जागरण संवाददाता, चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। चाईबासा में इलाज के लिए सौ दिन की छुट्टी नहीं मिलने से दुखी सहायक शिक्षक नूर इकबाल ने मंगलवार को ट्रेन के आगे कूदकर जा न देने की कोशिश की। इसमें उनकी जान तो नहीं गई, लेकिन उनके दोनों पैर कट गए। बड़ीबाजार निवासी इस शिक्षक की हालत गंभीर है। सदर अस्पताल ने बेहतर इलाज के लिए इन्हें जमशेदपुर रेफर कर दिया है। नूर इकबाल प्राथमिक विद्यालय गाड़ीखाना में कार्यरत हैं।
उधर, जिला शिक्षक संघ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के अफसरों और कर्मचारियों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। वहीं, पीड़ित शिक्षक के परिजन ने भी शिक्षा विभाग पर परेशान करने का आरोप लगाया है। परिजनों के अनुसार, 51 वर्षीय नूर इकबाल मध्य विद्यालय बड़ीबाजार में 15 साल से पदस्थापित हैं। गत साल विभाग ने ग्रेड 2 से ग्रेड-4 में प्रोन्नति देते हुए इन्हें मध्य विद्यालय खूंटपानी स्थानांतरित कर दिया था। इस वजह से वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगे। उन्होंने विभाग से प्रोन्नति रद कर तबादला रद करने की गुहार लगाई थी।
इस बीच, सेहत खराब होने के कारण विभागीय स्वीकृति के बिना चार माह पहले मेडिकल लीव पर चले गए। उधर, शिक्षा विभाग को जानकारी मिली तो उन्हें अक्टूबर में पुन: अवनति देते हुए ग्रेड-2 में प्राथमिक विद्यालय गाड़ीखाना भेज दिया गया। प्राथमिक विद्यालय गाड़ीखाना की प्रभारी प्रधानाध्यापक दिसंबर में सेवानिवृत्त होने जा रही हैं। वह नूर से प्रभार ग्रहण करने को कह रही थीं। नूर मानसिक रूप से अस्वस्थ रहने के कारण प्रभार नहीं लेना चाह रहे थे। लगातार दबाव और तीन माह की मेडिकल स्वीकृति विभाग से नहीं मिलने की वजह से वह अवसाद में थे।
जानिए, किसने क्या कहा
सहायक शिक्षक के ट्रेन की चपेट में आकर पैर कटने की सूचना मिली है। लेकिन उसने छुट्टी नहीं मिलने के कारण आत्महत्या का प्रयास किया, इसकी सूचना नहीं है। अभी मैं छुट्टी पर हूं। वापस आकर मामले को देखता हूं।
-अनिल कुमार चौधरी, जिला शिक्षा अधीक्षक, चाईबासा।
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शिक्षक नूर इकबाल कुछ समय से इलाज के लिए सौ दिन की छुट्टी मांग रहे थे। पत्नी ने भी शिक्षा विभाग से गुजारिश की, पर अधिकारी चुप्पी साधे रहे। उन्होंने खुद आत्महत्या की भी चेतावनी दी थी।
-उपेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, चाईबासा।
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इलाज के लिए 100 दिन की अवैतनिक छुट्टी नहीं मिलने से परेशान नूर ने यह कदम उठाया। वह सुबह घर से अचानक निकल गए। अचानक सूचना मिली कि दुम्बीसाई रेल फाटक के पास ट्रेन के नीचे आ गए हैं। दोनों पैर कट कर अलग हो गए हैं।
-मो. जावेद, पीड़ित शिक्षक के बड़े भाई, चाईबासा।