एसीसी सीमेंट कंपनी कर रही तानाशाही : जॉन
अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा की ओर से सोमवार को एसीसी सीमेंट कारखाना झींकपानी, चाईबासा प्रबंधन के द्वारा जमीन मालिकों एवं मजदूरों के ऊपर अतिशोषण-अतिदमन किए जाने के संबंध में राज्यपाल के नाम झींकपानी बीडीओ को ज्ञापन सौंपा गया।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा की ओर से सोमवार को एसीसी सीमेंट कारखाना झींकपानी, चाईबासा प्रबंधन के द्वारा जमीन मालिकों एवं मजदूरों के ऊपर अतिशोषण-अतिदमन किए जाने के संबंध में राज्यपाल के नाम झींकपानी बीडीओ को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा के नेतृत्व में विशाल रैली निकाली गई। रैली को संबोधित करते हुए जॉन मुंडा ने कहा कि एसीसी सीमेंट कारखाना झींकपानी चाईबासा में वर्ष 1947 से स्थापित होकर लगातार सीमेंट एवं क्लीयर उत्पादन कर रही है और यहां के आदिवासी अपनी जमीन लीज देकर और मजदूर अपने श्रम का योगदान देकर कंपनी का हमेशा साथ देते रहे है। परंतु वर्ष 2001 के बाद यह कंपनी तानाशाही पर उतर आई है। पूर्व में कंपनी में 200 से ज्यादा स्थाई मजदूर थे। मजदूरों के घर-परिवार और क्षेत्र खुशहाल था परंतु अब बिल्कुल अलग स्थिति हो गई है और 70 सालों में जो विकास दिखना चाहिए क्षेत्र में अबतक दिखाई नहीं दे रहा है। आज जमीन मालिक कंपनी के नए लीज पर लगातार विरोध कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि कंपनी पूर्व के शर्तो एवं कानून के तहत खनन कार्य नहीं कर रही है। गलत तरीके से खनन कार्य होने के कारण आदिवासी अपनी जमीन से लगातार विस्थापित होते जा रहे हैं। इसमें से बहुत से जमीन मालिकों को आजतक न उचित मुआवजा और न ही स्थाई नौकरी मिली। इसका प्रमाण विधानसभा जांच समिति की रिपोर्ट में स्पष्ट पाया गया है। आज जमीन मालिक भूख और गरीबी से परेशान हैं फटेहाल हैं। आवेदन की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, कोल्हान आयुक्त, उपायुक्त, जिला खनन पदाधिकारी, सहायक श्रमायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी सदर के नाम प्रेषित किया गया। रैली में गोला मुंडा, पा¨सह लुगुन, सिदिऊ करोवा आदि उपस्थित थे।