बैंड, बाजा, बारात के साथ शादी लेकिन वर के बगल में ये क्या....
बैंड, बाजा, बारात के साथ गांव में धूमधाम से शादी की तैयारी। बारातियों का स्वागत, उनको खाना खिलाना, दावत में मुर्गा-भात सभी शामिल था।
मनीष कुमार दास, चाईबासा : बैंड, बाजा, बारात के साथ गांव में धूमधाम से शादी की तैयारी। बारातियों का स्वागत, उनको खाना खिलाना, दावत में मुर्गा-भात सभी शामिल था। पारंपरिक रूप से हंडिया का सेवन भी। जो आम शादियों में होता है, लेकिन यह क्या यहां दुल्हन की जगह एक कुतिया शादी में वर के बगल में बैठी थी। ऐसा नजारा कभी-कभार ही देखने को मिलता है। झींकपानी प्रखंड के तिरिलपोसी गांव में भारत गोप ने अपने 10 माह के बेटे बालबिर गोप की शादी एक कुतिया से करा रहा था। जिससे उनके ऊपर लगा दोष मिट जाए। इस संबंध में जानकारी देते हुए मां बोती देवी ने कहा कि 13 फरवरी 2018 को सदर अस्पताल में सामान्य जन्म हुआ। जन्म के बाद से ही बेटा के ऊपरी हिस्से में दांत निकलना हुआ था। 10 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद घर आए, घर आने के एक माह बाद हाथ गरम कर दांत को दबा दिया थे। जिससे दांत अंदर चला गया था। फिर उनके ऊपर एक निकला उसे भी हाथ से दबा दिया तो वह भी अंदर चला गया लेकिन फिर से दोनों दांत ऊपर में निकल आए। समाज में मान्यता है कि जन्म से ऊपर में निकलने वाले दांत को कुत्ता दांत कहा जाता है। जन्म से दांत निकलने पर बच्चा हमेशा अस्वस्थ रहता है, बड़ा होने पर बच्चे की तबियत हमेशा खराब रहती है। जंगली क्षेत्र में जाने पर जगली जानवर सीधे उनके ऊपर ही हमला करते हैं। इन सभी से बचाव के लिए बचपन में ही एक कुतिया से शादी किया जाता है। इससे बच्चा पर लगा दोष दूर हो जाता है। इससे बच्चा हमेशा स्वास्थ्य व समृद्ध रहता है। उन्होंने कहा कि मान्यता है कि शादी के कुछ दिन बाद कुत्ते का मौत हो जाती है। सारा बच्चा पर लगा दोष कुत्ते पर चला जाता है। शादी में कुत्ता लेकर पहुंचे बारातियों को एक हंडी- हंडिया, मुर्गा, चावल समेत अन्य समान दिया गया। शादी पूरे रीति-रिवाज के साथ करते हुआ दुल्हा व दुल्हन बने कुतिया को साथ बैठा कर वर माला डाला गया। साथ ही ¨सदूर के साथ हाथ मंगनी भी कराया गया। इसके बाद गांव वालों को शादी की पार्टी भी दी गई।