सेरेंगसिया घाटी की लड़ाई और खरसावां कांड पर बने शोधपरक डॉक्यूमेंट्री : सुखराम
चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव की दिली इच्छा है कि सेरेंगसिया घाटी की लड़ाई और खरसावां गोलीकांड का दस्तावेजीकरण हो। साथ ही इस पर शोधपरक डॉक्यूमेंट्री बने।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव की दिली इच्छा है कि सेरेंगसिया घाटी की लड़ाई और खरसावां गोलीकांड का दस्तावेजीकरण हो। साथ ही इस पर शोधपरक डॉक्यूमेंट्री बने। इसे लेकर विधायक ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्राचार किया है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक ने कहा कि कोल्हान क्षेत्र में 19 नवंबर 1837 को सेरेंगसिया घाटी में ब्रिटिश सैनिकों के साथ पोटो हो की अगुवाई में ऐतिहासिक लड़ाई हुई थी। जिसमें सशस्त्र ब्रिटिश सेना को मात खानी पड़ी थी। साथ में पोटो और उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई और उन्हें फांसी दी गई। इसका यह परिणाम हुआ कि साउथ ईस्ट फ्रंटियर के तत्कालीन एजेंट कैप्टन थॉमस विल्किल्सन को संधि करनी पड़ी और कोल्हान की पारंपारिक व्यवस्था को मान्यता दी गई। जो आज विल्किल्सन रूल्स के नाम से जाना जाता है। लेकिन लोग इसके इतिहास से अनभिज्ञ हैं। कोल्हान क्षेत्र की दूसरी बड़ी घटना देश की आजादी के बाद की है, खरसावां गोलीकांड। एक जनवरी 1948 की यह घटना झारखंड आंदोलन की पहली गोलीकांड है। प्रत्येक साल यहां इस दिन संपूर्ण कोल्हान से शहीदों को नमन करने लोग आते हैं। लेकिन इतिहास के पन्नों में इसका उल्लेख नहीं के बराबर है। बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। विधायक सुखराम ने कोल्हान के इन दो महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों और घटनाओं का अलग-अलग दस्तावेजीकरण कराने तथा शोधपरक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनवाने की मांग की है। ताकि आम लोगों के साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी अपना इतिहास जानने का मौका मिले।