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बोकना प्लॉट को लेकर टाटा स्टील के साथ वार्ता बेनतीजा

नोवामुंडी अंचल कार्यालय में शुक्रवार को बोकना लौह अयस्क भंडारण विवादित प्लॉट मामले को लेकर आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता बेनतीजा रही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:26 PM (IST)
बोकना प्लॉट को लेकर टाटा स्टील के साथ वार्ता बेनतीजा
बोकना प्लॉट को लेकर टाटा स्टील के साथ वार्ता बेनतीजा

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : नोवामुंडी अंचल कार्यालय में शुक्रवार को बोकना लौह अयस्क भंडारण विवादित प्लॉट मामले को लेकर आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता बेनतीजा रही। बोकना गांव के आदिवासियों की जमीन पर लौह अयस्क भंडारण मामले को सुलझाने के लिए शुक्रवार को टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट लिमिटेड कंपनी अधिकारी, बोकना गांव के रैयत और स्थानीय ग्रामीणों को बुलाया गया था। रैयतों की ओर से बात रखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष पवन सिंह, झामुमो केंद्रीय सदस्य इजहार राही, बोकना गांव के मुंडा बिक्रम चंपिया, मुंडा जयराम बारजो, मुंडा बामिया बोबोंगा पहुंचे हुए थे। मौके पर सीओ सुनील चंद्र ने दोनों पक्षों की बात सुनी। रैयतों ने बताया कि घाटकुरी विजय दो खदान में उषा मार्टिन कंपनी ने प्लॉट ले रखा था। बाद में टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट लिमिटेड के पास स्थानांतरण कर दिया। उसी समय बोकना लौह अयस्क प्लॉट को भी लौह अयस्क भंडारण के लिए दे दी। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने बताया कि कंपनी आदिवासी रैयतों के साथ धोखा किया है। जबतक समझौता नहीं होता है तबतक प्लॉट में न लौह अयस्क आएगा और न बाहर जाएगा। कंपनी ने बोकना प्लॉट को उद्योग लगाने के नाम पर लेकर पेट्रोल पंप लगा रखा है। उद्योग लगाने के लिए ली गई जमीन पर लौह अयस्क भंडारण सरासर अनुचित है। इस तरह से कंपनी ने सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया है। यदि यहां काम नहीं बनता है तो मामले को कोर्ट तक ले जाएंगे। सीओ सुनील चंद्र ने दोबारा वार्ता के लिए दोनों पक्षों को बुधवार को अंचल कार्यालय बुलाया है। पूर्व विधायक मंगल सिंह ने बताया कि कंपनी ने बोकना गांव के रैयतों से जमीन लेकर कांट्रेक्ट मजदूर बनाकर रखा है। अंचल कार्यालय के पंजी दो में रैयतों का नाम दर्ज है। वे लोग स्वंय अपनी जमीन की मालगुजारी दे रहे हैं। जमीन एग्रीमेंट के दौरान इन्हें अंधकार में रखकर काम किया गया है। उस समय इन्हें किसी ने पढ़कर भी नहीं सुनाया। सारा खेल उपर ही उपर चल रहा है। कंपनी ने हाल ही के दिन जमीन म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालय में आवेदन भी दिया था। परंतु इसे रिजेक्ट कर दिया गया। सोमा चंपिया ने बताया कि 15 साल पहले उषा मार्टिन कंपनी ने प्लॉट लेकर एक लाख रुपये दिए थे। उस समय बताया था कि बोकना गांव के तुम लोगों की जमीन पांच साल के लिए ले रहे हैं। पांच साल पूरे होने के बाद लौटा देंगे। परंतु आजतक पांच साल नहीं हुआ है। वार्ता में कंपनी पक्ष से सत्यनारायण नंदा, जयकांत झा, रंजन भट्टाचार्य व रैयतों में जोनेया पुरती, दोनगोए पुरती, गंगाराम पुरती, चोकरो पुरती, पड़ाउ पुरती, चूड़ी पुरती, सागर पुरती, सीताराम पुरती आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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