वन विभाग की छापेमारी में 2288 किलो पोजो छाल जब्त
बुधवार को गोईलकेरा रेलवे स्टेशन में वन विभाग की टीम ने छापेमारी कर 104 बोरों में भरी अगरबत्ती बनाने वाली पोजो छाल जब्त की। जिसकी अनुमानित कीमत 2.5 से 3 लाख बताई जा रही है।
संवाद सूत्र, गोईलकेरा : बुधवार को गोईलकेरा रेलवे स्टेशन में वन विभाग की टीम ने छापेमारी कर 104 बोरों में भरी अगरबत्ती बनाने वाली पोजो छाल जब्त की। जिसकी अनुमानित कीमत 2.5 से 3 लाख बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार बुधवार को अहले सुबह कोल्हान रेंजर उमेश प्रसाद को गुप्त सूचना मिली कि गोईलकेरा रेलवे स्टेशन के दो नंबर प्लेटफार्म में भारी मात्रा में पोजो छाल बोरे में भर कर रखी हुई है। जिसे तस्कर पैसेंजर ट्रेन से ओडिशा ले जाने की फिराक में हैं। जानकारी मिलते ही रेंजर उमेश प्रसाद ने वन कर्मियों की टीम गठित कर गोईलकेरा स्टेशन में छापेमारी की। जहां दो नंबर प्लेटफार्म पर 104 बोरे में रखे पोजो छाल को जब्त किया गया। वन कर्मियों को देखकर तस्कर मौके से फरार हो गए। पोजो छाल को जब्त कर उसे गोईलकेरा कोल्हान क्षेत्र के ऑफिस में जमा कराया गया। रेंजर उमेश प्रसाद ने बताया कि कुल 104 बोरों में 2288 किलो पोजो छाल जब्त की गई है। जिसकी अनुमानित कीमत 2.5 से 3 लाख है। छापेमारी टीम में वनरक्षी राम बोदरा, मुकुंदर गागराई, वीणा किस्कू, अनिता सोरेन, रोहित महतो, संजय बानरा, योगेश्वर महतो आदि शामिल रहे। क्या है पोजो छाल
कोल्हान तथा पोड़ाहाट के जंगल में भारी यात्रा मात्रा में यह छाल पाई जाती है। जिसे स्थानीय भाषा में पोजो पेड़ कहा जाता है। जिसका बोटनिकल नाम लिटोसिया ग्लोटीनोसा है। इस छाल का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं, अगरबत्ती निर्माण, दर्द निवारक दवा आदि के निर्माण में किया जाता है। तस्कर स्थानीय ग्रामीणों को लालच देकर इन छाल को खरीदते हैं। बाद में इन छाल को शहरों में ऊंची कीमत में बेंच दिया जाता है।