रामनवमी आज, 42 अखाड़ों में एक साथ गूंजेगा जय श्रीराम
कोरोना संक्रमण को देखते हुए पश्चिम सिंहभूम जिले में रामनवमी की तैयारी पूरी हो गई। जिले भर के अखाड़े आज जय श्रीराम से गूंजेंगे।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : कोरोना संक्रमण को देखते हुए पश्चिम सिंहभूम जिले में रामनवमी की तैयारी पूरी हो गई। जिले भर के अखाड़े आज जय श्रीराम से गूंजेंगे। जिला मुख्यालय चाईबासा शहर महावीरी पताका से पटा है। अमलाटोला स्थित बाबा मंदिर में व उसके आसपास के इलाके में महावीरी पताका लगाए गए है। महावीर मंडल चाईबासा के अध्यक्ष चंदन पांडेय, महामंत्री राकेश पांडेय व संरक्षक अमित जायसवाल ने संयुक्त रूप से बताया कि बुधवार को रामनवमी है। चाईबासा शहर में 42 अखाड़ा हैं। सभी अखाड़ा के अध्यक्ष व महामंत्री को जिला प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देश बता दिये गए है। साथ ही सभी अखाड़ा को 100-100 मास्क भी पहुंचा दिया गया है, ताकि अखाड़ा में रहने वाले सभी लोग मास्क में रहें। अखाड़ा के बाहर मेन गेट पर सैनिटाइज रखवाया गया है। बुधवार को महावीर मंडल की कमेटी तीन जोन में बंटकर अखाड़ों का विचरण करेगी। टीम बाबा मंदिर से शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक सभी अखाड़ों में जाकर पुरस्कार के लिए निरीक्षण करेगी। इसके लिए तीन जोन में कमेटी को मंगलवार को बांट दिया गया है।
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कोविड-19 को देखते हुए महावीर मंडल ने जारी किये दिशा-निर्देश
- कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस वर्ष किसी भी अखाड़ा से रामनवमी की शोभायात्रा (जुलूस) नहीं निकाली जायेगी।
- किसी भी अखाड़ा से इस वर्ष महावीरी झंडा शहर में नहीं घुमाया जाएगा।
- अपने-अपने अखाड़ों में ही निश्चित दूरी के साथ मास्क का उपयोग करते हुए डंका बाजा बजाएंगे।
- अखाड़ा में दो गज की दूरी मास्क जरूरी, नो मास्क नो इंट्री
-प्रत्येक अखाड़ा में 50 से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित न होने दें
-अपने-अपने अखाड़ों में समुचित साफ-सफाई का ध्यान रखें।
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25 को सर्वश्रेष्ठ अखाड़ों को किया जायेगा पुरस्कृत
25 अप्रैल (रविवार) को रवींद्र भवन में महावीर मंडल चाईबासा की ओर से पुरस्कार वितरण किया जाएगा। इसमें सर्वश्रेष्ठ झंडा, सर्वश्रेष्ठ बाजा, सर्वश्रेष्ठ अनुशासन व सर्वश्रेष्ठ मंदिर साज-सज्जा शामिल है। प्रथम, द्वितीय व तृतीय अखाड़ों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
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--पुरस्कार के लिए यह रखे गये मापदंड
-सर्वश्रेष्ठ झंडा : अपने-अपने अखाड़ों में खूबसूरत तरीके एवं ज्यादा से ज्यादा दूरी तक झंडा लगाने वाले अखाड़ों को सम्मानित किया जाएगा।
-सर्वश्रेष्ठ डंका : अपने-अपने अखाड़ों में ही केसियो एवं डंके की धुन को ध्यान में रखते हुए अखाड़ों को सम्मानित किया जाएगा।
-सर्वश्रेष्ठ अनुशासन : महावीर मंडल की ओर से दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन करने वाले अखाड़ों को सम्मानित किया जाएगा।
-सर्वश्रेष्ठ मंदिर : मंदिर के आसपास की साफ-सफाई एवं साज-सज्जा, (लाइट, बत्ती, फूल व झंडा) को ध्यान में रखते हुए अखाड़ों को सम्मानित किया जाएगा।