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आदिवासियों के सर्वनाश के लिए जेएमएम और चर्च दोषी: सालखन मुर्मू

Salakhan Murmu. झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू के मुताबिक, आदिवासियों के सर्वनाश के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा और चर्च सबसे ज्यादा दोषी हैं।

By Edited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 08:16 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 12:58 PM (IST)
आदिवासियों के सर्वनाश के लिए जेएमएम और चर्च दोषी: सालखन मुर्मू
आदिवासियों के सर्वनाश के लिए जेएमएम और चर्च दोषी: सालखन मुर्मू

संवाद सहयोगी, चाईबासा। आदिवासियों के सर्वनाश के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और चर्च सबसे ज्यादा दोषी हैं, जिसने पिछले 40 वर्षों से आदिवासियों को ठगते हुए सबसे ज्यादा धोखा दिया है। यह बातें झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने मंगलवार को परिसदन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि झामुमो ने आदिवासी के हितों की रक्षा के बजाए हमेशा उन्हें ठगने का प्रयास किया। आदिवासियों का विकास जिस प्रकार होना चाहिए, उस प्रकार नहीं हुआ।

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सालखन ने चर्च पर हमला करते हुए कहा कि चर्च के अधिकांश धर्मगुरु आदिवासियों के अस्तित्व की रक्षा के लिए कुछ नहीं करते हैं। वह अपने चेलों के द्वारा चुनाव के समय झामुमो और कांग्रेस को वोट देने भर का निर्देश देकर इतिश्री कर लेते हैं। इनको आदिवासियत से ज्यादा ईसाइयत प्यारी है। इसलिए झामुमो के साथ ईसाई धर्म गुरु भी झारखंड की बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं। दोनों के पास बेहतर संसाधन और संगठन है लेकिन इन दोनों ने कभी भी आदिवासियों को हड़िया, दारु, धोती-साड़ी से बाहर आने ही नहीं दिया। इसके अलावा नशापान, डायन प्रथा, अंधविश्वास और गलत परंपरा आदि से आदिवासी समाज को बाहर आने की शिक्षा कभी नहीं दी। जिससे दोनों की दुकानें चलती रहीं।

उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा आदिवासी स्वशासन पद्धति के प्रमुख माझी, जोगमाझी, नाइके आदि को सम्मान राशि देना सराहनीय है। लेकिन यह राशि न्यूनतम पांच हजार तक होनी चाहिए। साथ ही, यह लाभ केवल सरना आदिवासी प्रतिनिधियों को मिले। धर्म परिवर्तन किए लोगों को नहीं, स्वशासन प्रमुखों का चयन जनतांत्रिक तरीके से हो, ताकि वंशपरंपरागत ढंग से चयनित अशिक्षित लोगों की जगह शिक्षित लोग समाज को आगे बढ़ा सकें।


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