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नहीं मिल रहा पुआल, आधा पेट चारा खा रहे दुधारू पशु

सुधीर पांडेय चाईबासा लॉकडाउन के कारण पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा है। ये बेजुब

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 08:03 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 08:03 PM (IST)
नहीं मिल रहा पुआल, आधा पेट चारा खा रहे दुधारू पशु
नहीं मिल रहा पुआल, आधा पेट चारा खा रहे दुधारू पशु

सुधीर पांडेय चाईबासा : लॉकडाउन के कारण पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा है। ये बेजुबान पशु आधा पेट चारा खा रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गाय-भैंस को आ रही है। पुआल नहीं मिलने के कारण इनका जीवन संकट में पड़ने वाला है। चाईबासा में करीब 200 छोटे-बड़े ग्वाला दूध की आपूर्ति से जुड़े हैं। चाईबासा में सरायकेला-खरसावां जिलांतर्गत राजनगर के खैरबनी से पुआल की आपूर्ति की जाती है। साधारण दिनों में हर दिन 5-6 गाड़ी पुआल चाईबासा आता था। अब पुआल आना बंद है। लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने तेलई के पास बैरिकैडिग कर दी है। राजनगर से चाईबासा की ओर गाड़ियों को आने नहीं दिया जा रहा। वहीं, संक्रमण के खतरे को देखते हुए खैरबनी व आसपास के गांवों में पुआल खरीदने वालों को घुसने नहीं दिया जा रहा। इस कारण पुआल की आपूर्ति पिछले तीन दिन से चाईबासा में नहीं हो रही है। चाईबासा के दूध विक्रेता राजकुमार यादव कहते हैं कि हम लोग अपना पेट तो भर ले रहे हैं मगर दुधारू पशु को भरपेट चारा नहीं खिला पा रहे। मेरे पास दो दिन का चारा शेष है। अगर जल्द ही पुआल की व्यवस्था नहीं हो पाई तो पशुओं का जीवन संकट में आ जायेगा। भरपूर मात्रा में पुआल चारा नहीं मिलने के कारण गाय-भैंस रातभर छटपटाती रहती हैं।

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ग्वाला संतोष यादव ने पुआल को लेकर उत्पन्न चिता को जाहिर करते हुए कहा कि मेरे पास पशु चारा खत्म हो गया है। यहां घास भी उपलब्ध नहीं है। गाय-गोरु को बाहर छोड़ नहीं सकते। सदर अनुमंडल पदाधिकारी को इस समस्या से अवगत कराते हुए गाड़ी का पास निर्गत करने के लिए कहा गया है मगर गाड़ी पास जारी होने के बाद भी समस्या का हल नहीं हो पाएगा क्योंकि खैरबनी गांव में बाहर के लोगों को घुसने नहीं दिया जा रहा है। पुआल तभी मिलेगा जब प्रशासन पहल कर वहां के मुंडा-मुखिया के जरिए पुआल की आपूर्ति करने में सहयोग मिलेगा। यह समस्या केवल चाईबासा ही नहीं बल्कि पूरे जिले की है। नोवामुंडी, चक्रधरपुर, झींकपानी समेत हर उस इलाके में उत्पन्न हो गई है जो चारा के रूप में पुआल का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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जिले में जहां भी इस तरह की दिक्कत आ रही है वो संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी से मिलकर पुआल गाड़ी के लिए पास बनवा लें। पशु चारा के लिए पशुपालन पदाधिकारी से भी वो संपर्क कर सकते हैं। प्रशासन हर तरह से पशु चारा उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।

- अरवा राजकमल, उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम।

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मांग घटने से बर्बाद हो रहा दूध

लॉकडाउन के कारण चाईबासा में सभी होटल अथवा मिष्ठान भंडार बंद है। इस कारण स्थानीय स्तर पर दूध की सप्लाई नहीं हो रही। हर दिन कई लीटर दूध बर्बाद हो जा रहा है। दूध बेचने वाले भगत यादव व राकेश गोप ने बताया कि चाईबासा में करीब-करीब सभी ग्वाला होटलों व मिष्ठान भंडार में दूध देते हैं। प्रतिष्ठानों के बंद हो जाने के कारण दूध बेचना बंद करना पड़ा है। कई घरों ने भी लोगों ने कोरोना वायरस के भय से दूध मंगाना बंद कर दिया है। इससे हम लोगों को बड़ा नुकसान हो रहा है। एक टाइम ही दूध दुह रहे हैं। इससे गाय-भैंस का थन बेकार होने का खतरा है। दोनों टाइम दूध दुहने पर बचे दूध का पनीर व खोवा बनाते हैं मगर इसकी भी मांग नहीं होने के कारण यह सड़कर खराब हो रहा है। बचे दूध को औने-पौने दाम में बेचना पड़ जा रहा है।


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