सिंहभूम क्षेत्र में आसान नहीं गीता कोड़ा की राह
दो बार जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी गीता कोड़ा को पिछले लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान प्राप्त हुआ था।
रमेश कुमार सिंह, मनोहरपुर : दो बार जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी गीता कोड़ा को पिछले लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान प्राप्त हुआ था। उन्हें दो लाख 15 हजार 709 वोट प्राप्त हुए थे। इसबार वह कांग्रेस प्रत्याशी हैं। उनके लिए सिंहभूम की राह आसान नहीं है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी से पहले उन्हें गठबंधन के साथियों को साधना होगा। इन्हें झामुमो के पांचों विधायकों और कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में करना होगा।
2014 के चुनाव परिणाम का आकलन करें तो गठबंधन प्रत्याशी होने के नाते भाजपा विरोधी मतों का योग गीता कोड़ा की जीत की ओर इशारा करते हैं। तब इस क्षेत्र में कुल 11 लाख 52 हजार 632 वोटर थे। इनमें पांच लाख 69 हजार 300 महिला वोटर थीं। वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या पांच लाख 83 हजार 330 थी। उस समय लक्ष्मण गिलुवा 3 लाख 3 हजार 131 वोट प्राप्त कर विजयी रहे थे। तीसरे स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी चित्रसेन सिकू ने एक लाख एक हजार 796 वोट प्राप्त किया था। चौथे स्थान पर झाविमो के दशरथ गागराई ने 35 हजार वोट प्राप्त किए थे। लक्ष्मण गिलुवा के वोट छोड़कर बाकी तीनों के वोट जोड़ कर देखें तो करीब तीन लाख 52 हजार 403 वोट हो जाते हैं। ऐसे में महागठबंधन धर्म का ईमानदारी से पालन हुआ तो गीता कोड़ा की राह आसान हो जाएगी। लेकिन जिस क्षेत्र के छह में से पांच विधायक झामुमो के हों और कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं, ऐसे में कांग्रेस के पाले में सीट जाने की बात झामुमो नेता और कार्यकर्ता हजम नहीं कर पा रहे हैं। गीता कोड़ा को कांग्रेस प्रत्याशी बनाये जाने के बाद झामुमो विधायक, पूर्व विधायक व कार्यकर्ता कई बार बैठक कर बगावती तेवर दिखा चुके हैं। गीता इस बगावत को कैसे रोक पाती हैं, देखने वाली बात होगी। दरअसल, झामुमो विधायकों को डर है कि गीता कोड़ा लोकसभा चुनाव जीत जाती हैं तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उनकी सीटों पर दावेदारी करने लगेगी।