हीरामणि का पशु प्रेम, मृत हाथी का बनवा दिया 40 फीट ऊंचा स्मारक
पश्चिम ¨सहभूम की जैंतगढ़ सीमा से सटे ओडिशा के चंपुआ जिला अंतर्गत जाली पंचायत के सरपंच हीरामणि ¨सह का पशु प्रेम रंग लाया। हमेशा पशुओं के लिए कुछ सोचने और जीवों से सहानुभूति रखने वाले सरपंच ने दुर्घटना में मृत हाथी का समाधि स्थल बनाकर एक मिसाल कायम की है।
संवाद सूत्र, जैंतगढ़ : पश्चिम ¨सहभूम की जैंतगढ़ सीमा से सटे ओडिशा के चंपुआ जिला अंतर्गत जाली पंचायत के सरपंच हीरामणि ¨सह का पशु प्रेम रंग लाया। हमेशा पशुओं के लिए कुछ सोचने और जीवों से सहानुभूति रखने वाले सरपंच ने दुर्घटना में मृत हाथी का समाधि स्थल बनाकर एक मिसाल कायम की है। अपने दोस्तों और ग्रामीणों के सहयोग से उन्होंने बरधना नाला किनारे 40 फीट ऊंचे हाथी मीनार की स्थापना की। कहानी जाली पंचायत अंतर्गत वर्धना गांव की है। सात सितंबर 2009 को हाथियों का एक झुंड बरधना गांव पहुंचा था। यहां नाला किनारे झूलते बिजली के तार की चपेट में आने से एक हाथी की दर्दनाक मौत हो गई थी। सरपंच हीरामणि ¨सह ने वन विभाग के सहयोग से पोस्टमार्टम के बाद इसी नाला किनारे हाथी को दफन किया था। तब से उन्होंने हाथी की याद में एक स्मारक बनाने की ठानी थी। अपने सहयोगियों हरेकृष्ण नायक, चरण तांती, लक्ष्मीधर नायक, सुषमा नायक, प्रमिला नायक, दमयंती नायक, प्रतिमा नायक, तुलसी नायक के अलावा कीर्तन मंडली डांस ग्रुप ने सहयोग किया। नौ साल बाद ये हाथी मीनार बनकर पूर्ण हुआ है।